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आर्केस्ट्रा आर्टिस्ट से छेड़छाड़ के आरोपी की जमानत खारिज, जानिए क्या है पूरा मामला? - ALLAHABAD HIGH COURT

पीड़िता ने आर्केस्ट्रा आर्गेनाइजर व उसके दोस्त पर शराब के नशे में छेड़छाड़ करने का लगाया था आरोप.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 14 hours ago

Updated : 6 hours ago

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आर्केस्ट्रा आर्टिस्ट के साथ छेड़छाड़ करने व रेप की धमकी देने के आरोपी को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि आरोप अविश्वसनीय नहीं प्रतीत होता. पीड़िता के बयान व एफआईआर के तथ्यों में कोई विरोधाभास नहीं है. आरोप गंभीर है. याची का आपराधिक इतिहास भी है. अपराध में दंडित होने की संभावना को देखते हुए उसे जमानत पर रिहा करने का आधार नहीं है.

यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने आरोपी मनीष कुमार यादव की जमानत अर्जी खारिज करते हुए दिया है. कोर्ट ने कहा कि आर्केस्ट्रा आयोजकों को गायक व डांसर की इज्जत करनी चाहिए. उन्हें भी गरिमामय जीवन का अधिकार है. अक्सर सुनाई देता है कि आर्टिस्ट का मानसिक व शारीरिक शोषण किया जाता है. समाज में भी आर्केस्ट्रा आर्टिस्ट को अलग तरीके से देखा जाता है. उनके मानवाधिकार को कमतर समझा जाता है. आर्टिस्ट की गरिमा उसके आर्ट में है. आर्केस्ट्रा आर्गेनाइजर की जिम्मेदारी है कि वह स्थान व माहौल सुरक्षित व शांतिपूर्ण रखे और महिला का सम्मान करे.

पीड़िता ने वाराणसी के मंडुआडीह थाने में याची व उसके दोस्त पर शराब के नशे में छेड़छाड़ करने और पुलिस को शिकायत करने पर रेप की धमकी देने के आरोप में गत चार अक्टूबर को एफआईआर दर्ज कराई थी. आरोपी याची का कहना था कि आरोप झूठे हैं. वह आर्केस्ट्रा आर्गेनाइजर है. पीड़िता ने उससे 25 हजार रुपये कर्ज लिया और देने से इनकार कर दिया. साथ ही उल्टे उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी. वह गत पांच अक्टूबर से जेल में बंद है. सरकारी वकील ने जमानत याचिका का विरोध किया. उन्होंने कहा कि याची के खिलाफ तीन आपराधिक केस दर्ज हैं.

यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट ने तलाक का केस ट्रांसफर करने से इंकार किया, याची को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पैरवी की छूट - ALLAHABAD HIGH COURT

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आर्केस्ट्रा आर्टिस्ट के साथ छेड़छाड़ करने व रेप की धमकी देने के आरोपी को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि आरोप अविश्वसनीय नहीं प्रतीत होता. पीड़िता के बयान व एफआईआर के तथ्यों में कोई विरोधाभास नहीं है. आरोप गंभीर है. याची का आपराधिक इतिहास भी है. अपराध में दंडित होने की संभावना को देखते हुए उसे जमानत पर रिहा करने का आधार नहीं है.

यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने आरोपी मनीष कुमार यादव की जमानत अर्जी खारिज करते हुए दिया है. कोर्ट ने कहा कि आर्केस्ट्रा आयोजकों को गायक व डांसर की इज्जत करनी चाहिए. उन्हें भी गरिमामय जीवन का अधिकार है. अक्सर सुनाई देता है कि आर्टिस्ट का मानसिक व शारीरिक शोषण किया जाता है. समाज में भी आर्केस्ट्रा आर्टिस्ट को अलग तरीके से देखा जाता है. उनके मानवाधिकार को कमतर समझा जाता है. आर्टिस्ट की गरिमा उसके आर्ट में है. आर्केस्ट्रा आर्गेनाइजर की जिम्मेदारी है कि वह स्थान व माहौल सुरक्षित व शांतिपूर्ण रखे और महिला का सम्मान करे.

पीड़िता ने वाराणसी के मंडुआडीह थाने में याची व उसके दोस्त पर शराब के नशे में छेड़छाड़ करने और पुलिस को शिकायत करने पर रेप की धमकी देने के आरोप में गत चार अक्टूबर को एफआईआर दर्ज कराई थी. आरोपी याची का कहना था कि आरोप झूठे हैं. वह आर्केस्ट्रा आर्गेनाइजर है. पीड़िता ने उससे 25 हजार रुपये कर्ज लिया और देने से इनकार कर दिया. साथ ही उल्टे उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी. वह गत पांच अक्टूबर से जेल में बंद है. सरकारी वकील ने जमानत याचिका का विरोध किया. उन्होंने कहा कि याची के खिलाफ तीन आपराधिक केस दर्ज हैं.

यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट ने तलाक का केस ट्रांसफर करने से इंकार किया, याची को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पैरवी की छूट - ALLAHABAD HIGH COURT

Last Updated : 6 hours ago
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