चंदौलीः जिला मुख्यालय निर्माण के लिए चलाया जा रहा आंदोलन लगातार जारी है. इसी कड़ी में अधिवक्ताओं ने गुरुवार को पंडित कमलापति त्रिपाठी उद्यान में प्रायश्चित सभा का आयोजन किया. अधिवक्ताओं ने इस दौरान राष्ट्रगान और कचहरी के बाद अधिवक्ता उद्यान में एकत्रित हुए और पूरे विधि-विधान से पंडित कमलापति त्रिपाठी की प्रतिमा का अभिषेक किया. उन्होंने पंडित कमलापति त्रिपाठी का माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. साथ ही उनसे क्षमायाचना भी की.
अधिवक्ताओं ने कहा कि हम सभी के पूर्वजों से जाने-अनजाने में कुछ गलतियां हो गयी थी, जिससे पंडित कमलापति त्रिपाठी आहत हुए थे. इसकी वजह से वह उनके चंदौली छोड़कर जाने के बाद यहां का विकास रुक गया. जनपद बनने के 26 साल बाद भी चंदौली जिला मुख्यालय निर्माण के लिए तरस रहा है. लिहाजा सभी ने अपने पूर्वजों की तरफ से क्षमा याचना की है.
पंडित कमलापति त्रिपाठी चंदौली के शिल्पकारः इस दौरान रामकृत ने कहा कि पंडित कमलापति त्रिपाठी एक राजनीतिक व्यक्ति ही नहीं, बल्कि चंदौली जिले के शिल्पकार और महर्षि रहे. उन्होंने हर गरीब-अमीर को एक समान सम्मान दिया. चंदौली में पहली बार पंडित कमलापति त्रिपाठी के जाने के बाद इतना सम्मान अधिवक्ता समाज ने उनको दिया है. रामकृत ने आगे कहा कि हर एक ऐसे नेक दिल इंसान को समय-समय पर याद करते हुए, उन्हें सम्मान दिया जाना चाहिए. इस दौरान न्यायालय संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष धनंजय सिंह ने आह्वान किया कि यह आंदोलन पंडित कमलापति के आशीर्वाद से अब और मजबूती के साथ आगे बढ़ेगा.
कांग्रेस प्रतिनिधित्व खत्म होने के कारण रुका विकास: कांग्रेस जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र तिवारी इस दौरान भाजपा सरकार पर हमलावर रहे. उन्होंने अधिवक्ताओं के प्रायश्चित सभा का जिक्र करते हुए कहा कि 1989 के बाद चंदौली से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व खत्म हुआ. तब से आज 35 वर्षों तक इस जिले के विकास के नाम पर पूर्व की सरकारों व जनप्रतिनिधियों एवं तत्कालीन सरकार ने विकास के नाम पर यहां की जनता के साथ छल किया है. आज चन्दौली अपनी दुर्दशा पर रो रहा है. 35 से 40 वर्ष पूर्व में कांग्रेस की सरकार में पंडित जी के द्वारा कराए गए, विकास कार्यों की पूर्व एवं वर्तमान सरकारों द्वारा मरम्मत तक नहीं करा पा रहे हैं.
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