ETV Bharat / state

मिर्जापुर में विंध्याचल मंदिर में नवरात्र के बाद किया गया मंदिर का शुद्धिकरण, जानें परंपरा

author img

By

Published : Apr 7, 2023, 4:15 PM IST

मिर्जापुर में मां विंध्यवासनी मंदिर में चैत्र नवरात्र के समाप्ति के पूर्णिमा तिथि के दूसरे दिन मंदिर का शुद्धिकरण किया गया. इस दौरान भक्तों ने नये घड़ा में गंगा जल भरकर पूरे मंदिर का शुद्धिकरण किया.

शुद्धिकरण
शुद्धिकरण
जानकारी देते हुए भक्त

मिर्जापुर: विन्ध्याचल धाम में स्थित मां विंध्यवासनी मंदिर में चैत्र नवरात्र के समाप्ति के पूर्णिमा तिथि के दूसरे दिन मंदिर के शुद्धिकरण के लिए हजारों की संख्या में भक्तों ने नये घड़ा में गंगा जल भरकर पूरे मंदिर का शुद्धिकरण किया. ये परंपरा सदियों से चली रही है. घटा अभिषेक उत्सव नाम से प्रसिद्ध इस कार्यक्रम में भाग लेने दूर-दूर से श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी के दरबार में पहुंचते है. गंगा के पवित्र जल से समस्त देवी देवताओं का अभिषेक कर निकासी की जाती हैं.

etv bharat
मंदिर शुद्धिकरण के लिए जाते भक्त

दरअसल, विंध्याचल में नवरात्रि मेले के बाद माता विंध्यवासिनी के धाम की शुक्रवार को गंगाजल से धुलाई की गई. वैशाख माह कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गंगाजल से मंदिर को धोने की परम्परा चली आ रही हैं. विंध्य पंडा समाज के साथ ही क्षेत्रवासी और श्रद्धालु आज के ही दिन माता का वार्षिक पूजन और निकासी करते हैं. कहा जाता है नवरात्रि मेला के दौरान धाम में आने वाले विभिन्न समाज के लाखों भक्त माता की कृपा पाने के लिए पूजन अर्चन करते हैं. जबकि तमाम साधक सिद्धि पाने के लिए तंत्र मन्त्र की साधना कर भूत, प्रेत, योगिनी और यक्षिणी का आहवान करते हैं. जिन्हें माता के धाम से विदा करने के लिए गंगाजल से धुलाई की जाती हैं.

etv bharat
विंध्याचल मंदिर का शुद्धिकरण

मान्यता है कि गंगाजल से मंदिर का शुद्धिकरण करने से भूत, प्रेत और दुष्ट आत्माओं से मुक्ति मिलती है. हजारों की तादात में भक्त गंगा स्नान कर पवित्र जल को घड़े में भर कर मंदिर की धुलाई कर धाम में विराजमान सभी देवी देवताओं का घटाभिषेक किया. धाम से जीविकोपार्जन करने वाले पण्डा, नाई और धईकार समाज के साथ ही स्थानीय नागरिक और भक्तगण मिलकर मंदिर की गंगाजल से धुलाई करते है. ताकि दुष्ट आत्माओं से समाज को मुक्ति मिले. चहुंओर खुशहाली रहे. श्रीविन्ध्य पंडा समाज के पूर्व अध्यक्ष राजन पाठक ने बताया कि माता विंध्यवासिनी के धाम में अभिषेक में शामिल होने वाले भक्त सेवा कर शांति महसूस करते है. माता के मंदिर में धुलाई और निकासी से इलाके के लोग खुश रहते है.

यह भी पढ़ें- लखनऊ में बनाया जा रहा यूपी दर्शन पार्क, दिखेगी राम मंदिर की भी झांकी

जानकारी देते हुए भक्त

मिर्जापुर: विन्ध्याचल धाम में स्थित मां विंध्यवासनी मंदिर में चैत्र नवरात्र के समाप्ति के पूर्णिमा तिथि के दूसरे दिन मंदिर के शुद्धिकरण के लिए हजारों की संख्या में भक्तों ने नये घड़ा में गंगा जल भरकर पूरे मंदिर का शुद्धिकरण किया. ये परंपरा सदियों से चली रही है. घटा अभिषेक उत्सव नाम से प्रसिद्ध इस कार्यक्रम में भाग लेने दूर-दूर से श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी के दरबार में पहुंचते है. गंगा के पवित्र जल से समस्त देवी देवताओं का अभिषेक कर निकासी की जाती हैं.

etv bharat
मंदिर शुद्धिकरण के लिए जाते भक्त

दरअसल, विंध्याचल में नवरात्रि मेले के बाद माता विंध्यवासिनी के धाम की शुक्रवार को गंगाजल से धुलाई की गई. वैशाख माह कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गंगाजल से मंदिर को धोने की परम्परा चली आ रही हैं. विंध्य पंडा समाज के साथ ही क्षेत्रवासी और श्रद्धालु आज के ही दिन माता का वार्षिक पूजन और निकासी करते हैं. कहा जाता है नवरात्रि मेला के दौरान धाम में आने वाले विभिन्न समाज के लाखों भक्त माता की कृपा पाने के लिए पूजन अर्चन करते हैं. जबकि तमाम साधक सिद्धि पाने के लिए तंत्र मन्त्र की साधना कर भूत, प्रेत, योगिनी और यक्षिणी का आहवान करते हैं. जिन्हें माता के धाम से विदा करने के लिए गंगाजल से धुलाई की जाती हैं.

etv bharat
विंध्याचल मंदिर का शुद्धिकरण

मान्यता है कि गंगाजल से मंदिर का शुद्धिकरण करने से भूत, प्रेत और दुष्ट आत्माओं से मुक्ति मिलती है. हजारों की तादात में भक्त गंगा स्नान कर पवित्र जल को घड़े में भर कर मंदिर की धुलाई कर धाम में विराजमान सभी देवी देवताओं का घटाभिषेक किया. धाम से जीविकोपार्जन करने वाले पण्डा, नाई और धईकार समाज के साथ ही स्थानीय नागरिक और भक्तगण मिलकर मंदिर की गंगाजल से धुलाई करते है. ताकि दुष्ट आत्माओं से समाज को मुक्ति मिले. चहुंओर खुशहाली रहे. श्रीविन्ध्य पंडा समाज के पूर्व अध्यक्ष राजन पाठक ने बताया कि माता विंध्यवासिनी के धाम में अभिषेक में शामिल होने वाले भक्त सेवा कर शांति महसूस करते है. माता के मंदिर में धुलाई और निकासी से इलाके के लोग खुश रहते है.

यह भी पढ़ें- लखनऊ में बनाया जा रहा यूपी दर्शन पार्क, दिखेगी राम मंदिर की भी झांकी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.