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चंदौली में आधी रात को एम्बुलेंस कर्मियों ने सशर्त समाप्त की हड़ताल, CMO ने दिया आश्वासन

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Published : Jul 28, 2021, 2:49 AM IST

यूपी के चंदौली में पिछले 5 दिनों से चल रही हड़ताल को एम्बुलेंस कर्मियों ने सशर्त समाप्त कर दिया है.हड़ताल समाप्त किए जाने को लेकर सीएमओ कार्यालय पर आधी रात को वार्ता हुई थी. सीएमओ वीपी द्विवेदी ने बताया की जिले में 5 दिनों से चल रहे आंदोलन को खत्म करा दिया गया है. उनकी जॉब सेफ्टी और निर्धारित मानदेय दिए जाने की बात कंपनी की तरफ कही गई है. साथ ही इस आंदोलन के चलते जिन एम्बुलेंस कर्मियों को हटाया गया है, उनको दोबारा नौकरी पर रखा जाएगा.

आधी रात को एम्बुलेंस कर्मियों ने सशर्त समाप्त की हड़ताल
आधी रात को एम्बुलेंस कर्मियों ने सशर्त समाप्त की हड़ताल

चंदौली: उत्तर प्रदेश में एम्बुलेंस कर्मी अपनी मांगों को लेकर धरनारत(ambulance workers strike in UP) हैं, लेकिन चंदौली में आधी रात को सीएमओ कार्यालय पर हुई वार्ता के बाद एम्बुलेंस कर्मियों ने सशर्त अपना आंदोलन वापस ले लिया है. सीएमओ वीपी द्विवेदी ने भी एम्बुलेंस कर्मियों को भरोसा दिया कि उनकी पुनर्वापसी समेत अन्य मांगों को पूरा कराया जाएगा. एम्बुलेंस कर्मियों के धरने से वापसी के बाद एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी. हालांकि इस मीटिंग के दौरान भारी पुलिस बल भी मौजूद रहा.

यूपी में ठप्प है एम्बुलेंस सेवा
बता दें, नौकरी से निकाले गए एक हजार कर्मचारियों को दोबारा बहाल करने, बकाया मानदेय देने, कोरोना कॉल में मृत कर्मियों के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा देने की मांग को लेकर 108 और 102 एंबुलेंस के 19 हजार कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. ये सभी कर्मचारी पहले जीवीके कंपनी के लिए काम करते थे. लेकिन, अब इसका जिम्मा नई कंपनी जिगित्जा को दे दिया गया है. प्रदेश में एस्मा लागू होने के बावजूद भी राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों में एम्बुलेंस कर्मी हड़ताल (ambulance workers strike in UP) पर हैं. ऐसे में मरीजों को काफी मुश्किलों का समाना करना पड़ रहा है. मरीज एम्बुलेंस सेवा के कॉल सेंटर में फोन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें एम्बुलेंस सेवा नहीं मिल रही है.

मानदेय और समायोजन पर हुई बात
चंदौली में सीएमओ कार्यालय में हुई बैठक के दौरान सीडीओ अजितेंद्र पण्डेय, सीएमओ वीपी द्विवेदी के अलावा एम्बुलेंस कर्मियों का एक प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहा. इस दौरान एम्बुलेंस कर्मियों ने बताया की एएलएस एम्बुलेंस सेवा का संचालन पहले जीवीकेईएमआरआई कंपनी करती थी, लेकिन अब इससे जिगित्जा हेल्थ केयर कंपनी को सौंप दिया गया है. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने एएलएस के सभी कर्मियों का नई कंपनी में समायोजन तय मानदेय पर करने और 108-102 कर्मियों का मानदेय बढ़ाने की मांग की. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने कोरोना काल में जान गंवाने वाले एम्बुलेंस कर्मियों के आश्रितों को 50 लाख रुपए की बीमा राशि और सहायता सरकार की तरफ से जारी करने और कंपनी बदलने में वेतन में किसी तरह की कटौती नहीं किए जाने की मांग की है.

सीडीओ ने आश्वासन पर माने एम्बुलेंस कर्मी
इस वार्ता के दौरान सीडीओ अजितेंद्र पण्डेय ने नई कंपनी जिगित्जा के उच्चधिकारियों से साथ बातचीत की. जिसके बाद उन्होंने बताया कि सभी एम्बुलेंस कर्मियों को समायोजित किया जाएगा. साथ ही उनके मानदेय में कोई कटौती नहीं की जाएगी. इसके अलावा सिक्योरिटी मनी की धनराशि न लिए जाने भी बात कही. जिसके बाद सीडीओ और सीएमओ के आश्वासन पर एम्बुलेंस कर्मियों ने आंदोलन खत्म करने की बात कही.

