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मुरादाबाद: जिला अस्पताल में स्टाफ की बड़ी चूक, टीबी के मरीज को बताया कोरोना का संदिग्ध

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिला अस्पताल में स्टाफ की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. टीबी और पीलिया की बिमारी से पीड़ित एक मरीज को अस्पताल के स्टाफ ने कोरोना का मरीज बता डाला. वहीं कोरोना का संदिग्ध होने की जानकारी मिलने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया, तब जाकर सीएमएस सहित अस्पताल के अन्य डॉक्टरों ने मरीज की दोबारा जांच की. फिलहाल मरीज को मेरठ रेफर कर दिया गया है.

अस्पताल के स्टाफ की बड़ी चूक.
अस्पताल के स्टाफ की बड़ी चूक.
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Published : Mar 17, 2020, 1:40 PM IST

मुरादाबाद: रविवार की रात जिला अस्पताल में करीब 10 बजे कटघर थाना क्षेत्र में अम्बेडकरनगर जिले के रहने वाले मोनू सैनी को भर्ती कराया गया था. मोनू को शरीर और गले में दर्द की 15 दिन से शिकायत थी. चेस्ट फिजिशियन परवीन शाह की देखरेख में मौनू का इलाज शुरू किया गया. वहीं सोमवार की दोपहर दो बजे मोनू को डॉक्टर द्वारा मेरठ रेफर कर दिया गया.

अस्पताल के स्टाफ की बड़ी चूक.

मोनू के पिता ने 108 पर कॉल करके एम्बुलेंस बुलाई. एम्बुलेंस कर्मचारी शशिकांत ने स्टाफ नर्स से मरीज की जानकारी मांगी तब एम्बुलेंस कर्मचारी को बताया गया कि वह कोरोना वायरस का संदिग्ध मरीज है. उसको मेरठ रेफर किया गया है. इस बात की जानकारी शशिकांत द्वारा बार-बार की गई कि क्या वाकई में मरीज को कोरोना वायरस है. वहीं जानकारी मिलने पर कोरोना वायरस के लिए तैयार की गई एम्बुलेंस और कर्मचारी पूरी सुरक्षा किट पहनकर जिला अस्पताल पहुंचे.

वहीं मोनू के परिजनों को इस बात की जानकारी हुई तो परिवार में चीख पुकार मच गई. स्टाफ द्वारा इस बात की जानकारी सीएमएस और नोडल अधिकारी को दी गई. इसके बाद जिला अस्पताल के स्टाफ में हड़कंप मच गया और पूरी टीम मरीज की जांच-पड़ताल के लिए अस्पताल पहुंच गई. जिला अस्पताल स्टाफ द्वारा जानकारी करने पर पाया गया कि मरीज कोरोना वायरस से पीड़ित नहीं है. उसको टीवी और पीलिया की शिकायत है. स्टाफ नर्स द्वारा 108 पर कॉल करके गलत जानकारी दी गई थी.

एंबुलेंस कर्मचारी शशिकांत ने बताया कि हमारे पास 108 से कॉल आई थी. कॉल के जरिए कहा गया कि एक मरीज कोरोना वायरस सस्पेक्टेड है. मेरठ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया है. स्टाफ नर्स द्वारा यह बात बताई गई थी. रेफर मरीज को लेने के लिए हम लोग यहां आए थे.

वहीं सीएमएस डॉक्टर ज्योत्सना पंत ने बताया कि एक मरीज को अभी हम लोगों ने देखा है. हमारे डॉक्टर चेस्ट फिजिशियन प्रवीण शाह द्वारा देखा गया था. मरीज को टीवी और पीलिया की शिकायत थी. इसको मेरठ के लिए रेफर किया गया था. उन्होंने बताया कि कहने या सुनने में गलती हुई है. हमारे यहां के स्टाफ और नोडल अधिकारी द्वारा मरीज को दोबारा देखा गया है. ऐसा कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस होता तो उसके लिए अलग से आइसोलेशन वार्ड बना है.

