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मुरादाबाद: खेत में बिलखती मिली एक दिन की नवजात बच्ची - मुरादाबाद में लावारिश पड़ी मिली नवजात बच्ची

यूपी के मुरादाबाद में एक दिन की नवजात बच्ची पड़ी मिली. ग्रामीणों ने मामले की सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया.

मुरादाबाद में लावारिश पड़ी मिली नवजात बच्ची.
मुरादाबाद में लावारिश पड़ी मिली नवजात बच्ची.
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Published : Oct 27, 2020, 10:47 PM IST

मुरादाबाद: जनपद के कुंदरकी थाना क्षेत्र में मंगलवार देर शाम एक नवजात बच्ची के लावारिश हालात में मिलने से हड़कंप मच गया. स्थानीय महिलाओं ने खेत में बिलखती बच्ची को देख पुलिस को जानकारी दी. मौके पर पहुंची पुलिस बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंची. पुलिस बच्ची के परिजनों के बारे में जानकारी हासिल करने का प्रयास कर रही है. चाइल्ड हेल्पलाइन को भी बच्ची के संबंध में जानकारी दे दी गई है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बच्ची स्वस्थ्य नजर आ रहीं है, फिलहाल उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाएगा.

मुरादाबाद में लावारिश पड़ी मिली नवजात बच्ची.
मुरादाबाद में लावारिश पड़ी मिली नवजात बच्ची.

लावारिश हालात में खेत में मिली नवजात बच्ची
कुंदरकी थाना क्षेत्र के हुसैनपुर हमीर गांव में मंगलवार देर शाम नवजात बच्ची गन्ने के खेत में मिलने से हड़कम्प मच गया. जंगल से लौट रहीं महिलाओं ने बच्ची को खेत में पड़ा देखा तो ग्रामीणों को सूचना दी. बच्ची के आस-पास आवारा कुत्तों का झुंड भी घूम रहा था, लिहाजा महिलाएं बच्ची को लेकर गांव में आ गईं. इसी दौरान पुलिस को मामले की सूचना दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल ले गई. नवजात के परिजनों की तलाश में पुलिस स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रहीं है.

चाइल्ड हेल्पलाइन ने बच्ची को जिला अस्पताल किया भर्ती
खेत में बच्ची मिलने की जानकारी मिलते ही चाइल्ड हेल्पलाइन को मामले की जानकारी दी गई. चाइल्ड हेल्पलाइन प्रभारी ने बच्ची को कुंदरकी प्राथमिक अस्पताल से कब्जें में लेकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया है. प्रभारी श्रद्धा शर्मा के मुताबिक बच्ची स्वस्थ्य हालात में है. फिलहाल उसे डॉक्टरों की निगरानी में ही रखा जाएगा. परिजनों की जानकारी मिलते ही बच्ची को उन्हें सुपुर्द किया जाएगा, लेकिन यदि परिजन नहीं मिलते हैं तो बच्ची को बाल कल्याण समिति के सामने पेश कर शिशु गृह भिजवाया जाएगा.

दो साल पहले भी लावारिश मिली थी मासूम
कुंदरकी क्षेत्र में दो साल पहले भी एक नवजात बच्ची सड़क किनारे मिली थी, जिसके परिजनों का आज तक पता नहीं लग पाया है. समाज में भले ही बेटियों को बराबरी का दर्जा देने का दावा किया जा रहा हो, लेकिन मासूम बच्चियों को आज भी कई लोग खुद पर बोझ ही समझते है.

मुरादाबाद: जनपद के कुंदरकी थाना क्षेत्र में मंगलवार देर शाम एक नवजात बच्ची के लावारिश हालात में मिलने से हड़कंप मच गया. स्थानीय महिलाओं ने खेत में बिलखती बच्ची को देख पुलिस को जानकारी दी. मौके पर पहुंची पुलिस बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंची. पुलिस बच्ची के परिजनों के बारे में जानकारी हासिल करने का प्रयास कर रही है. चाइल्ड हेल्पलाइन को भी बच्ची के संबंध में जानकारी दे दी गई है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बच्ची स्वस्थ्य नजर आ रहीं है, फिलहाल उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाएगा.

मुरादाबाद में लावारिश पड़ी मिली नवजात बच्ची.
मुरादाबाद में लावारिश पड़ी मिली नवजात बच्ची.

लावारिश हालात में खेत में मिली नवजात बच्ची
कुंदरकी थाना क्षेत्र के हुसैनपुर हमीर गांव में मंगलवार देर शाम नवजात बच्ची गन्ने के खेत में मिलने से हड़कम्प मच गया. जंगल से लौट रहीं महिलाओं ने बच्ची को खेत में पड़ा देखा तो ग्रामीणों को सूचना दी. बच्ची के आस-पास आवारा कुत्तों का झुंड भी घूम रहा था, लिहाजा महिलाएं बच्ची को लेकर गांव में आ गईं. इसी दौरान पुलिस को मामले की सूचना दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल ले गई. नवजात के परिजनों की तलाश में पुलिस स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रहीं है.

चाइल्ड हेल्पलाइन ने बच्ची को जिला अस्पताल किया भर्ती
खेत में बच्ची मिलने की जानकारी मिलते ही चाइल्ड हेल्पलाइन को मामले की जानकारी दी गई. चाइल्ड हेल्पलाइन प्रभारी ने बच्ची को कुंदरकी प्राथमिक अस्पताल से कब्जें में लेकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया है. प्रभारी श्रद्धा शर्मा के मुताबिक बच्ची स्वस्थ्य हालात में है. फिलहाल उसे डॉक्टरों की निगरानी में ही रखा जाएगा. परिजनों की जानकारी मिलते ही बच्ची को उन्हें सुपुर्द किया जाएगा, लेकिन यदि परिजन नहीं मिलते हैं तो बच्ची को बाल कल्याण समिति के सामने पेश कर शिशु गृह भिजवाया जाएगा.

दो साल पहले भी लावारिश मिली थी मासूम
कुंदरकी क्षेत्र में दो साल पहले भी एक नवजात बच्ची सड़क किनारे मिली थी, जिसके परिजनों का आज तक पता नहीं लग पाया है. समाज में भले ही बेटियों को बराबरी का दर्जा देने का दावा किया जा रहा हो, लेकिन मासूम बच्चियों को आज भी कई लोग खुद पर बोझ ही समझते है.

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