मिर्जापुर: विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी धाम में 17 अक्टूबर शारदेय नवरात्र का मेला प्रारंभ हो रहा है. मेले की तैयारी को लेकर जिला प्रशासन पंडा समाज के साथ बैठकें भी कर जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मां के दर्शन करने वाले श्रद्धालु बने हुए गोला में से होकर मंदिर पहुंचेंगे. पूरे मेले को 8 जून 16 सेक्टर में बांटा गया है जिसमें अधिकारियों के साथ 1400 सिपाही 16 इंस्पेक्टर 220 सब इंस्पेक्टर 8 डीएसपी और एक अपर पुलिस अधीक्षक लगाए गए हैं. साथ ही गंगा नदी में मोटर बोट के अलावा नाव गोताखोर और एनडीआरएफ की टीम भी रहेगी. वहीं जिला प्रशासन और पंडा समाज ने श्रद्धालुओं से अपील किया है कि कोरोना काल में कम से कम लोग मां का दर्शन पूजन करने आए.
हैंडपंपों की मरम्मत करा दिया गया है. साथ ही जल निगम से 6 नगर पालिका ने 14 स्थानों पर टैंकरों की व्यवस्था की है. 12 पार्किंग स्थल और 24 स्थानों पर बैरियर लगाए गए हैं. साथ ही गंगा स्नान के बाद महिलाओं के वस्त्र बदलने के लिए 35 स्थान बनाए गए हैं. श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है. पूरे मेला में पर्याप्त सफाई कर्मी की तैनाती की गई है जो 24 घंटा सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखेंगे.
कोरोना संक्रमण के चलते विंध्याचल स्टेशन पर शारदीय नवरात्र में विशेष ट्रेनों के ठहराव करने की मांग की गई है फिलहाल वर्तमान में 5 जोड़ी ट्रेनों का ठहराव हो रहा है. मुंबई जनता, शिप्रा, महानंदा, महानगरी और सूरत जाने वाली ताप्ती गंगा एक्सप्रेस रुक रही है. पुरुषोत्तम एक्सप्रेस, ब्रह्मपुत्र एक्सप्रेस, संघमित्रा पटना एलटीटी और मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन शारदीय नवरात्र में रोकने की मांग की जा रही है.
शारदीय नवरात्र के दौरान आने वाले मां विंध्यवासिनी के दरबार में श्रद्धालुओं के दर्शन पूजन में कोई परेशानी न हो इसको देखते हुए यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित कराए जाने को लेकर रूट डायवर्जन किया गया है. औराई के तरफ से आने वाले वाहन शास्त्री ब्रिज दूधनाथ तिराहे से विंध्याचल जाएंगे. विंध्याचल से वाहन दूधनाथ तिराहा ,रेलवे अंडरपास से गोपीगंज जाएंगे यह आदेश 16 अक्टूबर की रात से 31 अक्टूबर तक लागू रहेगा. इस बीच शहर में बड़े वाहनों का प्रवेश वर्जित रहेगा.