मुरादाबाद: भारत और चीन में खूनी संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद होने के बाद समूचे देश में चीन का विरोध हो रहा है. देश की जनता अपने-अपने तरीके से चीन का विरोध कर रही है. जिले में हिन्दू समाज पार्टी ने रविवार को चीन के राष्ट्रपति की शव यात्रा निकाली. इसके बाद दाह संस्कार कर राष्ट्रपति की अस्थियों को नाली में विसर्जित कर दिया.
लोगों का कहना है कि सरकार हमको आदेश दे, हम बॉर्डर पर जाकर चीन से युद्ध करने के लिए तैयार हैं. भारतीय सीमा पर की गई घुसपैठ और खूनी संघर्ष के बाद मुरादाबाद में लोग बहुत ही आक्रोशित हैंं. जिले में विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है. हिन्दू समाज की तरफ से चीन के विरोध में चीन के राष्ट्रपति की शव यात्रा निकाली गई.
विधि-विधान से निकाली गई शव यात्रा
लोगों ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की शव यात्रा पूरे विधि-विधान से निकाली. सबसे पहले अर्थी तैयार कर चीनी राष्ट्रपति का पुतला रखकर शव यात्रा को मानसरोवर से निकाला गया. इसके बाद चीनी सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए गए. मुरादाबाद दिल्ली नेशनल हाई-वे पर आकर अर्थी को नीचे रखकर उसका दाह संस्कार किया गया. लोगों ने पुतले का दाह संस्कार करने के बाद अस्थियों को नाली में विसर्जित कर दिया.
हिन्दू समाज पार्टी के अध्यक्ष बोले
हिन्दू समाज पार्टी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियांशु जोशी ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष रणजीत चौहान जी के नेतृत्व में मानसरोवर गेट पर चीन के राष्ट्रपति का पुतला दहन किया गया. चाइना के सामान का बहिष्कार किया गया. हमने चीन के राष्ट्रपति की शव यात्रा निकाली थी और अस्थियों को नाली में विसर्जित कर दिया.
पार्टी की युवा टीम ने कहा
चीन के लिए हिन्दू समाज पार्टी की युवा टीम ने कहा कि अगर केंद्र सरकार हमें आदेश दे तो हमारी युवा शक्ति तत्काल प्रभाव से चीन से युद्ध करने को तैयार है. अगर चीन हमारा एक सैनिक मारता है तो हम उनके दस मारेंगे.
गलवान घाटी में हुई थी झड़प
गलवान घाटी में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद स्थिति काफी तनावपूर्ण है. इस घटना के बाद भारतीय लोगों में काफी गुस्सा भर गया है. पिछले दिनों गलवान में जो कुछ हुआ, ऐसा 45 सालों बाद देखा गया. इतने सालों में वहां कोई गोली नहीं चली थी. ऐसा दोनों देशों के बीच संधि की वजह से था, जिसमें तय किया गया था कि दोनों ही देशों के जवान बॉर्डर एलएसी पर हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेंगे.