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मुरादाबाद: 48 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूरों की मदद कर चुका है यह पुलिस कंट्रोल रूम

लॉकडाउन के चलते कई राज्यों के मजदूर और नौकरी पेशा लोग दिल्ली, मुंबई जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में फंस गए. जनपद मुरादाबाद पुलिस लाइन में प्रवासी लोगों की मदद के लिए पुलिस कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां अब तक 48 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूरों की मदद की जा चुकी है.

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मुरादाबाद पुलिस लाइन में प्रवासी लोगों की मदद
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Published : Apr 20, 2020, 11:41 AM IST

मुरादाबाद: कोरोना संकट के चलते पूरे देश में लागू लॉकडाउन से जहां लोग घरों में रहने को मजबूर हैं, वहीं लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर और नौकरीपेशा अभी भी अपने घरों से दूर हैं. प्रवासी मजदूरों की परेशानियों को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कंट्रोल रूम तैयार किये गए है.

दिल्ली,जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में रह रहे उत्तर प्रदेश के लोगों की मदद के लिए मुरादाबाद स्थित पुलिस अकादमी को कंट्रोल रूम बनाया गया है. अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें प्रशिक्षु कैडेट को कंट्रोल रूम का प्रभार सौंपा गया है जो चौबीस घण्टे लोगों की मदद कर रहें है.

मुरादाबाद पुलिस लाइन में प्रवासी लोगों की मदद
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के सीईओ और पुलिस अकादमी के निदेशक को इन तीन क्षेत्रों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. उत्तर प्रदेश पुलिस कंट्रोल रूम पर आने वाली शिकायतों को पुलिस अकादमी स्थित कंट्रोल रूम को ट्रांसफर किया जाता है, जहां से मदद की गुहार लगा रहें लोगों को जानकारियां उपलब्ध कराई जा रहीं है.

लॉकडाउन लागू होने के बाद से अब तक कंट्रोल रूम की मदद से 48 हजार लोगों को मदद मुहैया कराई गई है. पुलिस अकादमी के कंट्रोल रूम में हर वक्त छह डीएसपी और छह सब इंस्पेक्टर लोगों की समस्या सुन रहें है.

कंट्रोल रूम में आने वाली ज्यादातर समस्याएं खाने-पीने और रहने को लेकर आ रहीं है. दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख सरकारों द्वारा शेल्टर और फूड की व्यवस्था वाले क्षेत्रों की सूची कंट्रोल रूम के पास है. मदद के लिए कॉल करने वाले व्यक्तियों को कंट्रोल रूम द्वारा उनके नजदीक में चल रहे कम्युनिटी किचन और शेल्टर की जानकारी दी जाती है, जिसके बाद सम्बंधित व्यक्ति इन जगहों पर खुद जाकर या फोन कर मदद ले सकता है. बाहरी राज्यों में रह रहें ज्यादातर लोग कंट्रोल रूम में घर वापस आने को लेकर सवाल भी करते है, जिसके बाद उन्हें लॉकडाउन का हवाला देकर समझाया जाता है.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊः सीएम योगी के पिता की हालत गंभीर, दिल्ली एम्स में भर्ती

मुरादाबाद: कोरोना संकट के चलते पूरे देश में लागू लॉकडाउन से जहां लोग घरों में रहने को मजबूर हैं, वहीं लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर और नौकरीपेशा अभी भी अपने घरों से दूर हैं. प्रवासी मजदूरों की परेशानियों को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कंट्रोल रूम तैयार किये गए है.

दिल्ली,जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में रह रहे उत्तर प्रदेश के लोगों की मदद के लिए मुरादाबाद स्थित पुलिस अकादमी को कंट्रोल रूम बनाया गया है. अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें प्रशिक्षु कैडेट को कंट्रोल रूम का प्रभार सौंपा गया है जो चौबीस घण्टे लोगों की मदद कर रहें है.

मुरादाबाद पुलिस लाइन में प्रवासी लोगों की मदद
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के सीईओ और पुलिस अकादमी के निदेशक को इन तीन क्षेत्रों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. उत्तर प्रदेश पुलिस कंट्रोल रूम पर आने वाली शिकायतों को पुलिस अकादमी स्थित कंट्रोल रूम को ट्रांसफर किया जाता है, जहां से मदद की गुहार लगा रहें लोगों को जानकारियां उपलब्ध कराई जा रहीं है.

लॉकडाउन लागू होने के बाद से अब तक कंट्रोल रूम की मदद से 48 हजार लोगों को मदद मुहैया कराई गई है. पुलिस अकादमी के कंट्रोल रूम में हर वक्त छह डीएसपी और छह सब इंस्पेक्टर लोगों की समस्या सुन रहें है.

कंट्रोल रूम में आने वाली ज्यादातर समस्याएं खाने-पीने और रहने को लेकर आ रहीं है. दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख सरकारों द्वारा शेल्टर और फूड की व्यवस्था वाले क्षेत्रों की सूची कंट्रोल रूम के पास है. मदद के लिए कॉल करने वाले व्यक्तियों को कंट्रोल रूम द्वारा उनके नजदीक में चल रहे कम्युनिटी किचन और शेल्टर की जानकारी दी जाती है, जिसके बाद सम्बंधित व्यक्ति इन जगहों पर खुद जाकर या फोन कर मदद ले सकता है. बाहरी राज्यों में रह रहें ज्यादातर लोग कंट्रोल रूम में घर वापस आने को लेकर सवाल भी करते है, जिसके बाद उन्हें लॉकडाउन का हवाला देकर समझाया जाता है.

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