मिर्जापुर: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत गांव में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अब गंभीर बीमारियों का इलाज संभव होगा. अपोलो हॉस्पिटल हैदराबाद के विशेषज्ञ डॉक्टर सीएचसी पर आने वाले मरीजों का ऑनलाइन इलाज कर रहे हैं. इसके लिए मिर्जापुर के कछवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का चयन किया गया है. इसके साथ ही इस मिशन के तहत आठ और सामुदायिक सेंटरों को जोड़ने का प्रयास चल रहा है. सभी सेंटरों को डॉक्टर द्वारा रेफर किए गए मरीजों को अपोलो के डॉक्टर ऑनलाइन सलाह देंगे.
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अब ग्रामीण अंचलों में भी गंभीर बीमारियों का इलाज संभव हो रहा है.
- इस मिशन के तहत अब ग्रामीणों को इलाज के लिए महानगरों में नहीं जाना पड़ेगा.
- सभी मरीज अपने नजदीकी स्वास्थ्य सामुदायिक सेंटर पर ही मुफ्त इलाज करा सकेंगे.
- मरीजों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत टेलीमेडिसिन सेवा गांव की सीएचसी पर उपलब्ध कराई जा रही है.
13 गंभीर बीमारियों का होगा इलाज
- यहां 13 गंभीर बीमारियों का इलाज अपोलो हॉस्पिटल हैदराबाद के विशेषज्ञों द्वारा ऑनलाइन किया जाएगा.
- इसमें कैंसर, किडनी, हड्डी, त्वचा, मूत्र, स्त्री रोग संबंधी बीमारियां शामिल हैं.
- इसके लिए सिर्फ मरीज को सीएचसी पर जाना होगा, चयनित सीएचसी पर इंटरनेट, कंप्यूटर डिस्पले आदि की व्यवस्था की गई है.
ये है प्रक्रिया
- पहले ओपीडी में बैठे डॉक्टर मरीज का चेकअप करेंगे, यदि मरीज को गंभीर बीमारी है तो ओपीडी के डॉक्टर टेलीमेडिसिन के लिए रेफर करेंगे.
- अपोलो हॉस्पिटल के विशेषज्ञ से संपर्क कर मरीज को कैमरे के सामने खड़ा किया जाएगा.
- डॉक्टर मरीज को स्क्रीन पर देखेंगे, फिर जांच और इलाज के लिए प्रक्रिया शुरू करके सलाह देंगे.
मिर्जापुर से अभी एक स्वास्थ्य सामुदायिक सेंटर पर यह सेवा मिल रही है, वहीं आठ और सीएचसी को इस मिशन से जोड़ने का कार्य चल रहा है. आलाधिकारियों का कहना है कि जल्द ही वहां भी यह सेवा मिलना शुरू हो जाएगी.
यह योजना प्रदेश के 16 जनपदों में शुरू की गई है. इसमें मिर्जापुर भी शामिल है. प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर, वाराणसी, जौनपुर, हमीरपुर, चित्रकूट, कानपुर देहात, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर का चयन किया गया है. अब इन जनपदों के ग्रामीणों को गंभीर बीमारियों का इलाज कराने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा. मिर्जापुर में एक सेंटर पर यह सुविधा उपलब्ध है. अभी तक 150 मरीजों का इलाज किया जा चुका है.
-बबीता, टेलीमेडिसिन संचालिका