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चित्रकला से पहचान; श्री कृष्ण जन्म और भद्रकाली की पेंटिंग से मिला सम्मान, छुआ बुलंदी का आसमान - PAINTERS FROM KANPUR

वरिष्ठ चित्रकार राजेश निषाद ने पौराणिक कथाओं एवं भारतीय दर्शन पर आधारित अनूठे चित्र कैनवास पर उकेरे. सीएम योगी कर चुके सराहना.

Painters from Kanpur
Painters from Kanpur (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 23, 2025, 9:30 AM IST

कानपुर : "मेरे सपनों की उड़ान आसमान तक है मुझे बनानी अपनी पहचान आसमान तक है मैं कैसे हार जाऊं और थक कर बैठा रहूं मेरे हौसलों की बुलंदी आसमान तक है." ये पंक्तियां कानपुर के वरिष्ठ चित्रकार राजेश निषाद पर सटीक बैठती हैं. राजेश की शिक्षा भले ही चौथी कक्षा तक हो, लेकिन उनका हुनर ऐसा है कि जिसे देखने के बाद खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उन्हें गले लगा लिया. राजेश के द्वारा तैयार की गई हर एक पेंटिंग न सिर्फ लोगों के बीच एक अच्छा संदेश पहुंचाती है, बल्कि जो कोई भी उनकी इस कला को देखता है वह उनका फैन हो जाता है. हाल ही में राजेश के द्वारा तैयार की गई मां भद्रकाली की पेंटिंग को प्रयागराज मां कुंभ में भी प्रदर्शित किया गया है और उनकी इस पेंटिंग की काफी ज्यादा सरहाना भी की गई है. जानिए कौन हैं राजेश निषाद कैसे शुरू हुआ उनका पेंटिंग बनाने का यह सफर...



लक्ष्मीपुरवा निवासी चित्रकार राजेश निषाद ने ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत के दौरान बताया कि जब वह 4 साल के थे तो अक्सर स्कूल जाते समय रास्ते में एक चित्रकार को फिल्मी पोस्टर तैयार करते हुए देखे थे जिसे देखने के बाद उनके कदम अचानक वहीं पर रुक जाते थे और वह उस चित्रकार के हनुर को बड़े ध्यान से देखते थे. कई दिनों तक उस पेंटिंग को देखने के बाद उनके मन में एक जिज्ञासा जागी की क्यों न वह भी एक तस्वीर तैयार करें और फिर इस तरह से उनके इस सफर की शुरुआत हुई और वह घर आकर पेंटिंग तैयार करने लगे कई बार तो ऐसा होता था कि घंटों तक मेहनत करने के बाद भी पेंटिंग अच्छी नहीं बन पाती थी. लेकिन वह निराश नहीं हुए और लगातार मेहनत करते रहे और फिर एक ऐसा समय आया कि उनके द्वारा तैयार की गई पेंटिंग लोगों को काफी ज्यादा पसंद आने लगी कई कला प्रेमी तो उनके घर से ही पेंटिंग पसंद कर उसे खरीद कर ले जाने लगे.

देखें ; वरिष्ठ चित्रकार राजेश निषाद की कला के मुरीद हुए सीएम योगी. (Video Credit : ETV Bharat)

राजेश निषाद ने बताया कि 8 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पहली पेंटिंग को तैयार कर यूनाइटेड आर्ट गैलरी में प्रदर्शनी के रूप में लगाया. जहां लोगों ने उनकी चित्रकला की काफी ज्यादा सराहना की. बस फिर धीरे-धीरे उनके हौसले बुलंद होते चले गए और अब उनकी इस कला की हर तरफ प्रशंसा हो रही है. इस सफर में संसाधनों की भी काफी कमी रही, लेकिन मां भाइयों और दोस्तों ने काफी सपोर्ट किया. संसाधनों के अभाव के बीच जिद और जुनून के दम पर उन्होंने अपने हुनर को बखूबी तराशा और चित्रकारी में एक महत्वपूर्ण दक्षता हासिल की.



