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कोरोना से कैसे जूझ रहा मुरादाबाद का ड्यूरेबल्स कारोबार, देखें स्पेशल रिपोर्ट - moradabad businessmen facing problems

यूपी के मुरादाबाद में ड्यूरेबल्स उत्पादों के कारोबारियों पर कोरोना का खासा असर देखने को मिल रहा है. ड्यूरेबल्स आइटम की बिक्री कोविड-19 के चलते 50 फीसदी कम हो गई है. कारोबारियों का कहना है कि सप्ताह में दो दिन की बंदी करने से हालात ज्यादा खराब हो रहें हैं.

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ठप हुआ मुरादाबाद का ड्यूरेबल्स कारोबार.
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Published : Aug 9, 2020, 6:27 AM IST

मुरादाबाद: कोविड-19 महामारी के चलते जहां पूरी दुनिया में कारोबारी मंदी की मार झेल रहे हैं. वहीं स्थानीय स्तर पर भी कारोबार बदहाल हो रहा है. आम इंसान के जीवन की जरूरत बन चुके ड्यूरेबल्स आइटम की मांग कम होने से कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं बाजार में ग्राहकों की कमी से ट्रांसपोर्ट की समस्या और लॉकडाउन में फैक्ट्रियों के बंद होने से भी कारोबार बदहाल हुए हैं. घरों से लेकर किचन में इस्तेमाल होने वाले ड्यूरेबल्स आइटम की बिक्री कोविड-19 के चलते पचास प्रतिशत कम हो गई है. कारोबारियों के मुताबिक अनलॉक में बिक्री बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन सरकार द्वारा सप्ताह में दो दिन की बंदी किए जाने से हालात ज्यादा खराब हो रहें है.

मार्च महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की घोषणा की गई. कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने जहां शुरुआती स्तर पर कोरोना संक्रमण को तेजी से फैलने से रोका. वहीं दूसरी तरफ कारोबारियों की कमर तोड़ने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी. पीतल उत्पादों के लिए दुनिया में अपनी पहचान रखने वाले मुरादाबाद जनपद में पीतल उद्योग कोरोना के चलते जहां पूरी तरह मंदी की चपेट में है. वहीं ड्यूरेबल्स उत्पादों का कारोबार भी कछुए की गति से रेंग रहा है.

इलेक्ट्रॉनिक ड्यूरेबल्स आइटम की बिक्री ठप
लॉकडाउन में ज्यादातर फैक्ट्रियों के बंद होने से कारोबारियों को उत्पाद की सप्लाई नहीं मिल पाई, लेकिन अनलॉक में कारोबारियों का पहले से रखा स्टॉक भी अभी तक गोदाम में पड़ा हुआ है. गर्मियों के मौसम में एसी, कूलर, जैसे इलेक्ट्रॉनिक ड्यूरेबल्स आइटम की बिक्री इस सीजन पचास फीसदी से कम हुई है. आने वाले दिनों में इनकी बिक्री की संभावना भी कारोबारियों को नजर नहीं आती.

ठप हुआ मुरादाबाद का ड्यूरेबल्स कारोबार.

लोगों की खरीदारी पर लगी ब्रेक
दैनिक जीवन में घरों में इस्तेमाल होने वाले ड्यूरेबल्स उत्पादों में किचन उत्पादों की भी मांग ज्यादा रहती है, लेकिन कोविड-19 के चलते किचन उत्पाद भी बहुत कम बिक रहे हैं. कोतवाली क्षेत्र में रहने वाले कारोबारी मनीष मदान के मुताबिक कोरोना से पहले हर महीने लगभग बीस करोड़ के ड्यूरेबल्स किचन आइटम की बिक्री मुरादाबाद में होती थी. आज यह आठ से नौ करोड़ के बीच रह गया है. कोरोना काल में रोजगार के अवसर कम होने के चलते लोगों की खरीदारी करने की योजनाओं पर ब्रेक लग गया है, जिसका असर बाजार में दिखने लगा है. कारोबारियों के मुताबिक रविवार को ज्यादातर ग्राहक छुट्टी के चलते खरीदारी करने बाजार आते हैं, लेकिन सरकार द्वारा लागू लॉकडाउन के बाद अब यह उम्मीद भी समाप्त हो गयी है.

फैक्ट्रियों में मजदूरों की छंटनी
पीतल कारोबार होने के चलते मुरादाबाद में छोटे स्तर पर आम घरों में इस्तेमाल होने वाले बर्तन बनाए जाते हैं. व्यापारी नेता ईश्वर चन्द्र के मुताबिक दीपावली से पहले उत्तर प्रदेश के साथ अन्य राज्यों के व्यापारी यहां आकर ऑर्डर बुक कराते रहें हैं, लेकिन कोरोना के चलते एक तरफ संक्रमण का खतरा और दूसरी तरफ एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में आवाजाही के साधनों की दिक्कत के चलते अभी तक व्यापारी नहीं पहुंच रहे हैं. फैक्ट्रियों में मजदूरों की छंटनी के साथ व्यापारियों ने अपने शो-रूम में भी सेल्समैन को काम से हटाकर नुकसान की भरपाई की कोशिश की है.

