चंदौली: विशेष न्यायाधीश पॉक्सो राजेंद्र प्रसाद की अदालत ने सोमवार को नाबालिग से दुष्कर्म के मामले की सुनवाई की. इस दौरान साक्ष्य व सुबूत के आधार पर आरोपी आनन्द को 20 साल की कठोर कारावास की सजा का फैसला सुनाया. वहीं 10 हजार रुपया अर्थदंड से दंडित किया. वहीं, उसके भाई दोषी अजीत को चार साल की सजा और पांच हजार रुपया जुर्माना लगाया. धारा 366 आईपीसी के तहत पांच 5 वर्ष की कारावास व हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई. अर्थदंड अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतने का निर्देश दिया. अभियोजन की तरफ से विशेष अधिवक्ता पाक्सो शमशेर बहादुर सिंह, अवधेश सिंह व रमाकांत उपाध्याय ने मुकदमे की पैरवी की.
अधिवक्ता शमशेर सिंह ने बताया कि सकलडीहा थाना क्षेत्र की 15 वर्षीय पीड़िता के पिता का आरोप था कि 27 अक्तूबर 2017 की शाम करीब पांच बजे बेटी गांव के बाहर शौच के लिए गई थी. काफी देर बाद वह घर नहीं आई तो खोजबीन की गई लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला. इस बीच दो लोगों से पता चला कि आनन्द व अजीत पुत्री को शादी का झांसा देकर अपने साथ बहला-फुसलाकर ले गए हैं. सकलडीहा स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं.
इस संबंध में 11 नवंबर 2017 को सकलडीहा थाने में तहरीर दी. हालांकि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. इससे पीड़िता के पिता ने एसपी को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई. एसपी के निर्देश पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की थी. इसके बाद पुलिस ने लड़की को बरामद किया था. पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि अभियुक्त आनंद और अजीत पुत्र राजनाथ उसे बेहोश कर मोटरसाइकिल पर बैठाकर अज्ञात स्थान पर ले गए. होश आया तो खुद को बंद कमरे में पाया. इस दौरान आनंद ने कई बार रेप किया. वहीं अजीत कमरे के बाहर रहता था.
इस पूरे प्रकरण का आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया. इसकी सुनवाई विशेष न्यायाधीश पॉक्सो की कोर्ट में की गई. इस दौरान विशेष न्यायाधीश ने आरोप सिद्ध होने पर आनन्द को धारा 4 (2) पॉक्सो एक्ट के तहत 20 वर्ष की कठोर कारावास और 10 हजार रुपया जुर्माना लगाया. वहीं, दोषी अजीत को धारा 3 आईपीसी के तहत चार साल की सजा और पांच हजार रुपया जुर्माना लगाया. धारा 366 आईपीसी के तहत पांच 5 वर्ष की कारावास व हजार रुपए जुर्माने की सजा मुकर्रर की गई.
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