मुरादाबाद: पीतल नगरी के नाम से दुनिया में मशहूर मुरादाबाद में अब महिलाएं, पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर नाम कमा रहीं हैं. पीतल कारोबार में सालों से पुरुषों का एकछत्र वर्चस्व अब इतिहास का हिस्सा बनता जा रहा है. जहां डिजाइनिंग, नक्काशी, मार्केटिंग और बाहरी दुनिया से सम्पर्क में महिलाएं किसी से पीछे नहीं है. वहीं राज्य सरकार द्वारा संचालित एक जनपद एक उत्पाद योजना में महिलाएं बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही है और अपने कारोबार का विस्तार कर रही है. जनपद में ओडीओपी योजना का लाभ लेने में महिलाएं बराबर की हिस्सेदार हैं.
इसे भी पढ़ें- मुरादाबाद: पीतल कारोबार पर मंडराये संकट के बादल, हस्तशिल्प निर्यातकों में छाई मायूसी
जनपद एक उत्पाद समिट में महिला कारोबारियों की बढ़ती संख्या
- पंचायत भवन परिसर में आयोजित एक जनपद एक उत्पाद समिट में महिला कारोबारियों की बढ़ती संख्या पीतल कारोबार के लिए उत्साहजनक है.
- इस योजना से महिला कारोबारियों के लिए सम्भवनाओं के नए द्वार खुल रहे हैं.
- हस्तशिल्प उधोग में मुरादाबाद पूरे देश में हजारों करोड़ रुपये का विदेशी राजस्व जुटाता है.
- इस कारोबार में महिलाओं की भागीदारी कम ही नजर आती है.
- ओडिओपी योजना शुरू होने के बाद महिलाएं हस्तशिल्प प्रशिक्षण हासिल कर रही हैं.
- इसके साथ ही अपने बनाये उत्पादों की मार्केटिंग कर बाजार तलाश रहीं हैं.
ओडीओपी योजना का मुख्य उद्देश्य
- ओडीओपी योजना के तहत हस्तशिल्प कारोबार शुरू करने वाले लाभार्थियों को प्रशिक्षण और बैंक से आर्थिक सहायता दिलाई जाती है.
- महिलाओं को पीतल कारोबार और डिजाइनिंग का प्रशिक्षण देकर उन्हें उत्पाद बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
- उद्दोग विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बड़ी संख्या में महिलाएं योजना का लाभ उठा रही हैं.
- महिलाओं को समय-समय पर दूसरे शहरों में उत्पाद के प्रदर्शन के लिए भेजा जाता है ताकि यह बाजार की सम्भवनाओं को तलाश सकें.