मिर्जापुर: उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही हुई है. इस जल प्रलय में करीब 170 लोग लापता हो गए हैं, जिसमें मिर्जापुर के जयकिशन भी शामिल है. मिर्जापुर के कोटवां पांडेय गांव के जयकिशन एनटीपीसी के तपोवन में पावर प्रोजेक्ट में फोरमैन के पद पर कार्यरत हैं. घटना की जानकारी पर उनके परिवार रो कोहराम मचा गया. जयकिशन के परिजन उत्तराखंड के लिए रवाना हो गए हैं.
इस प्रोजेक्ट के दूसरे सुरंग में लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. ITBP, NDRF, SDRF और उत्तराखंड पुलिस की संयुक्त टीम इस सुरंग में 100 मीटर अंदर तक पहुंच चुकी है, लेकिन आगे कचरे का अंबार है. सुरंग में कई टन कीचड़ भरा हुआ है.
देहात कोतवाली क्षेत्र के जयकिशन के उनके जिम्मे सुरंग में छड़ें लगाने का कार्य था. उनके साथ कार्य करने वाले गांव के युवक बालेश्वर ने बताया कि जिस समय पानी बढ़ा जयकिशन उसी जगह था. जब पानी तेज आवाज कर आने लगा तो वह अन्य लोगों के साथ वहां बने टनल में घुस गया. जयकिशन नवंबर 2020 में वहां गया था, इसके बाद उसका होली में आने का कार्यक्रम था. जयकिशन की चार बेटियां हैं, जिनकी उम्र 5 वर्ष से लेकर 12 वर्ष के बीच है.
उत्तराखंड हादसे में मिसिंग लोगों की लिस्ट में मिर्जापुर के जयकिसन का नाम होने और वहां साथ मे काम करने वाले के दिए जानकारी से परेशान उनके परिजन सरकर से मदद की गुहार लगा रहे हैं. गांव वालों के मुताबिक उत्तराखंड में यहां के युवक काम करने आते जाते रहते हैं. कुछ दिन पहले अभी वहां से लोग वापस आए हैं.