बहाल हुई एम्बुलेंस सेवा
इस बाबत सीएमओ वीपी द्विवेदी ने बताया की जिले में 5 दिनों से चल रहे आंदोलन को खत्म करा दिया गया है. उनकी जॉब सेफ्टी और निर्धारित मानदेय दिए जाने की बात कंपनी की तरफ कही गई है. साथ ही इस आंदोलन के चलते जिन एम्बुलेंस कर्मियों को हटाया गया है, उनको दोबारा नौकरी पर रखा जाएगा. बुधवार से एम्बुलेंस निर्बाध रूप से चलेंगी.

चंदौली: उत्तर प्रदेश में एम्बुलेंस कर्मी अपनी मांगों को लेकर धरनारत(ambulance workers strike in UP) हैं, लेकिन चंदौली में आधी रात को सीएमओ कार्यालय पर हुई वार्ता के बाद एम्बुलेंस कर्मियों ने सशर्त अपना आंदोलन वापस ले लिया है. सीएमओ वीपी द्विवेदी ने भी एम्बुलेंस कर्मियों को भरोसा दिया कि उनकी पुनर्वापसी समेत अन्य मांगों को पूरा कराया जाएगा. एम्बुलेंस कर्मियों के धरने से वापसी के बाद एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी. हालांकि इस मीटिंग के दौरान भारी पुलिस बल भी मौजूद रहा.

यूपी में ठप्प है एम्बुलेंस सेवा
बता दें, नौकरी से निकाले गए एक हजार कर्मचारियों को दोबारा बहाल करने, बकाया मानदेय देने, कोरोना कॉल में मृत कर्मियों के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा देने की मांग को लेकर 108 और 102 एंबुलेंस के 19 हजार कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. ये सभी कर्मचारी पहले जीवीके कंपनी के लिए काम करते थे. लेकिन, अब इसका जिम्मा नई कंपनी जिगित्जा को दे दिया गया है. प्रदेश में एस्मा लागू होने के बावजूद भी राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों में एम्बुलेंस कर्मी हड़ताल (ambulance workers strike in UP) पर हैं. ऐसे में मरीजों को काफी मुश्किलों का समाना करना पड़ रहा है. मरीज एम्बुलेंस सेवा के कॉल सेंटर में फोन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें एम्बुलेंस सेवा नहीं मिल रही है.

मानदेय और समायोजन पर हुई बात
चंदौली में सीएमओ कार्यालय में हुई बैठक के दौरान सीडीओ अजितेंद्र पण्डेय, सीएमओ वीपी द्विवेदी के अलावा एम्बुलेंस कर्मियों का एक प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहा. इस दौरान एम्बुलेंस कर्मियों ने बताया की एएलएस एम्बुलेंस सेवा का संचालन पहले जीवीकेईएमआरआई कंपनी करती थी, लेकिन अब इससे जिगित्जा हेल्थ केयर कंपनी को सौंप दिया गया है. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने एएलएस के सभी कर्मियों का नई कंपनी में समायोजन तय मानदेय पर करने और 108-102 कर्मियों का मानदेय बढ़ाने की मांग की. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने कोरोना काल में जान गंवाने वाले एम्बुलेंस कर्मियों के आश्रितों को 50 लाख रुपए की बीमा राशि और सहायता सरकार की तरफ से जारी करने और कंपनी बदलने में वेतन में किसी तरह की कटौती नहीं किए जाने की मांग की है.

सीडीओ ने आश्वासन पर माने एम्बुलेंस कर्मी
इस वार्ता के दौरान सीडीओ अजितेंद्र पण्डेय ने नई कंपनी जिगित्जा के उच्चधिकारियों से साथ बातचीत की. जिसके बाद उन्होंने बताया कि सभी एम्बुलेंस कर्मियों को समायोजित किया जाएगा. साथ ही उनके मानदेय में कोई कटौती नहीं की जाएगी. इसके अलावा सिक्योरिटी मनी की धनराशि न लिए जाने भी बात कही. जिसके बाद सीडीओ और सीएमओ के आश्वासन पर एम्बुलेंस कर्मियों ने आंदोलन खत्म करने की बात कही.

बहाल हुई एम्बुलेंस सेवा
इस बाबत सीएमओ वीपी द्विवेदी ने बताया की जिले में 5 दिनों से चल रहे आंदोलन को खत्म करा दिया गया है. उनकी जॉब सेफ्टी और निर्धारित मानदेय दिए जाने की बात कंपनी की तरफ कही गई है. साथ ही इस आंदोलन के चलते जिन एम्बुलेंस कर्मियों को हटाया गया है, उनको दोबारा नौकरी पर रखा जाएगा. बुधवार से एम्बुलेंस निर्बाध रूप से चलेंगी.

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