मुरादाबाद: पूरे देश में लॉकडाउन लागू होने के बाद, जहां एक तरफ लोगों को घरों में रहने के आदेश है वहीं दूसरे जनपदों और राज्यों में काम करने वाले मजदूर पैदल अपने घरों को लौट रहे हैं. मुरादाबाद स्थित नेशनल हाइवे पर बड़ी संख्या में पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मजदूरी कर रहें लोग वापस अपने घर लौटते नजर आ रहे हैं.
रामपुर, बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश के रहने वाले मजदूर अब तक पैदल सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं और अभी भी आगे के सफर को जारी रखे हुए है. ईटीवी भारत से बातचीत में इन मजदूरों ने अपनी आपबीती बताई साथ ही प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
पिछले दो दिनों से पैदल चल रहे ये पन्द्रह युवकों का समूह सहारनपुर के देवबंद से वापस लौट कर आया है. देवबंद क्षेत्र में टाइल्स का काम करने वाले इन मजदूरों को लॉकडाउन के बाद घर लौटना मजबूरी थी. ये सभी युवक लखीमपुर खीरी जनपद के नानपारा इलाके के रहने वाले हैं और पिछले कई महीनों से देवबंद में काम कर रहें थे.
कोरोना को रोकने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया. काम न होने की स्थिति में इन्हें मजदूरी से हाथ धोना पड़ा. साथ ही खाने और रहने में अपना पैसा खर्च करना मजबूरी बन गया. ऐसे में मजदूरों के इस समूह ने पैदल ही अपने घर पहुंचने का निर्णय लिया और पांच सौ किलोमीटर से ज्यादा सफर पर ये निकल पड़े.
मुरादाबाद पहुंचने में इन मजदूरों को दो दिन का वक्त लगा और इस दौरान इन्हें रास्ते में कही खाना नहीं मिल पाया. देवबंद अब निकलते समय जो खाना ये साथ लाये थे वो भी समाप्त हो चुका है. ऐसे में इनके सामने आगे सफर कैसे जारी रखें इसकी चिंता है. युवकों के मुताबिक रास्ते में कुछ किलोमीटर का सफर इन्होंने पुलिस की मदद से गाड़ी के जरिये तय किया, लेकिन अब फिर इन्हें पैदल जाना होगा.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा पैदल आ रहें मजदूरों को राहत देने के दावे किए गए हैं, जिसके बाद पैदल जा रहे ये लोग भी प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहें है. नेशनल हाइवे पर पिछले दो दिनों में हजारों लोग पैदल ही अपने घरों को निकले हैं.
सैकड़ों किलोमीटर का सफर पैदल तय कर रहें मजदूरों के साथ उनका परिवार भी साथ है. लॉक डाउन के चलते रास्ते में इनको भोजन भी उपलब्ध नहीं हो रहा है. स्थानीय प्रशासन पैदल जा रहें मजदूरों को गाड़ियों के जरिये उनके घर तक भेजने का दावा कर रहा है, लेकिन अभी तक ऐसे पुख्ता इंतजाम नजर नहीं आ रहें.