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ऊर्जा राज्यमंत्री ने किया कॉमन फैसिलिटी सेंटर का लोकार्पण

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में मंगलवार को ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल ने कामन फैसिलिटी सेंटर का लोकार्पण किया. इस दौरान ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल ने कहा कि इसका सीधा फायदा किसानों व बांस से जुड़े कारीगरों को होगा.

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कामन फैसिलिटी सेंटर का उद्घाटन
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Published : Sep 30, 2020, 7:14 PM IST

मिर्जापुर: बांस के उत्पाद में मिर्जापुर जिला अब यूपी की पहचान बनने जा रहा है. नेशनल बैम्बू मिशन योजना अंतर्गत उत्तर प्रदेश के 5 शहरों में कॉमन फैसिलिटी सेंटर खोला जा रहा है. इनमें से मिर्जापुर का कॉमन फैसिलिटी सेंटर सबसे पहले बनकर तैयार हो गया है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र मड़िहान में कामन फैसिलिटी सेंटर का लोकार्पण मंगलवार को ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल ने किया है.

कामन फैसिलिटी सेंटर का लोकार्पण.

इस दौरान ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल ने कहा कि इसका सीधा फायदा किसानों व बांस से जुड़े कारीगरों को होगा. किसानों को बांस की खेती के लिए प्रेरित करने के साथ ही उन्हें एक छत के नीचे प्रशिक्षण दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बांस के कारीगर कम समय में अच्छा बर्तन बनाकर अच्छी कमाई कर अपने परिवार का जीविकोपार्जन कर सकेंगे.

मड़िहान में कॉमन फैसिलिटी सेंटर तैयार
नक्लस प्रभावित क्षेत्र में बांस के कारीगरों के आय में वृद्धि और बांस के किसानों की इनकम में इजाफा के लिए मिर्जापुर के मड़िहान में कॉमन फैसिलिटी सेंटर और बैम्बू बाजार का लोकार्पण किया गया. उत्तर प्रदेश के 5 जिले गोरखपुर, झांसी , बरेली, सहारनपुर और मिर्जापुर में शासन की ओर से कॉमन फैसिलिटी सेंटर और बैम्बू बाजार खोलने का प्रस्ताव है. मिर्जापुर का कॉमन फैसिलिटी सेंटर 9 लाख और बैम्बू बाजार भी 9 लाख रुपये की लागत से बनकर तैयार हो गया है. बांस की कलाकारी में हुनर दिखाने वाले कारीगर अब हाथ से नहीं बल्कि मशीन पर अपना हुनर दिखाकर बांस के उत्पाद तैयार करंगे. कॉमन फैसिलिटी सेंटर शुरू करने के बाद इन्हें एक ही छत के नीचे कारीगर प्रशिक्षण से लेकर, उत्पाद बनाने और बेंचने तक का काम करेंगे.

लग गई मशीनें
कॉमन फैसिलिटी सेंटर में मशीनें लग गई हैं. इस मशीनों से कम समय में अच्छे-अच्छे बांस के बने टोकरी, सूप, फर्नीचर, सोफा के साथ बांस की झोपड़ी तक का निर्माण किया जायेगा. बिक्री के लिए बैम्बू बाजार प्लेटफॉर्म भी बनकर तैयार है. इनके बनें उत्पाद यहां लगाए जाएंगे.

18 लाख की लागत में तैयार
डीएफओ राकेश चौधरी ने बताया कि प्रदेश के 5 जनपदों में कॉमन फैसिलिटी सेंटर का काम चल रहा है. मिर्जापुर में सबसे पहले बनकर यह तैयार हो गया है. कॉमन फैसिलिटी सेंटर और बैम्बू बाजार 18 लाख में बनकर तैयार हुआ है. बांस के कारीगर अब कम समय में अच्छे उत्पादन कर सकेंगे और इनके लिए एक ही छत के नीचे बनाने से लेकर बेंचने तक का व्यवस्था की गई है. इनको अच्छे प्रकार का बांस उपलब्ध कराया जाएगा.

किसानों की होगी दोगुनी आय
ऊर्जा राज्य मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पिछड़े लोगों को नेशनल बैम्बू मिशन योजना से लाभ मिलेगा. जो काम कारीगर घंटो बैठकर करते थे. वह अब कारीगर कम समय में अच्छे बांस के उत्पाद तैयार कर पाएंगे. आत्मनिर्भर होकर वह अपने परिवार का जीविकोपार्जन करंगे और उनके आय में भी दोगुनी वृद्धि होगी.