पचास फीसदी नुकसान
कोरोना संक्रमण से संक्रमित मरीजों की तादात पूरे देश में लगातार बढ़ रही है. मुरादाबाद जनपद में कोरोना संक्रमण के चलते 162 मोहल्लों को हॉटस्पॉट घोषित कर बैरिकेडिंग की गई है. ऐसे में कई बार ग्राहकों का बाजार तक पहुंचना भी मुश्किल हो रहा है. कारोबारियों के मुताबिक पचास फीसदी नुकसान की भरपाई कैसे होगी, इसका जबाब किसी के पास नहीं है.

मुरादाबाद: कोविड-19 महामारी के चलते जहां पूरी दुनिया में कारोबारी मंदी की मार झेल रहे हैं. वहीं स्थानीय स्तर पर भी कारोबार बदहाल हो रहा है. आम इंसान के जीवन की जरूरत बन चुके ड्यूरेबल्स आइटम की मांग कम होने से कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं बाजार में ग्राहकों की कमी से ट्रांसपोर्ट की समस्या और लॉकडाउन में फैक्ट्रियों के बंद होने से भी कारोबार बदहाल हुए हैं. घरों से लेकर किचन में इस्तेमाल होने वाले ड्यूरेबल्स आइटम की बिक्री कोविड-19 के चलते पचास प्रतिशत कम हो गई है. कारोबारियों के मुताबिक अनलॉक में बिक्री बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन सरकार द्वारा सप्ताह में दो दिन की बंदी किए जाने से हालात ज्यादा खराब हो रहें है.

मार्च महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की घोषणा की गई. कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने जहां शुरुआती स्तर पर कोरोना संक्रमण को तेजी से फैलने से रोका. वहीं दूसरी तरफ कारोबारियों की कमर तोड़ने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी. पीतल उत्पादों के लिए दुनिया में अपनी पहचान रखने वाले मुरादाबाद जनपद में पीतल उद्योग कोरोना के चलते जहां पूरी तरह मंदी की चपेट में है. वहीं ड्यूरेबल्स उत्पादों का कारोबार भी कछुए की गति से रेंग रहा है.

इलेक्ट्रॉनिक ड्यूरेबल्स आइटम की बिक्री ठप
लॉकडाउन में ज्यादातर फैक्ट्रियों के बंद होने से कारोबारियों को उत्पाद की सप्लाई नहीं मिल पाई, लेकिन अनलॉक में कारोबारियों का पहले से रखा स्टॉक भी अभी तक गोदाम में पड़ा हुआ है. गर्मियों के मौसम में एसी, कूलर, जैसे इलेक्ट्रॉनिक ड्यूरेबल्स आइटम की बिक्री इस सीजन पचास फीसदी से कम हुई है. आने वाले दिनों में इनकी बिक्री की संभावना भी कारोबारियों को नजर नहीं आती.

ठप हुआ मुरादाबाद का ड्यूरेबल्स कारोबार.

लोगों की खरीदारी पर लगी ब्रेक
दैनिक जीवन में घरों में इस्तेमाल होने वाले ड्यूरेबल्स उत्पादों में किचन उत्पादों की भी मांग ज्यादा रहती है, लेकिन कोविड-19 के चलते किचन उत्पाद भी बहुत कम बिक रहे हैं. कोतवाली क्षेत्र में रहने वाले कारोबारी मनीष मदान के मुताबिक कोरोना से पहले हर महीने लगभग बीस करोड़ के ड्यूरेबल्स किचन आइटम की बिक्री मुरादाबाद में होती थी. आज यह आठ से नौ करोड़ के बीच रह गया है. कोरोना काल में रोजगार के अवसर कम होने के चलते लोगों की खरीदारी करने की योजनाओं पर ब्रेक लग गया है, जिसका असर बाजार में दिखने लगा है. कारोबारियों के मुताबिक रविवार को ज्यादातर ग्राहक छुट्टी के चलते खरीदारी करने बाजार आते हैं, लेकिन सरकार द्वारा लागू लॉकडाउन के बाद अब यह उम्मीद भी समाप्त हो गयी है.

फैक्ट्रियों में मजदूरों की छंटनी
पीतल कारोबार होने के चलते मुरादाबाद में छोटे स्तर पर आम घरों में इस्तेमाल होने वाले बर्तन बनाए जाते हैं. व्यापारी नेता ईश्वर चन्द्र के मुताबिक दीपावली से पहले उत्तर प्रदेश के साथ अन्य राज्यों के व्यापारी यहां आकर ऑर्डर बुक कराते रहें हैं, लेकिन कोरोना के चलते एक तरफ संक्रमण का खतरा और दूसरी तरफ एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में आवाजाही के साधनों की दिक्कत के चलते अभी तक व्यापारी नहीं पहुंच रहे हैं. फैक्ट्रियों में मजदूरों की छंटनी के साथ व्यापारियों ने अपने शो-रूम में भी सेल्समैन को काम से हटाकर नुकसान की भरपाई की कोशिश की है.

पचास फीसदी नुकसान
कोरोना संक्रमण से संक्रमित मरीजों की तादात पूरे देश में लगातार बढ़ रही है. मुरादाबाद जनपद में कोरोना संक्रमण के चलते 162 मोहल्लों को हॉटस्पॉट घोषित कर बैरिकेडिंग की गई है. ऐसे में कई बार ग्राहकों का बाजार तक पहुंचना भी मुश्किल हो रहा है. कारोबारियों के मुताबिक पचास फीसदी नुकसान की भरपाई कैसे होगी, इसका जबाब किसी के पास नहीं है.

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