वरिष्ठ चित्रकार राजेश निषाद ने दौरान बताया कि अभी उनके द्वारा तैयार की गई पेंटिंग यूपी में ही कई जगहों पर गई है. राजेश का मानना है कि विदेश तक अपनी प्रतिभा पहुंचने के लिए अभी उन्हें थोड़ा और मेहनत करनी पड़ेगी. हालांकि वह इसके लिए काफी ज्यादा प्रयास भी कर रहे हैं. उनका लक्ष्य है कि आने वाले समय में पूरी दुनिया में उनकी कला का डंका बाजे वह एक अनोखी पेंटिंग भी तैयार कर रहे हैं. जिसके जरिए वह भगवत गीता में क्या संदेश दिया गया है इसे वह अपनी चित्रकारी के जरिए दर्शाएंगे.

राजेश के मुताबिक उन्हें चित्रकला को करते हुए करीब 20 साल हो गए हैं और इन विगत वर्षों में उन्होंने करीब तीन हजार पेंटिंग कागज और कैनवास में तैयार की है. इसके अलावा 500 पेंटिंग ऐसी तैयार की है जिनको स्टॉक में रखा है. उन्हें एग्जीबिशन में प्रदर्शित करते हैं. राजेश का मानना है कि किसी भी हुनर को आप तभी तराश सकते हैं, जब उस पर आप खुद भी लगातार काम करते हैं. शायद यही कारण है कि वह खुद भी अपनी चित्रकला को बेहतर करने के लिए लगातार मेहनत करते हैं.



महाकुंभ में सबसे ज्यादा पसंद की गई भद्रकाली की पेंटिंग


चित्रकार राजेश निषाद ने बताया कि उन्होंने महाकुंभ में पेंटिंग की प्रदर्शनी को लेकर कई ऐड देखे थे. जिसको देखने के बाद उन्होंने अपने द्वारा तैयार की गई कई पेंटिंग भेजी थी. इस एग्जिबिशन में 5 दिसंबर को 12 देशों के 200 चित्रकारों की पेंटिंग प्रदर्शनी को प्रदर्शित किया गया था. जिसमें उनके द्वारा तैयार की गई मां भद्रकाली की बनी पेंटिंग को सबसे ज्यादा सराहा गया. इसके बाद उन्हें बुलाकर सम्मानित भी किया गया. वह अब तक 85 से ज्यादा पेंटिंग प्रदर्शनी में जा चुके हैं. जहां विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक, एमएलसी अरुण पाठक सहित बड़ी संख्या में प्रतिष्ठित हस्तियों ने पेंटिंग का अवलोकन कर उनकी प्रतिभा की काफी ज्यादा सरहाना की है. हाल ही में महाकुंभ में भी उनके द्वारा तैयार की गई पेंटिंग को लगाया गया है. राजेश ने बताया कि कानपुर विश्वविद्यालय में फाइन आर्ट्स के बच्चों को भी पेंटिंग सिखाने का भी प्रस्ताव मिला है जैसे ही विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा इसकी अनुमति दी जाती है. वह छात्र-छात्राओं को चित्रकला के प्रति जागरूक करने के साथ उन्हें तैयार करेंगे, ताकि वह भी कला के क्षेत्र में अपना अहम योगदान दे सकें.



सीएम योगी से मिलते ही भावुक हुए राजेश


वरिष्ठ चित्रकार राजेश निषाद ने बताया कि जब मैं मुख्यमंत्री जी के सामने पहुंचा तो मैंने कहा महाराज जी जय श्री राम इस पर सीएम योगी उनसे बोले की आओ राजेश आओ इसके बाद में जब चप्पल उतरने लगा तो उन्होंने बोला कि अरे चप्पल मत उतारो ऐसे ही आओ थोड़ी देर के लिए मैं सोच में पड़ गया कि आखिर उन्हें मेरा नाम कैसे पता चला. इसके बाद उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया और गले लगा कर मेरी कला की काफी सरहाना की. मैंने सीएम योगी को भेंट स्वरूप अपने द्वारा तैयार की गई एक पेंटिंग भेंट की. जिसके जरिए मैं उन्हें बताया कि जिस तरह से हमारे देश में भगवा युग आ रहा है. ऐसा लगता है जल्दी ब्रह्मा, विष्णु, महेश भी आने वाले हैं. सीएम योगी को उनके द्वारा भेंट की गई पेंटिंग की खासियत थी कि उसमें गाय माता की कोख से श्री कृष्ण का जन्म हो रहा था. यह सुनकर सीएम योगी खिल खिलाकर हंस पड़े और उनके द्वारा तैयार की गई पेंटिंग की काफी ज्यादा प्रशंसा की.



