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एक दिन में मुरादाबाद मंडल के आठ लोगों ने की आत्महत्या - यूपी पुलिस

मंडल में पिछले 24 घंटे में आठ लोगों ने आत्महत्या कर ली. विशेषज्ञों के अनुसार, विश्व में भारत आत्महत्या करने वाले देशों में सबसे आगे है. वहीं मानसिक चिकित्सक विशेषज्ञ का कहना है कि सामाजिक, आर्थिक और कुछ बायोलॉजिकल कारण की वजह से लोग आत्महत्या करते हैं.

नवीन गुप्ता, मानसिक रोग विशेषज्ञ
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Published : May 13, 2019, 6:45 PM IST

मुरादाबाद: पिछले 24 घंटे में आठ लोगों ने आत्महत्या कर ली. मुरादाबाद मंडल के पांच अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों ने आत्महत्या की. विशेषज्ञों के अनुसार, विश्व में भारत आत्महत्या करने वाले देशों में सबसे आगे है. इसका मुख्य कारण लोगों के द्वारा अपनी बात किसी के साथ शेयर नहीं करना, अकेलापन भी आत्महत्या का प्रमुख कारण है.

एक दिन में आठ लोगों ने की आत्महत्या.

यहां-यहां हुई घटना

  • मुरादाबाद मंडल में एक दिन के अंदर आठ लोगों ने आत्महत्या कर ली.
  • सिविल लाइन थाना क्षेत्र के राम गंगा विहार कॉलोनी निवासी सहायक पोस्ट मास्टर मानसिंह ने मानसिक तनाव में आकर जहरीला पदार्थ खा लिया, जिन्होंने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया.
  • मानसिंह ने स्वेच्छा से रिटायरमेंट लिया था, जिसके कारण वह काफी अवसाद में रहने लगे थे.
  • वहीं अमरोहा जिले की एक अज्ञात महिला ने अपने दुधमुंही बच्ची के साथ ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली.
  • संभल जिले के चंदोसी थाना क्षेत्र में युवती ने जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी कर ली.
  • खलील नामक व्यक्ति ने पत्नी से विवाद के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
  • अमरोहा जिले के राजापुर थाना क्षेत्र निवासी पुष्पेंद्र नामक युवक ने मां के साथ विवाद होने के बाद जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली.
  • रामपुर जनपद के शाहाबाद थाना क्षेत्र में बीएड छात्र जितेंद्र सिंह पेपर खराब होने के चलते जहरीला पदार्थ खा लिया और उसकी मौत हो गई.
  • रामपुर के टांडा थाना क्षेत्र के अनस नामक किशोर ने दोस्त से नाराज होकर आत्महत्या कर ली.

विश्व में आत्महत्या करने वालों में 17.5 प्रतिशत लोग भारत में हैं. भारत में आत्महत्या करने वालों की उम्र सीमा 15 से 39 साल है. सामाजिक, आर्थिक और कुछ बायोलॉजिकल कारण की वजह से लोग आत्महत्या करते हैं. देश में इसका एक और कारण गांव से शहर की तरफ पलायन भी है. अगर किसी घर के अंदर कोई व्यक्ति किसी से बातचीत न करता हो अकेले रहता हो तो वह डिप्रेशन का शिकार होता है. वह आने वाले समय में आत्महत्या जैसे घातक कदम उठा सकता है. ऐसे लोगों को किसी मानसिक चिकित्सक को दिखाना चाहिए.
-नवीन गुप्ता, मानसिक रोग विशेषज्ञ

मुरादाबाद: पिछले 24 घंटे में आठ लोगों ने आत्महत्या कर ली. मुरादाबाद मंडल के पांच अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों ने आत्महत्या की. विशेषज्ञों के अनुसार, विश्व में भारत आत्महत्या करने वाले देशों में सबसे आगे है. इसका मुख्य कारण लोगों के द्वारा अपनी बात किसी के साथ शेयर नहीं करना, अकेलापन भी आत्महत्या का प्रमुख कारण है.

एक दिन में आठ लोगों ने की आत्महत्या.

यहां-यहां हुई घटना

  • मुरादाबाद मंडल में एक दिन के अंदर आठ लोगों ने आत्महत्या कर ली.
  • सिविल लाइन थाना क्षेत्र के राम गंगा विहार कॉलोनी निवासी सहायक पोस्ट मास्टर मानसिंह ने मानसिक तनाव में आकर जहरीला पदार्थ खा लिया, जिन्होंने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया.
  • मानसिंह ने स्वेच्छा से रिटायरमेंट लिया था, जिसके कारण वह काफी अवसाद में रहने लगे थे.
  • वहीं अमरोहा जिले की एक अज्ञात महिला ने अपने दुधमुंही बच्ची के साथ ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली.
  • संभल जिले के चंदोसी थाना क्षेत्र में युवती ने जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी कर ली.
  • खलील नामक व्यक्ति ने पत्नी से विवाद के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
  • अमरोहा जिले के राजापुर थाना क्षेत्र निवासी पुष्पेंद्र नामक युवक ने मां के साथ विवाद होने के बाद जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली.
  • रामपुर जनपद के शाहाबाद थाना क्षेत्र में बीएड छात्र जितेंद्र सिंह पेपर खराब होने के चलते जहरीला पदार्थ खा लिया और उसकी मौत हो गई.
  • रामपुर के टांडा थाना क्षेत्र के अनस नामक किशोर ने दोस्त से नाराज होकर आत्महत्या कर ली.

