मुरादाबाद: जिले के हरथला की रहने वाली मुनीजा ने अपनी हिम्मत और सोच की बदौलत न केवल खुद के लिए एक मुकाम हासिल किया बल्कि सैंकड़ों महिलाओं की जिंदगी भी बदल रही हैं. 50 साल की मुनीजा का सफर आसान नहीं था. मुनीजा की शादी कम उम्र में हो गई थी. पति पेंटर का काम करते थे, जिससे घर का खर्च चलना मुश्किल हो रहा था. ग्रामीण परिवेश में यह संभव न था. लिहाजा मुनीजा गांव से निकलकर शहर में आई. यहां पर उसने राष्ट्रीय रोजगार मिशन के जरिए बांस और मूंज से बनने वाली चीजों का प्रशिक्षण प्राप्त किया.
आत्मनिर्भर हुईं महिलाएं
वह बताती हैं कि आज हमारा सामान वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट में भी सेलेक्टेड है. मुझसे जो महिलाएं जुड़ी हुई हैं. उन्हें मैं न केवल काम दिलवाती हूं, बल्कि उनके समूह को पैसा भी दिलवाती हूं. मुनीजा का कहना है कि समूह में काम करने का फायदा मिल रहा है. आज उनके पास बाजार है और मांग भी. इसके कारण तमाम महिलाएं अपनी जिंदगी बदल रही हैं.