मुरादाबाद: जिला अस्पताल स्थित दवा भंडार में बुधवार को ड्रग्स विभाग की टीम ने छापेमारी की. विभाग ने बरेली सीएमएसडी से जनवरी में दवाइयों के सैंपल जांच के लिए भेजे थे. प्रयोगशाला से आई रिपोर्ट के मुताबिक, डेक्सामैथासोन इंजेक्शन के नमूने मानक से नीचे पाए गए. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.
मुरादाबाद में डेक्सामैथासोन के इंजेक्शनों को रोक लिया गया है. साथ ही इंजेक्शन सप्लाई करने वाली कंपनी के सभी दवाइयों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं.
दरअसल, स्वास्थ्य विभाग में दवा सप्लाई में केंद्रीय व्यवस्था लागू की गई है. इस व्यवस्था के बाद मुख्य दवा वितरण केंद्र से पूरे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवाइयां मरीजों के लिए भेजी जाती हैं. बरेली में ड्रग्स विभाग ने जनवरी में मुख्य दवा वितरण केंद्र से दवाइयों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे थे. तीन दिन पहले दवाइयों की जांच रिपोर्ट आई तो स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. जांच के लिए भेजी गई दवाइयों में हिमालया मेडिटेक कंपनी का एक इंजेक्शन अधोमानक मिला, जिसके बाद मुरादाबाद मंडल के सभी सरकारी अस्पतालों में भी अधोमानक मिली दवाइयों की सप्लाई बंद कर दी गई है.
सरकारी अस्पतालों में अधोमानक दवाई मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी हैरान हैं. हिमालया मेडिटेक कंपनी का जो इंजेक्शन अधोमानक मिला है, उसको जीवन रक्षक दवाइयों में शामिल किया गया है. यह दवाई कैंसर, अस्थमा के इलाज में इस्तेमाल की जाती है. ड्रग्स विभाग के मुताबिक, कंपनी की बाकी दवाइयों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं, जांच रिपोर्ट आने के बाद सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी.
स्वास्थ्य विभाग ने मुरादाबाद मंडल के सभी सरकारी अस्पतालों में अधोमानक मिली दवा की सप्लाई रोकने के साथ ही वितरित दवा को वापस मंगा लिया है. मुरादाबाद जनपद के सरकारी अस्पतालों में हिमालया मेडिटेक कंपनी की दवाइयों का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है. केंद्रीय वितरण योजना होने और कड़ी जांच के बाद भी दवाइयों का अधोमानक होना जहां मरीजों की सेहत से खिलवाड़ कर रहा है. वहीं स्वास्थ्य विभाग भी कटघरे में खड़ा है.