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मुरादाबाद: पेयजल पाइपों में बंदरों के अवशेष मिलने से मचा हड़कंप

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Published : Aug 20, 2019, 7:37 AM IST

मुरादाबाद जिले की एक कॉलोनी में गंदा पेयजल आने की शिकायत पर जब जांच की गई तो पाइप लाइन में बंदरों के शव फंसे मिलें. जांच में पता चला कि पिछले दो सालों से नगर निगम की पानी की टंकियों की सफाई हुई ही नहीं है. नगर निगम के उदासीन रवैये से जहां लोग आक्रोशित हैं, वहीं अपने स्वास्थ्य को लेकर भी चिंतित नजर आ रहें.

पेयजल पाइपों में जानवरों के अवशेष मिलने से मचा हड़कम्प

मुरादाबाद: सरकार लोगों को शुद्ध पेयजल देने का दावा कर रही है, लेकिन जो सच सामने आया है, उसने सरकार के दावों की पोल खोल दी है. जनपद की एक कॉलोनी में गंदा पेयजल आने की शिकायत पर जब जांच की गई तो पाइप लाइन में बंदरों के शव फंसे मिलें. मामले की गंभीरता को देखते हुए जलकल विभाग ने दो कर्मियों को निलंबित कर दिया है.

पेयजल पाइपों में जानवरों के अवशेष मिलने से मचा हड़कम्प

पिछले दो सालों से नगर निगम पानी की टंकियों की सफाई नहीं हुई है, जिसके कारण लोग आक्रोशित है और अपने स्वास्थ्य को लेकर भी चिंतित नजर आ रहें. दरअसल, मझोला थाना क्षेत्र के धीमरी मोहल्ले में जब पेयजल के साथ जानवरों के अवशेष टोटियों से आने लगे तो लोगों ने आपत्ति जताई. जब जलकल विभाग ने पाइप लाइन खोली तो उसमें तीन बंदरों के अवशेष मिले.

विभाग ने जांच की तो हैरान करने वाला खुलासा हुआ. दो सालों से टंकियों ओर पाइप लाइनों की सफाई ही नहीं हुई. शहर के कई मौहल्लों में दूषित पेयजल की समस्या बनी हुई है. इस विषय में जलकल विभाग के महाप्रबंधक प्रमोद कुमार ने भी स्वीकारा है कि पिछले दो साल से टंकियों की सफाई नहीं हुई है. सफाई न होने से जहां टंकियों में बंदरों और पक्षियों के गिरने और मरने की आशंका है, वहीं इन्हीं टंकियों का पानी पीने को लोग मजबूर हैं. जलकल विभाग की इस उदासीनता पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

इस टंकी की सफाई बहुत दिनों से नहीं हुई है. इसमें 20 ले 30 कबूतर मरे पड़े होंगे और जब से यह कॉलोनी में मैं आाया हूं यहां की पाइप लाइनों की सफाई भी नहीं हुई है. सड़क बनती खुदती रहती हैं जिस कारण उनकी नालियों में छेद होते रहते हैं उसमें गंदगी भरती रहती है. नालियों की गंदगी भी घरों में पहुंच रही है इस पाइपों के माध्यम से.
-विवेक शर्मा, स्थानीय निवासी

नगर निगम मुरादाबाद द्वारा 100 प्रतिशत पेयजल की जलापूर्ति नगर निगम द्वारा की जा रही है. प्रत्येक दिन ओडी टेस्ट कराते हैं हम लोग और स्टेट हेल्थ इंस्टीट्यूट लकनऊ से भी टेस्ट कराते हैं. मासिक में उसमें हमारी रिपोर्ट बिल्कुल ठीक आई है.
-प्रमोद कुमार, जीएम जलकल विभाग

मुरादाबाद: सरकार लोगों को शुद्ध पेयजल देने का दावा कर रही है, लेकिन जो सच सामने आया है, उसने सरकार के दावों की पोल खोल दी है. जनपद की एक कॉलोनी में गंदा पेयजल आने की शिकायत पर जब जांच की गई तो पाइप लाइन में बंदरों के शव फंसे मिलें. मामले की गंभीरता को देखते हुए जलकल विभाग ने दो कर्मियों को निलंबित कर दिया है.

पेयजल पाइपों में जानवरों के अवशेष मिलने से मचा हड़कम्प

पिछले दो सालों से नगर निगम पानी की टंकियों की सफाई नहीं हुई है, जिसके कारण लोग आक्रोशित है और अपने स्वास्थ्य को लेकर भी चिंतित नजर आ रहें. दरअसल, मझोला थाना क्षेत्र के धीमरी मोहल्ले में जब पेयजल के साथ जानवरों के अवशेष टोटियों से आने लगे तो लोगों ने आपत्ति जताई. जब जलकल विभाग ने पाइप लाइन खोली तो उसमें तीन बंदरों के अवशेष मिले.

