चंदौली: मनराजपुर कांड मामले में सियासी दांवपेंच का असर अब दिखने लगा है. चंदौली पुलिस प्रशासन ने अब इसे पूरे मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी है. लेकिन इस घटना में सीबीसीआईडी जांच ही अंतिम जांच एजेंसी होगी यह कहना अभी जल्दबाजी होगी. वाराणसी आईजी के सत्य नारायण ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि शासन के निर्देश पर चंदौली पुलिस से यह जांच सीबीसीआईडी को सौंपी दी गई. इसके बाद लखनऊ सीबीसीआईडी की गठित टीम इस पूरे मामले की जांच करेगी.
गौरतलब है कि इससे पहले भी दो जांच एजेंसी बदली जा चुकी है. इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच चल रही थी. इससे पहले इसकी जांच सीओ सकलडीहा अनिरुद्ध सिंह कर रहे थे. लेकिन परिवार और सभी राजनैतिक पार्टियां शुरू से ही पुलिस की जांच पर सवाल खड़े करते हुए स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग कर रहे थे, जिसके बाद अब सीबीसीआईडी को जांच सौंप दी गई है.
सोमवार को मनराजपुर पहुंचे सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इस घटना के लिए सरकार और पुलिस पर आरोपियों को बचाने के गंभीर आरोप लगाए और इस पूरे मामले की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग की. जिसके बाद से सरकार और पुलिस प्रशासन दबाव में थी. मंगलवार को शासन की तरफ से सीबीसीआईडी की सिफारिश की गई.
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बता दें कि 1 मई को सैयदराजा पुलिस कन्हैया यादव के घर दबिश देने गई थी. लेकिन, जिला बदर के आरोपी कन्हैया यादव घर पर नहीं मिले. इस बीच कथित रूप से पुलिस की पिटाई से मौत की खबर सामने आई, जिसके बाद पुलिस बैकफुट पर चली गई. वहीं, सपा नेता कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए. पीड़ित परिवार का आरोप है कि पहले पुलिस ने मृतक गुड़िया को पीटा, फिर फंदे से लटका दिया. मामला तूल पकड़ता देख कमिश्नर और आईजी मौके पर पहुंचे. डीएम ने एसएचओ सैयदराजा उदय प्रताप सिंह को सस्पेंड करते हुए उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया. जबकि परिवार के लोग हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग कर रहे है.
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