मुरादाबाद: कोरोना काल में एक तरफ जहां देश में संक्रमित मरीजों की तादात लगातार बढ़ती जा रहीं है. वहीं लोगों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं. उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल ने यात्रियों को जरूरी सामान एक जगह से दूसरे जगह भेजने में आ रहीं दिक्कतों से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार की है. रेलवे अब लोगों के घरों से पार्सल लेकर उसको घर तक पहुंचाने जा रहा है. जिसके बाद अब पार्सल बुकिंग के लिए स्टेशन जाने की आवश्यकता नहीं रह जाएंगी. रेलवे की इस पहल से जहां लोगों का सामान सुरक्षित और बिना किसी दिक्कत के एक जगह से दूसरी जगह पहुंचेगा. वहीं रेलवे इसके जरिये रोजगार के अवसर भी तलाश रहा है. डीआरएम के मुताबिक इस कार्य के लिए निजी एजेंसियों की मदद ली जाएगी, ताकि जरूरतमंद लोगों को रोजगार के साधन मुहैया हो सकें.
कोरोना काल में जहां रेलवे को यात्री ट्रेनों का संचालन बन्द करने से काफी नुकसान हुआ. वहीं पार्सल बुकिंग के जरिए रेलवे की आमदनी में इजाफा भी हुआ है. कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते प्रभाव के चलते अभी भी रेलवे स्टेशनों पर सीमित संख्या में ही यात्रियों को जाने की अनुमति दी जा रहीं है. मुरादाबाद मंडल में रेलवे द्वारा अब आम लोगों के लिए नई पहल शुरू की गई है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक रेलवे से पार्सल भेजने वाले लोगों को अब स्टेशन के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. रेलवे द्वारा तैयार कार्ययोजना के मुताबिक रेलवे कर्मी अब लोगों के घर से पार्सल लाकर उसको निर्धारित स्थान तक भेजेंगे और पार्सल की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी कर्मचारियों की होगी. डीआरएम तरुण प्रकाश के मुताबिक लोगों को हो रहीं परेशानी के चलते यह कदम उठाया गया है.
नई कार्य योजना के तहत लोगों के घर से पार्सल लाने और उसको निर्धारित पते पर डिलीवर करने का कार्य रेलवे कर्मियों का होगा. पीपीपी मॉडल पर शुरू की जा रहीं इस योजना के जरिये रेलवे रोजगार बढ़ाने की संभावना पर विचार कर रहा है. इसके लिए कार्य करने को इच्छुक एजंसियों से सम्पर्क किया जा रहा है. घर से पार्सल बुक करने से रेलवे की आमदनी में भी बढोत्तरी होगी. साथ ही कोरोना के चलते हुए राजस्व के नुकसान की भरपाई में मदद मिलेंगी. डीआरएम मुरादाबाद द्वारा सभी अधिकारियों को पत्र भेजकर तैयारियों के निर्देश दिए गए है.
रेलवे अपनी इस नई पहल के साथ आम लोगों को जोड़ने के लिए तैयारी कर रहा है. पार्सल बुकिंग से लेकर होम डिलीवरी और पार्सल वैन में सामान की सुरक्षा के लिए आम लोगों को भी काम पर रखा जाएगा. उम्मीद की जानी चाहिए कि रेलवे की इस पहल से जहां लोगों को मदद मिलेगी वहीं रोजगार के रास्ते भी खुलेंगे.