मुरादाबाद: प्लास्टिक मुक्त आंदोलन के शुरू होने से पहले ही मुरादाबाद के कुम्हारों की लॉटरी लगना शुरु हो गई है. अभी दो अक्टूबर भी नहीं आया है फिरभी कुम्हारों को कुल्लड़ बनाने के ऑर्डर मिलने शुरु हो गए हैं. मुरादाबाद के कुम्हार पीएम मोदी के शुक्रगुजार हैं, जिनकी वजह से कुम्हारों को अब अपने पुश्तैनी कारोबार की तरफ रुख मोड़ना पड़ रहा है. खाने के होटल, चाय की दुकान और लस्सी की दुकान पर कुल्लड़ रोजाना सप्लाई हो रहे हैं.
जिले की राजो कुम्हार कहती हैं कि पहले काम की स्तिथि बहुत अच्छी थी. चाइना के प्लास्टिक के गिलास आने से काम बहुत खराब हो गया. अगर प्लास्टिक पर प्रतिबंध पूरी तरह लग जाए तो उनका कारोबार दिन-दुगनी और रात-चौगुनी तरक्की करेगा.
जूस बेचने वाले दुकानदारों ने भी प्लास्टिक के गिलास और कटोरी को अलविदा कह दिया है. वहीं ग्राहकों को भी मिट्टी के कुल्हड़ में लस्सी और चाय का स्वाद चखना पड़ रहा है.
दुकानदार सोनू का कहना है कि यह 75 साल पुरानी दुकान है. हम हमेशा मिट्टी के कुल्हड़ में ही लस्सी बेचते हैं. ग्राहक भी मिट्टी के कुल्हड़ में लस्सी पीना पसंद करते हैं. इसमें लस्सी का स्वाद बिल्कुल अलग हो जाता है.
कुम्हारों का कहना है कि इस दुनिया में हमारी बिक्री सिर्फ दीवाली तक ही रह गई थी, लेकिन प्लास्टिक के खिलाफ शुरू होने वाले आंदोलन से हमारे अच्छे दिन आ गए हैं.
कुल्हड़ बनाने वाली दूसरी महिला राममूर्ति का कहना है कि प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाना सरकार की बहुत अच्छी पहल है. प्लास्टिक के गिलास और अन्य समान बंद होने से हमारा कारोबार एक बार फिर चल उठेगा. हमारी आमदनी भी ठीक हो जाएगी और परिवार का पालन पोषण भी सही होगा. मैं तो कहती हूं कि एक बार एक ग्लास दूध प्लास्टिक के गिलास में पीकर देखो और एक गिलास मिट्टी के गिलास में फर्क खुद ही पता चल जाएगा.