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यूपी सरकार के लिए विकास दुबे का सरेंडर शर्मनाक: एसटी हसन

कानपुर मुठभेड़ मामले के मुख्य आरोपी विकास दुबे को एमपी में गिरफ्तार कर लिया गया. उसकी गिरफ्तारी को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं. सपा मुखिया और सूबे के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी ट्वीट करके सवाल उठाए. वहीं मुरादाबाद से सांसद एसटी हसन ने भी इस मामले को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा.

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Published : Jul 10, 2020, 2:23 AM IST

एसटी हसन ने साधा सरकार पर निशाना.
एसटी हसन ने साधा सरकार पर निशाना.

मुरादाबाद: कानपुर में आठ पुलिसवालों की हत्या की घटना को अंजाम देने वाला मास्टरमाइंड विकास दुबे सात दिन बाद नाटकीय तरीके से एमपी के उज्जैन में पकड़ लिया गया. इस पूरे मामले पर मुरादाबाद के सपा सांसद ने यूपी सरकार की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है. उन्होंने विकास दुबे को आतंकवादी बताते हुए कहा कि पुलिस ने भले ही उसके घर को तबाह कर दिया हो, लेकिन पुलिस चाहती तो बॉर्डर सील करके उसे पकड़ सकती थी. प्रदेश में इस समय अघोषित एमरजेंसी लगी हुई है.

एसटी हसन ने साधा सरकार पर निशाना.

डॉ. एसटी हसन ने यूपी सरकार पर साधा निशाना
कानपुर एनकाउंटर का मास्टर माइंड भले ही एमपी के उज्जैन मंदिर में नाटकीय ढंग से पकड़ लिया गया, लेकिन इस पूरे मामले में यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्न वाचक चिन्ह लग गया है. विकास दुबे यूपी के कई जिलों की सीमा पार कर दूसरे राज्य में पहुंच गया और यूपी पुलिस लकीर पिटती रही. मुरादाबाद से सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने विकास दुबे के पकड़े जाने पर यूपी सरकार को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है.

'यूपी में कानून व्यवस्था की नहीं रह गई है कोई अहमियत'

सांसद डॉ एसटी हसन ने कहा कि बड़े अफसोस की बात है कानपुर में आठ पुलिसकर्मी जिसमें अधिकारी रैंक के कर्मचारी भी शामिल थे, उन्हें एक आतंकवादी ने मार दिया. इस पूरे मामले में पुलिस कुछ न कर सकी. भले ही पुलिस ने उसके घर को बर्बाद कर दिया, लेकिन इतनी कोशिश अगर उसे पकड़ने में की जाती तो शायद वह पकड़ में आ जाता. उन्होंने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था की कोई अहमियत नहीं रह गई है. यूपी पुलिस के अधिकारी आम जनता की हिफाजत करते हैं, ऐसा लगता है कि उनकी हिफाजत करने वाला इस प्रदेश में कोई नहीं है.

'कानून के हिसाब से विकास को मिलनी चाहिए सजा-ए-मौत'

सांसद डॉ एसटी हसन ने आगे कहा कि विकास दुबे ने उज्जैन में जाकर अपने को सरेंडर किया, यह भी हमारे लिए शर्मनाक बात है. उत्तर प्रदेश में वह नहीं पकड़ा जा सका, उत्तर प्रदेश पुलिस का पूरा ध्यान नेपाल बॉर्डर पर रहा. मुझे अपनी कानून व्यवस्था पर पूरा विश्वास है. हमें उम्मीद है कि उसको सख्त से सख्त सजा मिलेगी. कानून के हिसाब से इसे सजा-ए-मौत मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब पुलिस के साथ यह सब कुछ हो रहा है, तो आम आदमी के साथ क्या होगा.

सीएम योगी पर कसा तंज

प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बड़े-बड़े वादे किए जा रहे थे. सीएम योगी ने कहा था कि सारे अपराधियों को या तो जेल जाना पड़ेगा या उत्तर प्रदेश छोड़ना होगा. आपके सामने पूरी मिसाल है. इससे बड़ा अपराधी और कौन हो सकता है. किस तरीके से विकास दुबे ने आठ पुलिसकर्मियों को मार दिया. उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि उत्तर प्रदेश में जब तक सपा की सरकार रही तो कुछ घटनाएं जरूर हुईं, लेकिन ऐसा वाकया प्रदेश में अखिलेश की सरकार में नहीं हुआ. इससे लोगों को डर लगने लगा है. लोग सरकार की तरफ उंगली उठाते हुए भी डर रहे है. सरकार बदले की भावना से राजनीतिक लोगों को जेलों में भेज रही है. आखिर हमारे प्रजातंत्र का क्या हश्र होगा हमारे समझ में नहीं आता. हम इसे प्रजातंत्र कहें या फिर अघोषित इमरजेंसी.