विभाग ने जांच की तो हैरान करने वाला खुलासा हुआ. दो सालों से टंकियों ओर पाइप लाइनों की सफाई ही नहीं हुई. शहर के कई मौहल्लों में दूषित पेयजल की समस्या बनी हुई है. इस विषय में जलकल विभाग के महाप्रबंधक प्रमोद कुमार ने भी स्वीकारा है कि पिछले दो साल से टंकियों की सफाई नहीं हुई है. सफाई न होने से जहां टंकियों में बंदरों और पक्षियों के गिरने और मरने की आशंका है, वहीं इन्हीं टंकियों का पानी पीने को लोग मजबूर हैं. जलकल विभाग की इस उदासीनता पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

इस टंकी की सफाई बहुत दिनों से नहीं हुई है. इसमें 20 ले 30 कबूतर मरे पड़े होंगे और जब से यह कॉलोनी में मैं आाया हूं यहां की पाइप लाइनों की सफाई भी नहीं हुई है. सड़क बनती खुदती रहती हैं जिस कारण उनकी नालियों में छेद होते रहते हैं उसमें गंदगी भरती रहती है. नालियों की गंदगी भी घरों में पहुंच रही है इस पाइपों के माध्यम से.
-विवेक शर्मा, स्थानीय निवासी

नगर निगम मुरादाबाद द्वारा 100 प्रतिशत पेयजल की जलापूर्ति नगर निगम द्वारा की जा रही है. प्रत्येक दिन ओडी टेस्ट कराते हैं हम लोग और स्टेट हेल्थ इंस्टीट्यूट लकनऊ से भी टेस्ट कराते हैं. मासिक में उसमें हमारी रिपोर्ट बिल्कुल ठीक आई है.
-प्रमोद कुमार, जीएम जलकल विभाग

Intro:एंकर:मुरादाबाद: सरकार एक तरफ जहां लोगों को शुद्ध पेयजल देने का दावा कर रहीं है वहीं मुरादाबाद जनपद में जो सच सामने आया है उसने सरकार के दावों की पोल खोल दी है.मुरादाबाद जनपद की एक कालोनी में गन्दा पेयजल आने की शिकायत पर जब जांच की गई तो पाइप लाइन में बंदरों के शव फंसे मिलें. मामले में अपनी गर्दन फंसता देख जलकल विभाग ने दो कर्मियों को निलंबित कर दिया लेकिन हैरानी की बात यह कि पिछले दो सालों से नगर निगम की पानी की टंकियां सफाई का इंतजार कर रहीं है. नगर निगम के उदासीन रवैये से जहां लोग आक्रोशित है वहीं अपने स्वास्थ्य को लेकर भी चिंतित नजर आ रहें.


Body:बाईट: प्रमोद कुमार: जीएम जलकल विभाग
वीओ वन: नगर निगम के अधीन आने वाले जलकल विभाग के महाप्रबन्धक प्रमोद कुमार की यह बयानबाजी सुनिए, इनके दावों पर भरोषा करें तो लगता है कि ये महाशय लोगों को जो शुद्ध पानी पिला उपलब्ध करा रहे है उसे दुनिया की कोई प्रयोगशाला दूषित साबित नहीं कर सकती. कैमरे पर बयान देते समय नजर झुकाए महाप्रबन्धक महोदय भी जानते है कि उनको बयान और हकीकत में जमीन आसमां का अंतर है लेकिन साहब की गर्दन फंसी है और अपनी गर्दन बचाने के लिए बयान ही इनका एकमात्र सहारा है. दरअसल मझोला क्षेत्र के धीमरी मौहल्लें में जब पेयजल के साथ जानवरों का मांस और बाल नल से बहने लगे तो लोगों ने आपत्ति जताई, जिसके बाद जलकल विभाग ने पाइप लाइन खोली तो उसमें तीन बंदरों के अवशेष मिले. विभाग ने जांच की तो हैरान करने वाला खुलासा हुआ कि दो सालों से टंकियों ओर पाइप लाइनों की सफाई ही नहीं हुई. शहर के कई मौहल्लों में दूषित पेयजल की समस्या बनी हुई है.
बाईट: विवेक शर्मा: स्थानीय निवासी
वीओ टू: पाइप लाइन में बंदरों के शव मिलने के बाद आशंका जताई जा रहीं है कि पानी की टँकीयो के रास्ते बंदरों के शव पाइप लाइन तक पहुंचे. बयान देने में माहिर जलकल के जीएम ही स्वीकार कर रहें है कि पिछले दो साल से टँकीयो की सफाई नहीं हुई है. सफाई न होने से जहां टँकीयो में बंदरों, पक्षियों के गिरने और मरने की आशंका है वहीं इन्ही टँकीयो का पानी पीने को लोग मजबूर है. जलकल विभाग की इस उदासीनता पर कई सवाल खड़े हो रहे है लेकिन साहब के पास सभी सवालों का एक ही जबाब है कि मैंने तो अभी जून में ज्वाइन किया है मुझे पहले की जानकारी नही.
बाईट: प्रमोद कुमार: जीएम जलकल


Conclusion:वीओ तीन:बहरहाल नगर निगम की टंकियों से निकला दूषित पानी जहां लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहा है वहीं जिम्मेदार अधिकारी बहानेबाजी कर मामले से पल्ला झाड़ रहें है. नगर निगम के अधिकारी पूरे मामले में मूकदर्शक बनें हुए है. पाइप लाइन में जानवरों के शव मिलने के बाद स्थानीय लोग भी शुद्ध पेयजल को लेकर सरकार के दावों पर सवाल उठा रहे है.
भुवन चन्द्र
ईटीवी भारत
मुरादाबाद
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