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ग्रामीणों ने प्रधान और सचिव पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप - स्वच्छ भारत अभियान

स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सरकार हर गांव में शौचालय बनवा रही है. वहीं सरकार की इस योजना को अधिकारी और ग्राम प्रधान मिलकर पलीता लगा रहे हैं. मिर्जापुर जिले के ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान और सचिव पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है.

ग्राम प्रधान और सचिव पर भ्रष्टाचार का आरोप.
ग्राम प्रधान और सचिव पर भ्रष्टाचार का आरोप.
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Published : Nov 13, 2020, 8:50 PM IST

मिर्जापुर: स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सरकार हर गांव में शौचालय बनवा रही है. वहीं सरकार की यह योजना अधिकारी और ग्राम प्रधान मिलकर पलीता लगा रहे हैं. ताजा मामला जनपद के पहाड़ी ब्लॉक के माधोपुर गांव का है. इस ग्राम सभा में शौचालय से लेकर जो भी काम कराए गए हैं, वे केवल कागज पर किए गए हैं. ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान पर आरोप लगाया है कि जो शौचालय ग्रामीणों ने अपने पैसे से बनवाया है, उसे ग्राम प्रधान सरकार का शौचालय दिखाकर पैसा निकाल लिए हैं. इसके अलावा जमीन समतलीकरण और स्कूल बाउंड्री के साथ गांव के चबूतरे का पैसा ग्राम सभा के नाम से निकाला गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी जांच का आश्वासन देकर कुछ करते नहीं हैं.

ग्राम प्रधान और सचिव पर भ्रष्टाचार का आरोप.

ग्राम सभा के पैसे का कर रहे हैं बंदरबांट
पहाड़ी ब्लॉक के माधोपुर ग्रामसभा में शौचालय निर्माण में पैसों के गबन का मामला सामने आया है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय के लिए लाखों रुपये का बजट दिया गया और कागज पर गांव में शौचालय बन भी गए हैं. जबकि गांव में अधिकांश शौचालय मौके पर बने नहीं हैं और जो बने हैं. वह निजी पैसों से ग्रामीणों ने बनवाया है तो उसे ग्राम प्रधान और सचिव ने सरकार का शौचालय दिखाकर सभी के नाम से पैसा निकाल लिया है.

विकास के नाम पर करोड़ों का घोटाला
माधोपुर गांव के ग्राम प्रधान हीरामणि है. इनका पूरा काम उनके लड़के राकेश बिंद करते है. राकेश बिंद पर ग्रामीणों ने पंचायती राज विभाग के द्वारा कराए गए कामों में जमकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. एक ही व्यक्ति के नाम से तीन बार शौचालय का हर साल नया शौचालय का भुगतान दिखाकर पैसे निकाले गए हैं. यही नहीं जो शौचालय ग्रामीणों ने अपने पैसों से बनाए हैं. उन्हें सरकारी बताकर पैसा निकाल लिया गया है.

साथ ही स्कूल की बाउंड्री वाल और गांव के चबूतरे जो पहले से बने थे, उसके नाम से भी पूरे पैसे निकाल लिए गए हैं. मौके पर नया निर्माण नहीं कराया गया है. आधे-अधूरे खड़ंजे का निर्माण करवाकर कागज पर पूरे सड़क का निर्माण दिखाकर उसका भी पैसा डकार गए हैं. साथ ही जमीन समतलीकरण का लाखों का भुगतान करा लिया गया है, जबकि मौके पर जमीन समतलीकरण का कार्य अब तक नहीं किया गया है.

अधिकारियों ने जांच के बाद कार्रवाई का दिया आश्वासन
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम माधोपुर में 700 से अघिक शौचालय निर्माण कराने के लिए अलग-अलग मदों से सरकार की तरफ से पैसे जारी किए गए हैंं. ग्रामीणों का कहना है कि 250 लोग के शौचालय का पैसा निकाल लिया गया है. समतलीकरण के नाम पर 12 लोगों के नाम से 16,8374 रुपये निकाल लिए गए हैं.

2 अक्टूबर 2014 से लेकर अभी तक इस गांव में 591 शौचालय के पैसे जारी किए गए हैं. ग्रामीणों की शिकायत पर जांच की जा रही है, जिनके शौचालय नहीं बने हैं. उनके भी पैसे निकाल लिए गए हैं तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
-विनोद श्रीवास्तव, डीसी स्वच्छ भारत मिशन

पहाड़ी विकासखंड की खंड अधिकारी उषा पाल ने बताया कि भ्रष्टाचार का मामला संज्ञान में नहीं आया है. अगर इस तरह से मामले आते हैं तो कमेटी बनाकर जांच कराने के साथ ही संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा.

