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अब गांव में भी घर बनवाने के लिए पास कराना होगा नक्शा

यूपी के मिर्जापुर में मकान बनाने से पहले नगर पालिका क्षेत्र में विकास प्राधिकरण से नक्शा बनवाना पड़ता है तो इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में भवन निर्माण के पहले जिला पंचायत से नक्शा बनवाना अनिवार्य होता है.

कार्यालय जिला पंचायत.
कार्यालय जिला पंचायत.
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Published : Feb 13, 2021, 2:21 PM IST

मिर्जापुर: शहर की तरफ गांव में भी मकान या भवन बनाने के लिए नक्शा पास करवाना अनिवार्य होगा. मिर्जापुर जिला पंचायत क्षेत्र के सभी गांव में या व्यवस्था लागू की गई है. निजी भवन के लिए 25 रुपये प्रति वर्ग मीटर तो व्यवसायिक भवन के लिए 50 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से टैक्स भरना होगा. बिना नक्शा पास कराए जाने पर मकान या भवन बनवाते पकड़े जाते हैं तो एक हजार रुपया जुर्माना लगाया जाएगा. जुर्माना नहीं भरने पर 3 महीने की जेल हो सकती है.

जानकारी देतीं अपर मुख्य अधिकारी नीतू सिंह सिसौदिया.

मकान बनाने से पहले नगर पालिका क्षेत्र में विकास प्राधिकरण से नक्शा बनवाना पड़ता है तो इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में भवन निर्माण के पहले जिला पंचायत से नक्शा बनवाना अनिवार्य होता है. नगर पालिका, नगर पंचायत ,औद्योगिक एरिया, छावनी के क्षेत्रों को छोड़कर जिला पंचायत के क्षेत्र में आ रहे आवासीय, व्यवसायिक, कंपलेक्स, सरकारी भवन, अस्पताल ,स्कूल या प्लाटिंग जो भी मकान बनेंगे वह सभी जिला पंचायत से नक्शा पास करवाना अनिवार्य होगा.

2019 से जिला पंचायत में लागू है नक्शा अनिवार्य
जिला पंचायत क्षेत्र के आने वाले सभी गांव में बनने वाले निजी आवास व्यवसायिक आवास को जिला पंचायत से नक्शा बनवाना अनिवार्य होगा. यह उपविधि जिला पंचायत में 2019 से लागू की गई है. निजी भवन के लिए 25 रुपये प्रति वर्ग मीटर तो व्यवसायिक भवन के लिए 50 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से टैक्स भरना होगा. अवर अभियंता, अभियंता के द्वारा जिला पंचायत से नक्शा पास किया जा रहा है.

मिर्जापुर में है 44 जिला पंचायत क्षेत्र
जिला पंचायत की सीमा में आने वाले 44 जिला पंचायत क्षेत्रों के गांव में यह व्यवस्था 2019 से लागू है. घर या भवन का नक्शा जिला पंचायत से पास करवाना अनिवार्य होगा, लेकिन जानकारी के अभाव में अधिकतर लोगों द्वारा नक्शा पास नहीं कराया जाता है इसके चलते प्रतिवर्ष जिला पंचायत को मिलने वाले कर का नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिला पंचायत के नजर में निजी भवन, व्यवसायिक भवन, प्लाटिंग करने वाले बड़ी कंपनियों के एजेंसी धारक भी है जो ग्रामीण क्षेत्रों में कंपनी स्थापित कर सरकार का टैक्स जमा करने से बचते हैं. अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत डॉ. नीतू सिंह सिसौदिया ने बताया कि सर्वे कराकर ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है. सभी जिला पंचायत क्षेत्र के आने वाले गांव में बनने वाले मकानों का सूची तैयार कर उनसे टैक्स वसूला जाएगा.

इसे भी पढे़ं- आगरा एक्सप्रेस-वे पर आपस में भिड़ीं दर्जनों गाड़ियां बन गईं कबाड़, 20 घायल

मिर्जापुर: शहर की तरफ गांव में भी मकान या भवन बनाने के लिए नक्शा पास करवाना अनिवार्य होगा. मिर्जापुर जिला पंचायत क्षेत्र के सभी गांव में या व्यवस्था लागू की गई है. निजी भवन के लिए 25 रुपये प्रति वर्ग मीटर तो व्यवसायिक भवन के लिए 50 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से टैक्स भरना होगा. बिना नक्शा पास कराए जाने पर मकान या भवन बनवाते पकड़े जाते हैं तो एक हजार रुपया जुर्माना लगाया जाएगा. जुर्माना नहीं भरने पर 3 महीने की जेल हो सकती है.

जानकारी देतीं अपर मुख्य अधिकारी नीतू सिंह सिसौदिया.

मकान बनाने से पहले नगर पालिका क्षेत्र में विकास प्राधिकरण से नक्शा बनवाना पड़ता है तो इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में भवन निर्माण के पहले जिला पंचायत से नक्शा बनवाना अनिवार्य होता है. नगर पालिका, नगर पंचायत ,औद्योगिक एरिया, छावनी के क्षेत्रों को छोड़कर जिला पंचायत के क्षेत्र में आ रहे आवासीय, व्यवसायिक, कंपलेक्स, सरकारी भवन, अस्पताल ,स्कूल या प्लाटिंग जो भी मकान बनेंगे वह सभी जिला पंचायत से नक्शा पास करवाना अनिवार्य होगा.

2019 से जिला पंचायत में लागू है नक्शा अनिवार्य
जिला पंचायत क्षेत्र के आने वाले सभी गांव में बनने वाले निजी आवास व्यवसायिक आवास को जिला पंचायत से नक्शा बनवाना अनिवार्य होगा. यह उपविधि जिला पंचायत में 2019 से लागू की गई है. निजी भवन के लिए 25 रुपये प्रति वर्ग मीटर तो व्यवसायिक भवन के लिए 50 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से टैक्स भरना होगा. अवर अभियंता, अभियंता के द्वारा जिला पंचायत से नक्शा पास किया जा रहा है.

मिर्जापुर में है 44 जिला पंचायत क्षेत्र
जिला पंचायत की सीमा में आने वाले 44 जिला पंचायत क्षेत्रों के गांव में यह व्यवस्था 2019 से लागू है. घर या भवन का नक्शा जिला पंचायत से पास करवाना अनिवार्य होगा, लेकिन जानकारी के अभाव में अधिकतर लोगों द्वारा नक्शा पास नहीं कराया जाता है इसके चलते प्रतिवर्ष जिला पंचायत को मिलने वाले कर का नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिला पंचायत के नजर में निजी भवन, व्यवसायिक भवन, प्लाटिंग करने वाले बड़ी कंपनियों के एजेंसी धारक भी है जो ग्रामीण क्षेत्रों में कंपनी स्थापित कर सरकार का टैक्स जमा करने से बचते हैं. अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत डॉ. नीतू सिंह सिसौदिया ने बताया कि सर्वे कराकर ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है. सभी जिला पंचायत क्षेत्र के आने वाले गांव में बनने वाले मकानों का सूची तैयार कर उनसे टैक्स वसूला जाएगा.

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