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कानपुर : "मेरे सपनों की उड़ान आसमान तक है मुझे बनानी अपनी पहचान आसमान तक है मैं कैसे हार जाऊं और थक कर बैठा रहूं मेरे हौसलों की बुलंदी आसमान तक है." ये पंक्तियां कानपुर के वरिष्ठ चित्रकार राजेश निषाद पर सटीक बैठती हैं. राजेश की शिक्षा भले ही चौथी कक्षा तक हो, लेकिन उनका हुनर ऐसा है कि जिसे देखने के बाद खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उन्हें गले लगा लिया. राजेश के द्वारा तैयार की गई हर एक पेंटिंग न सिर्फ लोगों के बीच एक अच्छा संदेश पहुंचाती है, बल्कि जो कोई भी उनकी इस कला को देखता है वह उनका फैन हो जाता है. हाल ही में राजेश के द्वारा तैयार की गई मां भद्रकाली की पेंटिंग को प्रयागराज मां कुंभ में भी प्रदर्शित किया गया है और उनकी इस पेंटिंग की काफी ज्यादा सरहाना भी की गई है. जानिए कौन हैं राजेश निषाद कैसे शुरू हुआ उनका पेंटिंग बनाने का यह सफर...



लक्ष्मीपुरवा निवासी चित्रकार राजेश निषाद ने ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत के दौरान बताया कि जब वह 4 साल के थे तो अक्सर स्कूल जाते समय रास्ते में एक चित्रकार को फिल्मी पोस्टर तैयार करते हुए देखे थे जिसे देखने के बाद उनके कदम अचानक वहीं पर रुक जाते थे और वह उस चित्रकार के हनुर को बड़े ध्यान से देखते थे. कई दिनों तक उस पेंटिंग को देखने के बाद उनके मन में एक जिज्ञासा जागी की क्यों न वह भी एक तस्वीर तैयार करें और फिर इस तरह से उनके इस सफर की शुरुआत हुई और वह घर आकर पेंटिंग तैयार करने लगे कई बार तो ऐसा होता था कि घंटों तक मेहनत करने के बाद भी पेंटिंग अच्छी नहीं बन पाती थी. लेकिन वह निराश नहीं हुए और लगातार मेहनत करते रहे और फिर एक ऐसा समय आया कि उनके द्वारा तैयार की गई पेंटिंग लोगों को काफी ज्यादा पसंद आने लगी कई कला प्रेमी तो उनके घर से ही पेंटिंग पसंद कर उसे खरीद कर ले जाने लगे.

देखें ; वरिष्ठ चित्रकार राजेश निषाद की कला के मुरीद हुए सीएम योगी. (Video Credit : ETV Bharat)

राजेश निषाद ने बताया कि 8 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पहली पेंटिंग को तैयार कर यूनाइटेड आर्ट गैलरी में प्रदर्शनी के रूप में लगाया. जहां लोगों ने उनकी चित्रकला की काफी ज्यादा सराहना की. बस फिर धीरे-धीरे उनके हौसले बुलंद होते चले गए और अब उनकी इस कला की हर तरफ प्रशंसा हो रही है. इस सफर में संसाधनों की भी काफी कमी रही, लेकिन मां भाइयों और दोस्तों ने काफी सपोर्ट किया. संसाधनों के अभाव के बीच जिद और जुनून के दम पर उन्होंने अपने हुनर को बखूबी तराशा और चित्रकारी में एक महत्वपूर्ण दक्षता हासिल की.



वरिष्ठ चित्रकार राजेश निषाद ने दौरान बताया कि अभी उनके द्वारा तैयार की गई पेंटिंग यूपी में ही कई जगहों पर गई है. राजेश का मानना है कि विदेश तक अपनी प्रतिभा पहुंचने के लिए अभी उन्हें थोड़ा और मेहनत करनी पड़ेगी. हालांकि वह इसके लिए काफी ज्यादा प्रयास भी कर रहे हैं. उनका लक्ष्य है कि आने वाले समय में पूरी दुनिया में उनकी कला का डंका बाजे वह एक अनोखी पेंटिंग भी तैयार कर रहे हैं. जिसके जरिए वह भगवत गीता में क्या संदेश दिया गया है इसे वह अपनी चित्रकारी के जरिए दर्शाएंगे.