मुरादाबाद: कानपुर में आठ पुलिसवालों की हत्या की घटना को अंजाम देने वाला मास्टरमाइंड विकास दुबे सात दिन बाद नाटकीय तरीके से एमपी के उज्जैन में पकड़ लिया गया. इस पूरे मामले पर मुरादाबाद के सपा सांसद ने यूपी सरकार की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है. उन्होंने विकास दुबे को आतंकवादी बताते हुए कहा कि पुलिस ने भले ही उसके घर को तबाह कर दिया हो, लेकिन पुलिस चाहती तो बॉर्डर सील करके उसे पकड़ सकती थी. प्रदेश में इस समय अघोषित एमरजेंसी लगी हुई है.

एसटी हसन ने साधा सरकार पर निशाना.

डॉ. एसटी हसन ने यूपी सरकार पर साधा निशाना
कानपुर एनकाउंटर का मास्टर माइंड भले ही एमपी के उज्जैन मंदिर में नाटकीय ढंग से पकड़ लिया गया, लेकिन इस पूरे मामले में यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्न वाचक चिन्ह लग गया है. विकास दुबे यूपी के कई जिलों की सीमा पार कर दूसरे राज्य में पहुंच गया और यूपी पुलिस लकीर पिटती रही. मुरादाबाद से सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने विकास दुबे के पकड़े जाने पर यूपी सरकार को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है.

'यूपी में कानून व्यवस्था की नहीं रह गई है कोई अहमियत'

सांसद डॉ एसटी हसन ने कहा कि बड़े अफसोस की बात है कानपुर में आठ पुलिसकर्मी जिसमें अधिकारी रैंक के कर्मचारी भी शामिल थे, उन्हें एक आतंकवादी ने मार दिया. इस पूरे मामले में पुलिस कुछ न कर सकी. भले ही पुलिस ने उसके घर को बर्बाद कर दिया, लेकिन इतनी कोशिश अगर उसे पकड़ने में की जाती तो शायद वह पकड़ में आ जाता. उन्होंने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था की कोई अहमियत नहीं रह गई है. यूपी पुलिस के अधिकारी आम जनता की हिफाजत करते हैं, ऐसा लगता है कि उनकी हिफाजत करने वाला इस प्रदेश में कोई नहीं है.

'कानून के हिसाब से विकास को मिलनी चाहिए सजा-ए-मौत'

सांसद डॉ एसटी हसन ने आगे कहा कि विकास दुबे ने उज्जैन में जाकर अपने को सरेंडर किया, यह भी हमारे लिए शर्मनाक बात है. उत्तर प्रदेश में वह नहीं पकड़ा जा सका, उत्तर प्रदेश पुलिस का पूरा ध्यान नेपाल बॉर्डर पर रहा. मुझे अपनी कानून व्यवस्था पर पूरा विश्वास है. हमें उम्मीद है कि उसको सख्त से सख्त सजा मिलेगी. कानून के हिसाब से इसे सजा-ए-मौत मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब पुलिस के साथ यह सब कुछ हो रहा है, तो आम आदमी के साथ क्या होगा.

सीएम योगी पर कसा तंज

प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बड़े-बड़े वादे किए जा रहे थे. सीएम योगी ने कहा था कि सारे अपराधियों को या तो जेल जाना पड़ेगा या उत्तर प्रदेश छोड़ना होगा. आपके सामने पूरी मिसाल है. इससे बड़ा अपराधी और कौन हो सकता है. किस तरीके से विकास दुबे ने आठ पुलिसकर्मियों को मार दिया. उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि उत्तर प्रदेश में जब तक सपा की सरकार रही तो कुछ घटनाएं जरूर हुईं, लेकिन ऐसा वाकया प्रदेश में अखिलेश की सरकार में नहीं हुआ. इससे लोगों को डर लगने लगा है. लोग सरकार की तरफ उंगली उठाते हुए भी डर रहे है. सरकार बदले की भावना से राजनीतिक लोगों को जेलों में भेज रही है. आखिर हमारे प्रजातंत्र का क्या हश्र होगा हमारे समझ में नहीं आता. हम इसे प्रजातंत्र कहें या फिर अघोषित इमरजेंसी.

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