मुरादाबाद: वर्षों से पीतल उद्योग को मुरादाबाद की पहचान माना जाता है, लेकिन बदलते दौर में इस शहर के युवा खिलाड़ियों ने शहर की पहचान बदली है. क्रिकेटर पीयूष चावला, मोहम्मद शमी, शिवा सिंह जैसे खिलाड़ियों ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा से जिले का नाम रोशन किया है. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटरों के इस शहर को इस बार खेल विभाग ने क्रिकेट का कैम्प नहीं दिया है, जिसके चलते युवा क्रिकेटर बिना कोच के अभ्यास करने को मजबूर हैं.
सोनकपुर स्टेडियम को नहीं मिला क्रिकेट कैम्प
- जिले के सोनकपुर स्टेडियम के मैदान पर अभ्यास कर पीयूष चावला और मोहम्मद शमी ने अपने खेल जीवन की शुरुआत की थी.
- इन दोनों खिलाड़ियों के बाद भी कई खिलाड़ी इसी मैदान से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे.
- आज भी सैकड़ों की तादात में क्रिकेटर बनने का सपना लेकर कई युवा इस मैदान तक पहुंचते है, लेकिन अब इन युवाओं को अपना सपना टूटता नजर आ रहा है.
- उत्तर प्रदेश सरकार के खेल विभाग ने इस सत्र के लिए जनपद को महज छह खेलों के कैम्प दिए हैं, जिसमें क्रिकेट शामिल नहीं है.
- क्रिकेट कैम्प हटाये जाने के बाद यहां प्रशिक्षक की नियुक्ति नहीं हो सकती और न ही खिलाड़ियों को कोई सुविधा दी जा सकती है.
कैम्प हटाये जाने से युवा खिलाड़ी मायूस
नए सत्र में क्रिकेट कैम्प हटाए जाने के बाद युवा खिलाड़ी मायूस हैं और अपने कैरियर को लेकर चिंतित हैं. कैम्प मुहैया न होने से जहां मैदान के एक कोने में खिलाड़ी अभ्यास करने को मजबूर हैं तो वहीं नेट्स और प्रैक्टिस विकेट भी भगवान भरोसे है. खिलाड़ियों को अपने खर्चें पर खेल का सामान लाना पड़ रहा है. खेल विभाग के जिम्मेदार अधिकारी शासन को पत्र लिखने का दावा करते हुए हर सम्भव सहयोग का आश्वासन देते हैं, लेकिन कैम्प क्यों हटाया गया, इसका जबाब किसी के पास नहीं है.
पिछले साल के मुकाबले आधे से ज्यादा खेलों के कैम्प मुहैया नहीं किए गए हैं. इसके चलते खिलाड़ियों को मुश्किल हो रही है.
-अमितेश सक्सेना, जिला क्रीड़ा अधिकारी