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मुरादाबाद: नेशनल हाइवे किनारे मिली लाखों के कीमत की नशीली दवाइयां, जांच शुरू

यूपी के मुरादाबाद में नेशनल हाइवे के किनारे सोमवार को करीब 12 लाख रुपये के नशे के इंजेक्शन और टैबलेट मिलने से हड़कम्प मच गया. दवाइयों के बैच नम्बर के आधार पर जल्द ही इसका खुलासा किया जाएगा.

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Published : Jun 30, 2020, 2:03 AM IST

राष्ट्रीय राजमार्ग पर मिली 12 लाख रुपये की दवाएं
राष्ट्रीय राजमार्ग पर मिली 12 लाख रुपये की दवाएं

मुरादाबाद: जिले के कटघर थाना क्षेत्र स्थित नेशनल हाइवे के किनारे सोमवार को करीब 12 लाख रुपये के नशे के इंजेक्शन और टैबलेट मिलने से हड़कम्प मच गया. एक्सपायरी डेट से पहले हाइवे किनारे फेंकी गई ये दवाइयां और इंजेक्शन नशे के लिए भी इस्तेमाल की जाती हैं.

स्थानीय लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस और ड्रग्स विभाग की टीम ने दवाइयों को कब्जें में लेकर जांच शुरू कर दी है. ड्रग्स विभाग के अधिकारियों के मुताबिक शुरुआती जांच में पुलिस चेकिंग के चलते दवाइयां फेंकने का मामला प्रतीत होता है, लेकिन दवाइयों के बैच नम्बर के आधार पर जल्द ही इसका खुलासा किया जाएगा.

एक्सपायरी डेट के पहले फेंकी गई दवाएं
कटघर क्षेत्र स्थित नेशनल हाइवे-24 किनारे सोमवार दोपहर में सड़क किनारे सैकड़ों की तादात में दवाइयों को फेंके जाने की जानकारी मिली. कोरोना संकट के बीच एक साथ बड़े पैमाने पर दवाइयों के फेंके जाने से लोग घबरा गए. लोगों ने पुलिस को मामले की जानकारी दी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पड़ताल शुरू की तो पता चला कि दवाइयां एक्सपायरी डेट से पहले ही फेंकी गई हैं.

दवाइयों की कीमत लगभग 12 लाख
सूचना मिलने के बाद ड्रग्स विभाग की एक टीम भी मौके पर पहुंची और दवाइयों की जांच की गई. ड्रग्स विभाग के मुताबिक बरामद किए गए एविल नाम के इंजेक्शन को एलर्जी के मामलों में इस्तेमाल किया जाता है. कुछ लोग इसे नशे के लिए भी खरीदते हैं. सड़क किनारे फेंकी गई दवाइयों को ड्रग्स विभाग द्वारा कब्जे में लेकर जांच के लिए भेजा गया है. शुरुआती जांच में दवाइयों की कीमत 12 लाख रुपये आंकी गयी है.

बड़े पैमाने में बरामद हुईं दवाइयां
ड्रग्स विभाग की जांच टीम ने बरामद दवाइयों को परीक्षण के लिए भेज दिया है. ड्रग्स इंस्पेक्टर मुकेश जैन के मुताबिक सूचना मिलने के बाद उन्होंने अपनी जांच शुरू कर दी है. शुरुआती जांच में डर के चलते किसी व्यक्ति द्वारा इंजेक्शन फेंकने की आशंका है. ड्रग्स विभाग दवाइयों पर दर्ज बैच नम्बर के आधार पर मामले की जांच करने का दावा कर रहा है. मुरादाबाद जनपद में पहले भी बड़े पैमाने पर नशे की दवाइयां बरामद हुई हैं.

लिहाजा ड्रग्स विभाग नशे की दवाइयों को सप्लाई करने वाले आरोपियों पर भी नजर रख रहा है. जनपद में एक साल पहले आगरा से रोडवेज बस के द्वारा नशे की दवाइयां लाने का मामला सामने आया था, जिसके बाद कई आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. ड्रग्स विभाग को आशंका है कि पुलिस तलाशी से बचने के लिए आरिपियों ने दवाइयों को हाइवे किनारे फेंक दिया है.

मुरादाबाद: जिले के कटघर थाना क्षेत्र स्थित नेशनल हाइवे के किनारे सोमवार को करीब 12 लाख रुपये के नशे के इंजेक्शन और टैबलेट मिलने से हड़कम्प मच गया. एक्सपायरी डेट से पहले हाइवे किनारे फेंकी गई ये दवाइयां और इंजेक्शन नशे के लिए भी इस्तेमाल की जाती हैं.

स्थानीय लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस और ड्रग्स विभाग की टीम ने दवाइयों को कब्जें में लेकर जांच शुरू कर दी है. ड्रग्स विभाग के अधिकारियों के मुताबिक शुरुआती जांच में पुलिस चेकिंग के चलते दवाइयां फेंकने का मामला प्रतीत होता है, लेकिन दवाइयों के बैच नम्बर के आधार पर जल्द ही इसका खुलासा किया जाएगा.

एक्सपायरी डेट के पहले फेंकी गई दवाएं
कटघर क्षेत्र स्थित नेशनल हाइवे-24 किनारे सोमवार दोपहर में सड़क किनारे सैकड़ों की तादात में दवाइयों को फेंके जाने की जानकारी मिली. कोरोना संकट के बीच एक साथ बड़े पैमाने पर दवाइयों के फेंके जाने से लोग घबरा गए. लोगों ने पुलिस को मामले की जानकारी दी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पड़ताल शुरू की तो पता चला कि दवाइयां एक्सपायरी डेट से पहले ही फेंकी गई हैं.

दवाइयों की कीमत लगभग 12 लाख
सूचना मिलने के बाद ड्रग्स विभाग की एक टीम भी मौके पर पहुंची और दवाइयों की जांच की गई. ड्रग्स विभाग के मुताबिक बरामद किए गए एविल नाम के इंजेक्शन को एलर्जी के मामलों में इस्तेमाल किया जाता है. कुछ लोग इसे नशे के लिए भी खरीदते हैं. सड़क किनारे फेंकी गई दवाइयों को ड्रग्स विभाग द्वारा कब्जे में लेकर जांच के लिए भेजा गया है. शुरुआती जांच में दवाइयों की कीमत 12 लाख रुपये आंकी गयी है.

बड़े पैमाने में बरामद हुईं दवाइयां
ड्रग्स विभाग की जांच टीम ने बरामद दवाइयों को परीक्षण के लिए भेज दिया है. ड्रग्स इंस्पेक्टर मुकेश जैन के मुताबिक सूचना मिलने के बाद उन्होंने अपनी जांच शुरू कर दी है. शुरुआती जांच में डर के चलते किसी व्यक्ति द्वारा इंजेक्शन फेंकने की आशंका है. ड्रग्स विभाग दवाइयों पर दर्ज बैच नम्बर के आधार पर मामले की जांच करने का दावा कर रहा है. मुरादाबाद जनपद में पहले भी बड़े पैमाने पर नशे की दवाइयां बरामद हुई हैं.

लिहाजा ड्रग्स विभाग नशे की दवाइयों को सप्लाई करने वाले आरोपियों पर भी नजर रख रहा है. जनपद में एक साल पहले आगरा से रोडवेज बस के द्वारा नशे की दवाइयां लाने का मामला सामने आया था, जिसके बाद कई आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. ड्रग्स विभाग को आशंका है कि पुलिस तलाशी से बचने के लिए आरिपियों ने दवाइयों को हाइवे किनारे फेंक दिया है.

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