मुरादाबादः सपा नेता आजम खान अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ जयप्रदा पर अभद्र टिप्पणी व 2008 के एक मामले में पेशी के लिए मुरादाबाद के कोर्ट पहुंचे थे. इस दौरान कचहरी परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही. जहां उन्होंने कहा कि लखनऊ लुलु मॉल का मालिक आरएसएस का फंड रेज़र है. उसके द्वारा मॉल में नमाजी लाकर विवाद खड़ा किया गया. नमाज पढ़ने वाले लोग भी उसके ही आदमी थे.
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में गुरुवार को समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ एमपी एमएलए कोर्ट में तारीख पर पहुंचे. कोर्ट से बाहर निकलने के बाद आजम खान ने पत्रकारों के ज्यादा सवाल के जबाब में एक ही बात कही कि हम तो अंधे हैं, इसलिए हमने काला चश्मा लगा रखा है. लेकिन इतना जरूर है कि मैं जन्म से अंधा नही हूं.
समाजवादी पार्टी में फूट पड़ने की बात पर उन्होंने कहा कि आप ऐसा सीमेंट लाकर दे दो, जिससे उनको जोड़कर रखा जा सके. विधानसभा चुनाव में विपक्ष के तौर पर समाजवादी पार्टी को सबसे ज्यादा वोट मिले. इस पर आजम खां ने कहा कि फिर भी सरकार नहीं बनी. जो जीता वही सिकंदर, सिकंदर तो हम बने नहीं, बंदर हो गए. कभी मुरादाबाद कभी रामपुर कभी लखनऊ कभी फिरोजाबाद कोर्ट में मदारी के बंदर हो गए हैं.
उन्होंने लुलु वाले बयान पर लोगों द्वारा मिमिकरी करने पर उन्होंने कहा कि लखनऊ के उस लुलु मॉल का मालिक आरएसएस का फंड रेज़र है. उसको इस मॉल का नाम बदलना चाहिए. लेकिन उसका नाम नहीं बदला जाएगा. क्योंकि वह इस लुलु मॉल के नाम से कमाई कर रहा है.
ये है मामला :
लखनऊ के लुलु मॉल का 11 जुलाई को सीएम योगी ने उद्घाटन किया था. इस मॉल के अंदर 13 जुलाई को कुछ लोगों द्वारा नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल हुआ था. इस मामले में अखिल भारतीय हिंदू महासभा संगठन सहित कई हिंदू संगठनों ने मॉल के अंदर नमाज पढ़ने पर आपत्ति जताई थी. मॉल में नमाज अदा के मामले को हिंदू संगठनों ने बड़ा मुद्दा बना दिया. मामला बिगड़ता देख मॉल प्रशासन ने नमाज पढ़ने वालों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी.
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