मिर्जापुर: स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सरकार हर गांव में शौचालय बनवा रही है. वहीं सरकार की यह योजना अधिकारी और ग्राम प्रधान मिलकर पलीता लगा रहे हैं. ताजा मामला जनपद के पहाड़ी ब्लॉक के माधोपुर गांव का है. इस ग्राम सभा में शौचालय से लेकर जो भी काम कराए गए हैं, वे केवल कागज पर किए गए हैं. ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान पर आरोप लगाया है कि जो शौचालय ग्रामीणों ने अपने पैसे से बनवाया है, उसे ग्राम प्रधान सरकार का शौचालय दिखाकर पैसा निकाल लिए हैं. इसके अलावा जमीन समतलीकरण और स्कूल बाउंड्री के साथ गांव के चबूतरे का पैसा ग्राम सभा के नाम से निकाला गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी जांच का आश्वासन देकर कुछ करते नहीं हैं.

ग्राम प्रधान और सचिव पर भ्रष्टाचार का आरोप.

ग्राम सभा के पैसे का कर रहे हैं बंदरबांट
पहाड़ी ब्लॉक के माधोपुर ग्रामसभा में शौचालय निर्माण में पैसों के गबन का मामला सामने आया है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय के लिए लाखों रुपये का बजट दिया गया और कागज पर गांव में शौचालय बन भी गए हैं. जबकि गांव में अधिकांश शौचालय मौके पर बने नहीं हैं और जो बने हैं. वह निजी पैसों से ग्रामीणों ने बनवाया है तो उसे ग्राम प्रधान और सचिव ने सरकार का शौचालय दिखाकर सभी के नाम से पैसा निकाल लिया है.

विकास के नाम पर करोड़ों का घोटाला
माधोपुर गांव के ग्राम प्रधान हीरामणि है. इनका पूरा काम उनके लड़के राकेश बिंद करते है. राकेश बिंद पर ग्रामीणों ने पंचायती राज विभाग के द्वारा कराए गए कामों में जमकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. एक ही व्यक्ति के नाम से तीन बार शौचालय का हर साल नया शौचालय का भुगतान दिखाकर पैसे निकाले गए हैं. यही नहीं जो शौचालय ग्रामीणों ने अपने पैसों से बनाए हैं. उन्हें सरकारी बताकर पैसा निकाल लिया गया है.

साथ ही स्कूल की बाउंड्री वाल और गांव के चबूतरे जो पहले से बने थे, उसके नाम से भी पूरे पैसे निकाल लिए गए हैं. मौके पर नया निर्माण नहीं कराया गया है. आधे-अधूरे खड़ंजे का निर्माण करवाकर कागज पर पूरे सड़क का निर्माण दिखाकर उसका भी पैसा डकार गए हैं. साथ ही जमीन समतलीकरण का लाखों का भुगतान करा लिया गया है, जबकि मौके पर जमीन समतलीकरण का कार्य अब तक नहीं किया गया है.

अधिकारियों ने जांच के बाद कार्रवाई का दिया आश्वासन
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम माधोपुर में 700 से अघिक शौचालय निर्माण कराने के लिए अलग-अलग मदों से सरकार की तरफ से पैसे जारी किए गए हैंं. ग्रामीणों का कहना है कि 250 लोग के शौचालय का पैसा निकाल लिया गया है. समतलीकरण के नाम पर 12 लोगों के नाम से 16,8374 रुपये निकाल लिए गए हैं.

2 अक्टूबर 2014 से लेकर अभी तक इस गांव में 591 शौचालय के पैसे जारी किए गए हैं. ग्रामीणों की शिकायत पर जांच की जा रही है, जिनके शौचालय नहीं बने हैं. उनके भी पैसे निकाल लिए गए हैं तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
-विनोद श्रीवास्तव, डीसी स्वच्छ भारत मिशन

पहाड़ी विकासखंड की खंड अधिकारी उषा पाल ने बताया कि भ्रष्टाचार का मामला संज्ञान में नहीं आया है. अगर इस तरह से मामले आते हैं तो कमेटी बनाकर जांच कराने के साथ ही संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा.

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