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यूपी के इस गांव में जन्मे थे बाबा नीब करौरी, 125 साल से विकास की दरकार, अधिकारी बोले- पर्यटन विभाग करायेगा डेवलपमेंट - BABA NEEB KARORI

बाबा नीब करौरी का जन्म फिरोजाबाद में हुआ था. लेकिन आज तक बाबा का गांव विकास से कोसो दूर है.

बाबा नीब करौरी.
बाबा नीब करौरी. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 23, 2025, 6:51 PM IST

Updated : Feb 23, 2025, 7:32 PM IST

फिरोजाबाद : बाबा नीब करौरी देश के बड़े संतो में से एक माने जाते हैं. उनके भक्त उन्हें दिव्य पुरूष मानते हैं. उत्तराखंड के कैंची धाम स्थित उनके आश्रम में देश विदेश से भक्त पहुंचते रहते हैं.

पीएम मोदी समेत एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स और हॉलीवुड एक्ट्रेस जूलिया राबर्ट्स भी उनके भक्तों में से एक हैं. नीब करौरी बाबा हनुमानजी के उपासक थे. बाबा मूलरूप से उत्तर प्रदेश के थे. बहुत कम लोग ही जानते हैं कि बाबा की जन्मस्थली फिरोजाबाद जनपद में है.

यहां उनका पैतृक घर, डाकबंगलिया आज भी मौजूद है, लेकिन बाबा के गांव को आज भी विकास की दरकार है. आइये बाबा और उनके गांव के बारे में विस्तार से जानते है.

बाबा का गांव आज भी बदहाल स्थिति में है. (Video Credit; ETV Bharat)

फिरोजाबाद के अकबरपुर गांव में हुआ था जन्म: लोग बताते हैं, बाबा नीब करौरी का जन्म 1900 में फिरोजाबाद के अकबरपुर गांव में हुआ था. उनका असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था. बाबा हनुमानजी के अनन्य भक्त थे. उन्हें हनुमानजी का अवतार कहा जाता है.

कहा जाता है बाबा ने भवानी-अल्मोड़ा मार्ग पर स्थित दो पहाड़ियों के बीच कैंची धाम को अपनी तपोस्थली बनाई थी. बाबा ने यहां कई वर्षों तक तपस्या कर सिद्धियां पाईं. यहां की सड़कें एक दूसरे को कैंची की तरह काटती हैं, इसी वजह से इसे कैंची धाम कहा जाता है.

वृंदावन में ली थी समाधि : यहां हर साल बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं. 10 सितंबर 1973 को बाबा नीब करौरी ने वृंदावन में समाधि ली थी. कैंची धाम तब ज्यादा चर्चा में आया जब यहां स्टीव जॉब्स से लेकर मार्क जुकरबर्ग तक बड़ी हस्तियां पहुंची.

गांव में बाबा का घर. यहीं हुई था बाबा का जन्म.
गांव में बाबा का घर. यहीं हुई था बाबा का जन्म. (Photo Credit; ETV Bharat)

अकबरपुर गांव में बाबा का पैतृक मकान आज भी मौजूद है, जिसे 'कौशल्या भवन' के नाम से जाना जाता है. गांव में बाबा के परिवार के लोग आज भी निवास करते है. ऐसे लोग भी रहते है जिन्होंने बाबा और उनके चमत्कारों को देखा है.

गांव में बाबा का मंदिर : गांव में बाबा का एक विशाल मंदिर है, जिसमें बाबा की प्रतिमा के अलावा हनुमानजी, भगवान राम और माता जानकी, भगवान विष्णु, नवदुर्गा और शिव परिवार स्थापित है. मंदिर के सामने डाकबंगलिया स्थित है, जिसमें बाबा रहते थे. यहां बाबा के कई चित्र लगे है.

हैरत की बात तो यह है कि इतने बड़े संत की जन्मस्थली होने के बाद भी गांव बदहाल हालत में है. गांव का परिक्रमा मार्ग जर्जर है. जल निकासी का कोई इंतजाम न होने से परिक्रमा मार्ग पर गंदा पानी भरा रहता है.

बाबा के गांव में जाने वाले रास्ते का बुरा हाल है.
बाबा के गांव में जाने वाले रास्ते का बुरा हाल है. (Photo Credit; ETV Bharat)

हालांकि यहां के विकास के लिए 23 करोड़ रुपये मंजूर तो हुए हैं, लेकिन फंड रिलीज न होने से विकास का कार्य शुरू नहीं हो सके. इस संबंध में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सौरभ बाबू का कहना है कि विकास का कार्य पर्यटन विभाग द्वारा कराया जाएगा. पैसा मंजूर हो चुका है.

