मुरादाबाद: जिला मुरादाबाद पूरी दुनिया में पीतल नगरी के नाम से जाना जाता है. लेकिन पिछले कुछ सालों में पीतल के कारोबार में मंदी आई है. धीरे-धारे पीतल बाजार गायब होता जा रहा है. जिसे देखते हुए पीतल उधोग में हो रहे नुकसान से बचने के लिए पीतल कारोबारियों ने अब लकड़ी के कारोबार में हाथ अजमाया है. जिसमें हर साल बीस फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी जा रही है.
नई ऊंचाइयों पर पहुंचा सकता है कारोबार
शहर के ज्यादातर कारखाने जो पहले पीतल कारोबार से जुड़े थे. आज पीतल को छोड़कर लकड़ी का काम कर रहें हैं. कारोबारियों के मुताबिक मुरादाबाद का बुनियादी उधोग ढांचा आने वाले सालों में लकड़ी कारोबार को नई ऊंचाइयों पर पहुंच सकता है.
इस नए कारोबार से खुश हैं कारीगर
वहीं, जो कारीगर कल तक पीतल के उत्पादों पर नक्काशी करते थे. वो अब लकड़ियों को नया आकार दे रहें है. स्थानीय स्तर पर पीतल उत्पाद निर्यात करने वाली कई एक्सपोर्ट फर्म अब लकड़ी के उत्पादों को निर्यात कर रही है. जिससे कारीगरों को भी रोजगार मिल रहा है. स्थानीय कारीगर इस नए कारोबार से खुश हैं.
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हमें लकड़ी का काम करते हुए तीन साल हो चुके हैं. और काम में अच्छे से बढ़ता जा रहा है.
राजा, कारीगर
लकड़ी के कारोबार को लेकर दिमाक में सिर्फ जोधपुर, जयपुर, सहारनपुर आता था. लेकिन अब इसे लेकर मुरादाबाद ने अलग पहचान बनाई है.
शिवम चौधरी, निर्यातक