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मनरेगा में मजदूरों को नहीं मिला काम, शहर को कर रहे प्रस्थान

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Published : Jan 15, 2021, 10:22 PM IST

यूपी के मुरादाबाद में लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों को लेकर प्रदेश सरकार ने कहने को तो बड़ी संख्या में रोजगार देने के दावा किया लेकिन धरातल पर स्थिति उलट है. यहां तक कि मजदूरों की संख्या में दो विभिन्न विभागों के आंकड़ों में भी बड़ा अंतर है. वहीं दूसरी ओर अनलॉकडाउन के बाद से प्रवासी मजदूरों ने फिर से शहरों का रुख कर लिया है.

मनरेगा और मजदूर
मनरेगा और मजदूर

मुरादाबाद: सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि लॉकडाउन के दौरान 25 लाख लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार से जोड़ा. अनलॉक के बाद धीरे-धीरे फैक्ट्रियां और कंपनियां खुलने लगी हैं. विकास कार्य रफ्तार पकड़ने लगे हैं. ऐसे में मजदूर फिर से शहरों का रुख कर रहे हैं. लेकिन सवाल यह है कि गांव में मिलने वाला रोजगार पर्याप्त नहीं है या सरकार ने मजदूरों को संचालित योजनाओं से रोजगार नहीं दिया. वहीं वेबसाइट्स पर प्रवासी मजदूरों के आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने इस खबर की पड़ताल की. देखिये यह खास रिपोर्ट...

कुल प्रवासी मजदूरों की संख्या 17,840 है.

आपदा एवं राहत विभाग के आंकड़े
आपदा एवं राहत आयुक्त द्वारा जारी किए गए मजदूरों के डेटा के मुताबिक 25 मार्च से जून के दौरान मुरादाबाद में कुल 16,500 के करीब कुशल व अकुशल कामगार जिले में पहुंचे. सेवायोजन विभाग के आंकड़ों के अनुसार जनपद में स्किल्ड प्रवासी श्रमिकों की संख्या 6,749 है. जबकि अनस्किलड प्रवासी मजदूरों की संख्या 2,283 है. अगर कुल संख्या को जोड़ लिया जाए तो तकरीबन 9,032 प्रवासी मजदूर अभी भी जिले में हैं.

वहीं विभिन्न विभागों के समन्यव से मिले रोजगारों के आंकड़ों को देखें तो यह एक सुखद अहसास है. राहत आयुक्त के द्वारा सेवायोजन विभाग की पोर्टल पर अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार जिले में प्रवासी श्रमिकों की संख्या 6,350 थी. उसके बाद विभाग ने प्रवासी मजदूरों के अलावा निवासी श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की भी शुरुआत की, जो 9,032 हो गई है. इनमें से कुल 7,680 श्रमिकों को विभिन्न विभागों के समन्वय के जरिए रोजगार उपलब्ध करवाया गया है. जबकि कुल रजिस्टर्ड बेरोजगारों की संख्या 1,352 है.

मनरेगा के आंकड़े बताते हैं कुछ और हकीकत
मुरादाबाद में कुल 548 ग्राम पंचायतें हैं. मनरेगा योजना के नोडल अधिकारी द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार जिले में कुल प्रवासी मजदूरों की संख्या 17,840 है. प्रवासी मजदूरों से आच्छादित कुल 433 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत काम करवाया जा रहा है. जिले में कुल 11,944 प्रवासी मजदूरों का जॉब कॉर्ड बनाया गया है. वहीं, 5,896 ऐसे मजदूर भी हैं, जिनका जॉब कॉर्ड या तो रिनीवल किया गया है या उन्हें पहले ही बनाए गए जॉब कार्ड्स में फिर से जोड़ा गया है. मुरादाबाद जिले के आठ विकास खंडों में अभी तक नियोजित कुल प्रवासी मजदूरों की संख्या 14,870 है। जबकि 2,970 मजदूर अपने प्रवास पर फिर से वापस जा चुके हैं.

इस वित्त वर्ष में कितनों को मिला रोजगार
महात्मा गांधी रोजगार गारंटी एक्ट के तहत वित्त वर्ष 2020-2021 के दौरान उत्पन्न रोजगारों के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में मनरेगा जॉब कार्ड की संख्या 1,68,128 है. जिनमें से 1,33,630 लोग सामान्य श्रेणी के आते हैं. जबकि 104 लोग अनुसूचित जनजाति से आते हैं. जबकि अनुसूचित जाति के 34,394 लोगों को मनरेगा का जॉब कार्ड जारी किया जा चुका है.

कुल 87,091 परिवारों को इस वित्त वर्ष में जॉब कार्ड के जरिए रोजगार उपलब्ध करवाया जा चुका है. जिनमें से 67,446 लोग अन्य श्रेणी के हैं. जबकि 71 लोग अनुसूचित जनजाति श्रेणी से आते हैं. इसी तरह 19,574 लोग अनुसूचित जनजाति की श्रेणी से आते हैं. इस वित्त वर्ष में जिले के सभी 8 ब्लॉकों में 24,849 महिलाओं को महात्मा गांधी रोजगार गारंटी कानून के तहत काम उपलब्ध करवाया गया.

क्या कहते हैं मुख्य विकास अधिकारी
मुख्य विकास अधिकारी आनंद वर्धन ने प्रवासी मजदूरों के लौटने के सवालों पर जानकारी देते हुए बताया कि पोर्टल पर जो संख्या है, वह अभी स्थिर है. फिर भी अगर संख्या घट रही है तो इसका एक कारण यह हो सकता है कि अनलॉक के बाद जो मजदूर बाहर से आए थे वह अपने कामों पर लौट रहे हैं. अगर लॉकडाउन के और दौरान उन्हें जनपद में किसी भी विभाग के द्वारा कभी न कभी रोजगार मिला है तो उनका अंकन पोर्टल पर शो हो रहा है.

मुरादाबाद: सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि लॉकडाउन के दौरान 25 लाख लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार से जोड़ा. अनलॉक के बाद धीरे-धीरे फैक्ट्रियां और कंपनियां खुलने लगी हैं. विकास कार्य रफ्तार पकड़ने लगे हैं. ऐसे में मजदूर फिर से शहरों का रुख कर रहे हैं. लेकिन सवाल यह है कि गांव में मिलने वाला रोजगार पर्याप्त नहीं है या सरकार ने मजदूरों को संचालित योजनाओं से रोजगार नहीं दिया. वहीं वेबसाइट्स पर प्रवासी मजदूरों के आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने इस खबर की पड़ताल की. देखिये यह खास रिपोर्ट...

कुल प्रवासी मजदूरों की संख्या 17,840 है.

आपदा एवं राहत विभाग के आंकड़े
आपदा एवं राहत आयुक्त द्वारा जारी किए गए मजदूरों के डेटा के मुताबिक 25 मार्च से जून के दौरान मुरादाबाद में कुल 16,500 के करीब कुशल व अकुशल कामगार जिले में पहुंचे. सेवायोजन विभाग के आंकड़ों के अनुसार जनपद में स्किल्ड प्रवासी श्रमिकों की संख्या 6,749 है. जबकि अनस्किलड प्रवासी मजदूरों की संख्या 2,283 है. अगर कुल संख्या को जोड़ लिया जाए तो तकरीबन 9,032 प्रवासी मजदूर अभी भी जिले में हैं.

वहीं विभिन्न विभागों के समन्यव से मिले रोजगारों के आंकड़ों को देखें तो यह एक सुखद अहसास है. राहत आयुक्त के द्वारा सेवायोजन विभाग की पोर्टल पर अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार जिले में प्रवासी श्रमिकों की संख्या 6,350 थी. उसके बाद विभाग ने प्रवासी मजदूरों के अलावा निवासी श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की भी शुरुआत की, जो 9,032 हो गई है. इनमें से कुल 7,680 श्रमिकों को विभिन्न विभागों के समन्वय के जरिए रोजगार उपलब्ध करवाया गया है. जबकि कुल रजिस्टर्ड बेरोजगारों की संख्या 1,352 है.

मनरेगा के आंकड़े बताते हैं कुछ और हकीकत
मुरादाबाद में कुल 548 ग्राम पंचायतें हैं. मनरेगा योजना के नोडल अधिकारी द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार जिले में कुल प्रवासी मजदूरों की संख्या 17,840 है. प्रवासी मजदूरों से आच्छादित कुल 433 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत काम करवाया जा रहा है. जिले में कुल 11,944 प्रवासी मजदूरों का जॉब कॉर्ड बनाया गया है. वहीं, 5,896 ऐसे मजदूर भी हैं, जिनका जॉब कॉर्ड या तो रिनीवल किया गया है या उन्हें पहले ही बनाए गए जॉब कार्ड्स में फिर से जोड़ा गया है. मुरादाबाद जिले के आठ विकास खंडों में अभी तक नियोजित कुल प्रवासी मजदूरों की संख्या 14,870 है। जबकि 2,970 मजदूर अपने प्रवास पर फिर से वापस जा चुके हैं.

इस वित्त वर्ष में कितनों को मिला रोजगार
महात्मा गांधी रोजगार गारंटी एक्ट के तहत वित्त वर्ष 2020-2021 के दौरान उत्पन्न रोजगारों के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में मनरेगा जॉब कार्ड की संख्या 1,68,128 है. जिनमें से 1,33,630 लोग सामान्य श्रेणी के आते हैं. जबकि 104 लोग अनुसूचित जनजाति से आते हैं. जबकि अनुसूचित जाति के 34,394 लोगों को मनरेगा का जॉब कार्ड जारी किया जा चुका है.

कुल 87,091 परिवारों को इस वित्त वर्ष में जॉब कार्ड के जरिए रोजगार उपलब्ध करवाया जा चुका है. जिनमें से 67,446 लोग अन्य श्रेणी के हैं. जबकि 71 लोग अनुसूचित जनजाति श्रेणी से आते हैं. इसी तरह 19,574 लोग अनुसूचित जनजाति की श्रेणी से आते हैं. इस वित्त वर्ष में जिले के सभी 8 ब्लॉकों में 24,849 महिलाओं को महात्मा गांधी रोजगार गारंटी कानून के तहत काम उपलब्ध करवाया गया.

क्या कहते हैं मुख्य विकास अधिकारी
मुख्य विकास अधिकारी आनंद वर्धन ने प्रवासी मजदूरों के लौटने के सवालों पर जानकारी देते हुए बताया कि पोर्टल पर जो संख्या है, वह अभी स्थिर है. फिर भी अगर संख्या घट रही है तो इसका एक कारण यह हो सकता है कि अनलॉक के बाद जो मजदूर बाहर से आए थे वह अपने कामों पर लौट रहे हैं. अगर लॉकडाउन के और दौरान उन्हें जनपद में किसी भी विभाग के द्वारा कभी न कभी रोजगार मिला है तो उनका अंकन पोर्टल पर शो हो रहा है.

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