यह भी पढ़ें: IND vs SL: बाबा नीम करौरी की जय हो! वृंदावन से लौटते ही विराट कोहली ने जड़ा शतक - विराट कोहली बाबा नीम करौरी

यह भी पढ़ें: सीएम धामी ने पीएम मोदी को क्यों भेंट की 'बाबा नीब करौरी' की तस्वीर, जानिए बड़ी वजह - पीएम मोदी को बाबा नीब करोरी स्मृति चिन्ह

फिरोजाबाद : बाबा नीब करौरी देश के बड़े संतो में से एक माने जाते हैं. उनके भक्त उन्हें दिव्य पुरूष मानते हैं. उत्तराखंड के कैंची धाम स्थित उनके आश्रम में देश विदेश से भक्त पहुंचते रहते हैं.

पीएम मोदी समेत एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स और हॉलीवुड एक्ट्रेस जूलिया राबर्ट्स भी उनके भक्तों में से एक हैं. नीब करौरी बाबा हनुमानजी के उपासक थे. बाबा मूलरूप से उत्तर प्रदेश के थे. बहुत कम लोग ही जानते हैं कि बाबा की जन्मस्थली फिरोजाबाद जनपद में है.

यहां उनका पैतृक घर, डाकबंगलिया आज भी मौजूद है, लेकिन बाबा के गांव को आज भी विकास की दरकार है. आइये बाबा और उनके गांव के बारे में विस्तार से जानते है.

बाबा का गांव आज भी बदहाल स्थिति में है. (Video Credit; ETV Bharat)

फिरोजाबाद के अकबरपुर गांव में हुआ था जन्म: लोग बताते हैं, बाबा नीब करौरी का जन्म 1900 में फिरोजाबाद के अकबरपुर गांव में हुआ था. उनका असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था. बाबा हनुमानजी के अनन्य भक्त थे. उन्हें हनुमानजी का अवतार कहा जाता है.

कहा जाता है बाबा ने भवानी-अल्मोड़ा मार्ग पर स्थित दो पहाड़ियों के बीच कैंची धाम को अपनी तपोस्थली बनाई थी. बाबा ने यहां कई वर्षों तक तपस्या कर सिद्धियां पाईं. यहां की सड़कें एक दूसरे को कैंची की तरह काटती हैं, इसी वजह से इसे कैंची धाम कहा जाता है.

वृंदावन में ली थी समाधि : यहां हर साल बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं. 10 सितंबर 1973 को बाबा नीब करौरी ने वृंदावन में समाधि ली थी. कैंची धाम तब ज्यादा चर्चा में आया जब यहां स्टीव जॉब्स से लेकर मार्क जुकरबर्ग तक बड़ी हस्तियां पहुंची.

गांव में बाबा का घर. यहीं हुई था बाबा का जन्म.
गांव में बाबा का घर. यहीं हुई था बाबा का जन्म. (Photo Credit; ETV Bharat)

अकबरपुर गांव में बाबा का पैतृक मकान आज भी मौजूद है, जिसे 'कौशल्या भवन' के नाम से जाना जाता है. गांव में बाबा के परिवार के लोग आज भी निवास करते है. ऐसे लोग भी रहते है जिन्होंने बाबा और उनके चमत्कारों को देखा है.

गांव में बाबा का मंदिर : गांव में बाबा का एक विशाल मंदिर है, जिसमें बाबा की प्रतिमा के अलावा हनुमानजी, भगवान राम और माता जानकी, भगवान विष्णु, नवदुर्गा और शिव परिवार स्थापित है. मंदिर के सामने डाकबंगलिया स्थित है, जिसमें बाबा रहते थे. यहां बाबा के कई चित्र लगे है.

हैरत की बात तो यह है कि इतने बड़े संत की जन्मस्थली होने के बाद भी गांव बदहाल हालत में है. गांव का परिक्रमा मार्ग जर्जर है. जल निकासी का कोई इंतजाम न होने से परिक्रमा मार्ग पर गंदा पानी भरा रहता है.

बाबा के गांव में जाने वाले रास्ते का बुरा हाल है.
बाबा के गांव में जाने वाले रास्ते का बुरा हाल है. (Photo Credit; ETV Bharat)

हालांकि यहां के विकास के लिए 23 करोड़ रुपये मंजूर तो हुए हैं, लेकिन फंड रिलीज न होने से विकास का कार्य शुरू नहीं हो सके. इस संबंध में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सौरभ बाबू का कहना है कि विकास का कार्य पर्यटन विभाग द्वारा कराया जाएगा. पैसा मंजूर हो चुका है.

यह भी पढ़ें: IND vs SL: बाबा नीम करौरी की जय हो! वृंदावन से लौटते ही विराट कोहली ने जड़ा शतक - विराट कोहली बाबा नीम करौरी

यह भी पढ़ें: सीएम धामी ने पीएम मोदी को क्यों भेंट की 'बाबा नीब करौरी' की तस्वीर, जानिए बड़ी वजह - पीएम मोदी को बाबा नीब करोरी स्मृति चिन्ह

Last Updated : Feb 23, 2025, 7:32 PM IST
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