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प्रदेश सरकार जमीन देकर लोगों को बना रही है 'आत्मनिर्भर'

मुरादाबाद जिले के मुख्य विकास अधिकारी आनंद वर्धन ने बताया कि पात्रों को कृषि योग्य भूमि का पट्टा देकर प्रदेश सरकार उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की ओर आगे बढ़ रही है. जिले में भी 100 से ज्यादा हेक्टेयर जमीन भूमिहीन किसानों को दी जा चुकी है. वहीं जिन गरीबों व विधवाओं के पास घर बनाने की भूमि नहीं है, उन्हें आवास बनाने के लिए भी पट्टा किया जा रहा है.

revenue department is giving land to poor people
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Published : Dec 9, 2020, 6:28 PM IST

मुरादाबाद: जिन लोगों के पास खेती या आवास योग्य जमीन नहीं उन्हें सरकार द्वारा जमीन का पट्टा दिया जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है, जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग या सामान्य वर्ग में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रहें हो और भूमिहीन हों. ऐसे लोगों को योगी सरकार 'भूमि सुधार कार्यक्रम' के तहत जमीन देकर भूमिधर बना रही है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक सौ हेक्टेयर से अधिक जमीन देकर भूमिहीनों को भूमिधर बनाया जा चुका है.

क्या है योजना
उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन आने वाले राजस्व विभाग के द्वारा ग्राम समाज की कृषि योग्य भूमि पट्टे पर आवंटित करने के लिए सशस्त्र बल में सक्रिय सेवा में रहते हुए शहीद हुए व्यक्तियों के परिवारजनों को प्रथम वरीयता के तहत आवंटित की जा रही है. उसी तरह सेना में रहते हुए पूर्णतया दिव्यांग होने वाले सैनिकों को द्वितीय वरीयता. इसके बाद भूमिहीन अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़े वर्ग के भूमिहीन कृषि श्रमिकों या गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले सामान्य वर्ग के व्यक्तियों को वरीयता प्रदान करते हुए जमीन दी जा रही है.

बनाया जा रहा है आत्मनिर्भर
मुरादाबाद जिले के मुख्य विकास अधिकारी आनंद वर्धन ने बताया कि पात्रों को कृषि योग्य भूमि का पट्टा देकर प्रदेश सरकार उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की ओर आगे बढ़ रही है. जो लोग भूमिहीन हैं और दूसरे की भूमि पर काम करके अपनी आजीविका चलाते हैं. ऐसे लोग अब अपनी भूमि होने पर भूमि सुधार कर कड़ी मेहनत के जरिए अपने परिवार के लिए अन्न पैदा करके खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकेंगे.

4,259 हेक्टेयर भूमि का हुआ पट्टा
सीडीओ ने बताया कि सरकार ने प्रदेश के हजारों भूमिहीनों को भूमिधर बनाते हुए अब तक 4,259 हेक्टेयर भूमि का पट्टा आवंटित किया जा चुका है. मुरादाबाद जिले में भी 100 से ज्यादा हेक्टेयर जमीन भूमिहीन किसानों को दी जा चुकी है. वहीं जिन गरीबों व विधवाओं के पास घर बनाने की भूमि नहीं है, उन्हें आवास बनाने के लिए भी पट्टा किया जा रहा है. आबादी स्थलों के आवंटन में पात्र, विधवा महिलाएं व दिव्यांग व्यक्तियों को वरीयता दी जाती है. इसके साथ ही अतिगरीब व्यक्तियों को भी वरीयता प्रदान करते हुए आवास की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है.

मुरादाबाद: जिन लोगों के पास खेती या आवास योग्य जमीन नहीं उन्हें सरकार द्वारा जमीन का पट्टा दिया जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है, जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग या सामान्य वर्ग में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रहें हो और भूमिहीन हों. ऐसे लोगों को योगी सरकार 'भूमि सुधार कार्यक्रम' के तहत जमीन देकर भूमिधर बना रही है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक सौ हेक्टेयर से अधिक जमीन देकर भूमिहीनों को भूमिधर बनाया जा चुका है.

क्या है योजना
उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन आने वाले राजस्व विभाग के द्वारा ग्राम समाज की कृषि योग्य भूमि पट्टे पर आवंटित करने के लिए सशस्त्र बल में सक्रिय सेवा में रहते हुए शहीद हुए व्यक्तियों के परिवारजनों को प्रथम वरीयता के तहत आवंटित की जा रही है. उसी तरह सेना में रहते हुए पूर्णतया दिव्यांग होने वाले सैनिकों को द्वितीय वरीयता. इसके बाद भूमिहीन अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़े वर्ग के भूमिहीन कृषि श्रमिकों या गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले सामान्य वर्ग के व्यक्तियों को वरीयता प्रदान करते हुए जमीन दी जा रही है.

बनाया जा रहा है आत्मनिर्भर
मुरादाबाद जिले के मुख्य विकास अधिकारी आनंद वर्धन ने बताया कि पात्रों को कृषि योग्य भूमि का पट्टा देकर प्रदेश सरकार उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की ओर आगे बढ़ रही है. जो लोग भूमिहीन हैं और दूसरे की भूमि पर काम करके अपनी आजीविका चलाते हैं. ऐसे लोग अब अपनी भूमि होने पर भूमि सुधार कर कड़ी मेहनत के जरिए अपने परिवार के लिए अन्न पैदा करके खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकेंगे.

4,259 हेक्टेयर भूमि का हुआ पट्टा
सीडीओ ने बताया कि सरकार ने प्रदेश के हजारों भूमिहीनों को भूमिधर बनाते हुए अब तक 4,259 हेक्टेयर भूमि का पट्टा आवंटित किया जा चुका है. मुरादाबाद जिले में भी 100 से ज्यादा हेक्टेयर जमीन भूमिहीन किसानों को दी जा चुकी है. वहीं जिन गरीबों व विधवाओं के पास घर बनाने की भूमि नहीं है, उन्हें आवास बनाने के लिए भी पट्टा किया जा रहा है. आबादी स्थलों के आवंटन में पात्र, विधवा महिलाएं व दिव्यांग व्यक्तियों को वरीयता दी जाती है. इसके साथ ही अतिगरीब व्यक्तियों को भी वरीयता प्रदान करते हुए आवास की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है.

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