मुरादाबाद: कूड़ा निस्तारण करने में नाकाम साबित हुए नगर निगम मुरादाबाद को अब करोड़ों का जुर्माना भरना होगा. शहर में दस वर्ष पूर्व कूड़े के निस्तारण के लिए लगाया संयंत्र पिछले कई सालों से बंद पड़ा है. इसके चलते शहर में कूड़ा निस्तारण नहीं हो पा रहा है. रिपोर्ट में शहर में हर रोज 412 मीट्रिक टन कूड़ा जमा होने का जिक्र है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नोटिस मिलने के बाद निगम अधिकारी अब बचाव के तरीके खोज रहें हैं.
412 मीट्रिक टन कूड़ा जमा होता है शहर से
मुरादाबाद नगर निगम में 70 वार्ड हैं और इन वार्डों से नगर निगम हर रोज 412 मीट्रिक टन कूड़ा जमा करता है. कूड़े को गुलाबबाड़ी के पास सड़क किनारे एक मैदान में जमा किया जाता है. वर्ष 2010 में नगर निगम ने एक निजी कम्पनी के माध्यम से कूड़ा निस्तारण के लिए सयंत्र स्थापित किया था, लेकिन दो साल बाद यह सयंत्र बंद हो गया.
कूड़ा निस्तारण के लिए जब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निगम अधिकारियों को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा तो 2014 में इसे दोबारा शुरू किया गया. एक साल चलने के बाद यह फिर से बंद कर दिया गया. पिछले पांच सालों से यह सयंत्र बंद पड़ा हुआ है और शहर से जमा होने वाला कूड़ा सड़क किनारे अलग-अलग जगहों पर जमा किया जा रहा है. बढ़ते प्रदूषण के चलते शासन ने जब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सर्वे को कहा तो निगम अधिकारियों की पोल खुल गई.
अधिकारियों की कार्य शैली पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उठाए सवाल
क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी अजय शर्मा ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में नगर निगम की कार्यशैली को लेकर तमाम सवाल खड़े किए गए हैं. मिश्रित कूड़े को अलग करने, जमा करने और निस्तारण करने में निगम अधिकरियों ने सक्रियता नहीं दिखाई. इस रिपोर्ट के आधार पर नगर निगम को साढ़े सत्ताईस करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. निगम अधिकारियों को पन्द्रह दिन में नोटिस का जवाब देने और अपना पक्ष रखने के आदेश दिए गए हैं. नोटिस मिलने के बाद नगर निगम अधिकारी अब अपने बचाव में जुट गए हैं.
स्मार्ट सिटी की दौड़ में शामिल नगर निगम कूड़ा निस्तारण में फेल होने के बाद अब बैकफुट पर है. निगम अधिकारी कैमरे के सामने कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का नोटिस मिलने के बाद जबाव तैयार किया जा रहा है.