राजेश के मुताबिक उन्हें चित्रकला को करते हुए करीब 20 साल हो गए हैं और इन विगत वर्षों में उन्होंने करीब तीन हजार पेंटिंग कागज और कैनवास में तैयार की है. इसके अलावा 500 पेंटिंग ऐसी तैयार की है जिनको स्टॉक में रखा है. उन्हें एग्जीबिशन में प्रदर्शित करते हैं. राजेश का मानना है कि किसी भी हुनर को आप तभी तराश सकते हैं, जब उस पर आप खुद भी लगातार काम करते हैं. शायद यही कारण है कि वह खुद भी अपनी चित्रकला को बेहतर करने के लिए लगातार मेहनत करते हैं.



महाकुंभ में सबसे ज्यादा पसंद की गई भद्रकाली की पेंटिंग


चित्रकार राजेश निषाद ने बताया कि उन्होंने महाकुंभ में पेंटिंग की प्रदर्शनी को लेकर कई ऐड देखे थे. जिसको देखने के बाद उन्होंने अपने द्वारा तैयार की गई कई पेंटिंग भेजी थी. इस एग्जिबिशन में 5 दिसंबर को 12 देशों के 200 चित्रकारों की पेंटिंग प्रदर्शनी को प्रदर्शित किया गया था. जिसमें उनके द्वारा तैयार की गई मां भद्रकाली की बनी पेंटिंग को सबसे ज्यादा सराहा गया. इसके बाद उन्हें बुलाकर सम्मानित भी किया गया. वह अब तक 85 से ज्यादा पेंटिंग प्रदर्शनी में जा चुके हैं. जहां विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक, एमएलसी अरुण पाठक सहित बड़ी संख्या में प्रतिष्ठित हस्तियों ने पेंटिंग का अवलोकन कर उनकी प्रतिभा की काफी ज्यादा सरहाना की है. हाल ही में महाकुंभ में भी उनके द्वारा तैयार की गई पेंटिंग को लगाया गया है. राजेश ने बताया कि कानपुर विश्वविद्यालय में फाइन आर्ट्स के बच्चों को भी पेंटिंग सिखाने का भी प्रस्ताव मिला है जैसे ही विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा इसकी अनुमति दी जाती है. वह छात्र-छात्राओं को चित्रकला के प्रति जागरूक करने के साथ उन्हें तैयार करेंगे, ताकि वह भी कला के क्षेत्र में अपना अहम योगदान दे सकें.



सीएम योगी से मिलते ही भावुक हुए राजेश


वरिष्ठ चित्रकार राजेश निषाद ने बताया कि जब मैं मुख्यमंत्री जी के सामने पहुंचा तो मैंने कहा महाराज जी जय श्री राम इस पर सीएम योगी उनसे बोले की आओ राजेश आओ इसके बाद में जब चप्पल उतरने लगा तो उन्होंने बोला कि अरे चप्पल मत उतारो ऐसे ही आओ थोड़ी देर के लिए मैं सोच में पड़ गया कि आखिर उन्हें मेरा नाम कैसे पता चला. इसके बाद उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया और गले लगा कर मेरी कला की काफी सरहाना की. मैंने सीएम योगी को भेंट स्वरूप अपने द्वारा तैयार की गई एक पेंटिंग भेंट की. जिसके जरिए मैं उन्हें बताया कि जिस तरह से हमारे देश में भगवा युग आ रहा है. ऐसा लगता है जल्दी ब्रह्मा, विष्णु, महेश भी आने वाले हैं. सीएम योगी को उनके द्वारा भेंट की गई पेंटिंग की खासियत थी कि उसमें गाय माता की कोख से श्री कृष्ण का जन्म हो रहा था. यह सुनकर सीएम योगी खिल खिलाकर हंस पड़े और उनके द्वारा तैयार की गई पेंटिंग की काफी ज्यादा प्रशंसा की.



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