मिर्जापुर: बांस के उत्पाद में मिर्जापुर जिला अब यूपी की पहचान बनने जा रहा है. नेशनल बैम्बू मिशन योजना अंतर्गत उत्तर प्रदेश के 5 शहरों में कॉमन फैसिलिटी सेंटर खोला जा रहा है. इनमें से मिर्जापुर का कॉमन फैसिलिटी सेंटर सबसे पहले बनकर तैयार हो गया है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र मड़िहान में कामन फैसिलिटी सेंटर का लोकार्पण मंगलवार को ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल ने किया है.

कामन फैसिलिटी सेंटर का लोकार्पण.

इस दौरान ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल ने कहा कि इसका सीधा फायदा किसानों व बांस से जुड़े कारीगरों को होगा. किसानों को बांस की खेती के लिए प्रेरित करने के साथ ही उन्हें एक छत के नीचे प्रशिक्षण दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बांस के कारीगर कम समय में अच्छा बर्तन बनाकर अच्छी कमाई कर अपने परिवार का जीविकोपार्जन कर सकेंगे.

मड़िहान में कॉमन फैसिलिटी सेंटर तैयार
नक्लस प्रभावित क्षेत्र में बांस के कारीगरों के आय में वृद्धि और बांस के किसानों की इनकम में इजाफा के लिए मिर्जापुर के मड़िहान में कॉमन फैसिलिटी सेंटर और बैम्बू बाजार का लोकार्पण किया गया. उत्तर प्रदेश के 5 जिले गोरखपुर, झांसी , बरेली, सहारनपुर और मिर्जापुर में शासन की ओर से कॉमन फैसिलिटी सेंटर और बैम्बू बाजार खोलने का प्रस्ताव है. मिर्जापुर का कॉमन फैसिलिटी सेंटर 9 लाख और बैम्बू बाजार भी 9 लाख रुपये की लागत से बनकर तैयार हो गया है. बांस की कलाकारी में हुनर दिखाने वाले कारीगर अब हाथ से नहीं बल्कि मशीन पर अपना हुनर दिखाकर बांस के उत्पाद तैयार करंगे. कॉमन फैसिलिटी सेंटर शुरू करने के बाद इन्हें एक ही छत के नीचे कारीगर प्रशिक्षण से लेकर, उत्पाद बनाने और बेंचने तक का काम करेंगे.

लग गई मशीनें
कॉमन फैसिलिटी सेंटर में मशीनें लग गई हैं. इस मशीनों से कम समय में अच्छे-अच्छे बांस के बने टोकरी, सूप, फर्नीचर, सोफा के साथ बांस की झोपड़ी तक का निर्माण किया जायेगा. बिक्री के लिए बैम्बू बाजार प्लेटफॉर्म भी बनकर तैयार है. इनके बनें उत्पाद यहां लगाए जाएंगे.

18 लाख की लागत में तैयार
डीएफओ राकेश चौधरी ने बताया कि प्रदेश के 5 जनपदों में कॉमन फैसिलिटी सेंटर का काम चल रहा है. मिर्जापुर में सबसे पहले बनकर यह तैयार हो गया है. कॉमन फैसिलिटी सेंटर और बैम्बू बाजार 18 लाख में बनकर तैयार हुआ है. बांस के कारीगर अब कम समय में अच्छे उत्पादन कर सकेंगे और इनके लिए एक ही छत के नीचे बनाने से लेकर बेंचने तक का व्यवस्था की गई है. इनको अच्छे प्रकार का बांस उपलब्ध कराया जाएगा.

किसानों की होगी दोगुनी आय
ऊर्जा राज्य मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पिछड़े लोगों को नेशनल बैम्बू मिशन योजना से लाभ मिलेगा. जो काम कारीगर घंटो बैठकर करते थे. वह अब कारीगर कम समय में अच्छे बांस के उत्पाद तैयार कर पाएंगे. आत्मनिर्भर होकर वह अपने परिवार का जीविकोपार्जन करंगे और उनके आय में भी दोगुनी वृद्धि होगी.

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