चंदौली: कोविड काल में दर्ज मुकदमे में सुनवाई में लगातार गैरहाजिर चल रहे आरोपी सपा नेताओं को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया. बुधवार को न्यायालय में सुनवाई के दौरान पूर्व सांसद रामकिशुन यादव, पूर्व विधायक पूनम सोनकर, सपा जिलाध्यक्ष सत्यनरायन राजभर, महासचिव नफीस अहमद, पूर्व जिलाध्यक्ष बलिराम यादव, संतोष यादव व पूर्व प्रमुख बाबूलाल उपस्थित हुए. इस दौरान अधिवक्ता अशफाक अहमद, अजय मौर्या व सुनील सिंह ने सपा नेताओं का पक्ष रखते हुए सभी की जमानत कराई. न्यायालय ने सपा नेताओं को 20 हजार रुपये की जमानत राशि का बंध-पत्र लेकर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.
कोविड-19 काल में समाजवादी पार्टी के नेताओं ने चंदौली में किसान बेरोजगार हुंकार भरो पदयात्रा(Farmer unemployed hunkar bharo padyatra) निकाली थी. जिसे पर चंदौली कोतवाली पुलिस ने सपा के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव समेत पूर्व विधायक मनोज कुमार सिंह डब्लू, पूर्व विधायक पूनम सोनकर , जिलाध्यक्ष सत्यनारायन राजभर, पूर्व प्रमुख बाबूलाल यादव, मनोज सिंह काका, बलिराम यादव समेत 500 अज्ञात सपाइयों के खिलाफ कई धाराओं के साथ ही महामारी अधिनियम-1897 की धारा और अपदा प्रबंधन की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया.
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इस मामले में सैयदराजा के पूर्व विधायम मनोज कुमार सिंह डब्लू ने पहले ही न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होकर जमानत पर रिहा हो चुके थे. वहीं, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने सपा के अन्य नेताओं के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करते हुए 21 सितंबर को सुनवाई के दौरान न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया. वारंट जारी होने के बाद बुधवार को पूर्व सांसद रामकिशुन, पूनम सोनकर, सपा जिलाध्यक्ष सत्यनरायन राजभर, बाबूलाल यादव, महासचिव नफीस अहमद ने अधिवक्ता के जरिए अपना पक्ष रखा. न्यायालय ने सभी सपा नेताओं को 20 हजार रुपये के जमानत पर रिहा कर दिया.
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