उन्होंने बताया कि हमारी टीम ने सारी कन्फ्यूजन दूर करके दोबारा 108 से बात की है और उसका एक्चुअल डायग्नोसिस बताया गया है. इसके बाद मरीज को दोबारा से डायग्नोसिस के लिए मेरठ भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि हमारे स्टाफ और 108 की वार्ता में कहीं बहुत बड़ा गैप है. इसके लिए स्टाफ को दंडित किया जाएगा और उनसे पूछा जाएगा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया.

इसे भी पढ़ें- इस बार अयोध्या में रामनवमी होगी खास, 500 साल बाद श्रद्धालु मनाएंगे राम जन्मोत्सव

मुरादाबाद: रविवार की रात जिला अस्पताल में करीब 10 बजे कटघर थाना क्षेत्र में अम्बेडकरनगर जिले के रहने वाले मोनू सैनी को भर्ती कराया गया था. मोनू को शरीर और गले में दर्द की 15 दिन से शिकायत थी. चेस्ट फिजिशियन परवीन शाह की देखरेख में मौनू का इलाज शुरू किया गया. वहीं सोमवार की दोपहर दो बजे मोनू को डॉक्टर द्वारा मेरठ रेफर कर दिया गया.

अस्पताल के स्टाफ की बड़ी चूक.

मोनू के पिता ने 108 पर कॉल करके एम्बुलेंस बुलाई. एम्बुलेंस कर्मचारी शशिकांत ने स्टाफ नर्स से मरीज की जानकारी मांगी तब एम्बुलेंस कर्मचारी को बताया गया कि वह कोरोना वायरस का संदिग्ध मरीज है. उसको मेरठ रेफर किया गया है. इस बात की जानकारी शशिकांत द्वारा बार-बार की गई कि क्या वाकई में मरीज को कोरोना वायरस है. वहीं जानकारी मिलने पर कोरोना वायरस के लिए तैयार की गई एम्बुलेंस और कर्मचारी पूरी सुरक्षा किट पहनकर जिला अस्पताल पहुंचे.

वहीं मोनू के परिजनों को इस बात की जानकारी हुई तो परिवार में चीख पुकार मच गई. स्टाफ द्वारा इस बात की जानकारी सीएमएस और नोडल अधिकारी को दी गई. इसके बाद जिला अस्पताल के स्टाफ में हड़कंप मच गया और पूरी टीम मरीज की जांच-पड़ताल के लिए अस्पताल पहुंच गई. जिला अस्पताल स्टाफ द्वारा जानकारी करने पर पाया गया कि मरीज कोरोना वायरस से पीड़ित नहीं है. उसको टीवी और पीलिया की शिकायत है. स्टाफ नर्स द्वारा 108 पर कॉल करके गलत जानकारी दी गई थी.

एंबुलेंस कर्मचारी शशिकांत ने बताया कि हमारे पास 108 से कॉल आई थी. कॉल के जरिए कहा गया कि एक मरीज कोरोना वायरस सस्पेक्टेड है. मेरठ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया है. स्टाफ नर्स द्वारा यह बात बताई गई थी. रेफर मरीज को लेने के लिए हम लोग यहां आए थे.

वहीं सीएमएस डॉक्टर ज्योत्सना पंत ने बताया कि एक मरीज को अभी हम लोगों ने देखा है. हमारे डॉक्टर चेस्ट फिजिशियन प्रवीण शाह द्वारा देखा गया था. मरीज को टीवी और पीलिया की शिकायत थी. इसको मेरठ के लिए रेफर किया गया था. उन्होंने बताया कि कहने या सुनने में गलती हुई है. हमारे यहां के स्टाफ और नोडल अधिकारी द्वारा मरीज को दोबारा देखा गया है. ऐसा कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस होता तो उसके लिए अलग से आइसोलेशन वार्ड बना है.

उन्होंने बताया कि हमारी टीम ने सारी कन्फ्यूजन दूर करके दोबारा 108 से बात की है और उसका एक्चुअल डायग्नोसिस बताया गया है. इसके बाद मरीज को दोबारा से डायग्नोसिस के लिए मेरठ भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि हमारे स्टाफ और 108 की वार्ता में कहीं बहुत बड़ा गैप है. इसके लिए स्टाफ को दंडित किया जाएगा और उनसे पूछा जाएगा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया.

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