विश्व में आत्महत्या करने वालों में 17.5 प्रतिशत लोग भारत में हैं. भारत में आत्महत्या करने वालों की उम्र सीमा 15 से 39 साल है. सामाजिक, आर्थिक और कुछ बायोलॉजिकल कारण की वजह से लोग आत्महत्या करते हैं. देश में इसका एक और कारण गांव से शहर की तरफ पलायन भी है. अगर किसी घर के अंदर कोई व्यक्ति किसी से बातचीत न करता हो अकेले रहता हो तो वह डिप्रेशन का शिकार होता है. वह आने वाले समय में आत्महत्या जैसे घातक कदम उठा सकता है. ऐसे लोगों को किसी मानसिक चिकित्सक को दिखाना चाहिए.
-नवीन गुप्ता, मानसिक रोग विशेषज्ञ

Intro:एंकर: मुरादाबाद मंडल में पिछले 24 घंटों में आठ लोगों ने आत्महत्या करके अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. मुरादाबाद मंडल के 5 जिलों के अलग-अलग क्षेत्रों में आत्महत्या से मुरादाबाद मंडल को झकझोर के रख दिया. विशेषज्ञों की मानें तो विश्व में भारत आत्महत्या करने वालों में सबसे आगे है. जिस के मुख्य कारण लोगों के द्वारा अपनी बात किसी के साथ शेयर नहीं करना अकेलापन भी आत्महत्या का प्रमुख कारण है.


Body:वीओ : मुरादाबाद मंडल में एक दिन के अंदर आठ लोगों ने आत्महत्या कर ली. मुरादाबाद के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के राम गंगा विहार कॉलोनी के रहने वाले सहायक पोस्ट मास्टर मान सिंह ने मानसिक तनाव में आकर जहरीला पदार्थ खा लिया जिन्होंने उपचार के दौरान अपना दम तोड़ दिया. मानसिंह ने अपनी स्वेच्छा से रिटायरमेंट लिया था जिसके कारण वह काफी अपवाद में रहने लगे थे. वहीं अमरोहा जिले की एक अज्ञात महिला ने अपने दुधमुंही बच्ची के साथ ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली आत्महत्या का कारण अभी तक पता नहीं चल सका है. संभल जिले के चंदोसी थाना क्षेत्र में बयान बदायूं रोड निवासी एक युवती ने जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. खलील नामक व्यक्ति ने पत्नी से विवाद के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. अमरोहा जिले के राजापुर थाना क्षेत्र निवासी पुष्पेंद्र नाम के युवक अपनी मां के साथ विवाद होने के बाद जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली. रामपुर जनपद के शाहाबाद थाना क्षेत्र में बीएड के छात्र जितेंद्र सिंह पेपर खराब होने के चलते जहरीला पदार्थ खा लिया और उसकी मौत हो गई. रामपुर के ही टांडा थाना क्षेत्र के अनस नामक किशोर ने दोस्त से नाराज होकर अपने जिला जीवन लीला समाप्त कर ली.


Conclusion:वीओ : मानसिक चिकित्सक विशेषज्ञ नवीन गुप्ता ने बताया कि पूरे विश्व में जो आत्महत्या करने वालों में साढे सत्रा प्रतिशत लोग भारत मे ही है. भारत में आत्महत्या करने वालों की उम्र की सीमा 15 से 39 साल की है. हिंदुस्तान में जो मौतें होती हैं उसमें आत्महत्या से मरने वालों की संख्या तीसरे नंबर पर आती है. आत्महत्या करने के प्रमुख कारण हैं वह सामाजिक, आर्थिक और कुछ बायोलॉजिकल रीजन की वजह से लोग आत्महत्या करते है. हमारे देश में इसका एक कारण और है कि गांव से लोग शहर की तरफ पलायन रहे है. संयुक्त परिवार से अकेले रह रहे हैं अपनी अपेक्षाओं के अनुसार आर्थिक तंगी से जूझ रहे है. जिसकी वजह से लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं अकेलापन महसूस करते हैं और आखरी समय में वह आत्महत्या जैसे घातक कदम उठा लेते है. डॉ नवीन गुप्ता ने बताया कि अगर किसी घर के अंदर कोई व्यक्ति किसी से बातचीत ना करता हूं अकेले रहता हो तो वह डिप्रेशन का शिकार होता है. वह आने वाले समय में आत्महत्या जैसे घातक कदम उठा सकता है. ऐसे लोगों को किसी मानसिक चिकित्सक को दिखाना चाहिए उसकी डॉक्टर के साथ काउंसलिंग करानी चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति में काफी सुधार आता है और आत्महत्या जैसे कदम उठाने से वह बच जाता है. मैं हर रोज अपने क्लीनिक पर जितने मरीजों को देखता हूं उसमें से 50 प्रतिशत मरीज ऐसे होते हैं जो डिप्रेशन के शिकार होते है.


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सुशील कुमार सिंह
ईटीवी भारत
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