मिर्जापुर: महिला हेल्प डेस्क की तर्ज पर अब मिर्जापुर के सभी थानों में किसानों की सामान्य समस्याओं के निराकरण के लिए किसान हेल्प डेस्क की शुरुआत की गई है. किसानों से संबंधित समस्याओं का पुलिस तत्काल निराकरण का प्रयास करेगी. साथ ही दूसरे विभाग की समस्याओं को संबंधित विभाग को भेजकर पुलिस समय पर निस्तारण का प्रयास करेगी. सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक एक कांस्टेबल और एक उपनिरीक्षक किसानों की समस्याओं को बैठकर हर दिन सुनेंगे.
किसानों के लिए थानों में खुले किसान हेल्प डेस्क
देशभर के किसान कृषि कानूनों के खिलाफ लामबंद होकर महीनों से आंदोलन कर रहे हैं और अपनी मांगों लेकर धरने पर बैठे हैं. इसी बीच मिर्जापुर पुलिस ने किसानों के लिए नई पहल करते हुए जिले के सभी 16 थानों में किसान हेल्प डेस्क बनाया है. किसान हेल्प डेस्क की शुरुआत कर दी गई है. सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक इस हेल्प डेस्क के माध्यम से किसानों की सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा. हेल्प डेस्क से किसान थाने में जाकर किसी भी समस्या के लिए सीधी मदद ले सकते हैं. पुलिस की इस नई पहल से जिले के किसानों को काफी सहूलियत मिलने जा रही है.
किसानों की समस्या सुनेगी पुलिस
दिल्ली बॉर्डर पर जहां किसान आंदोलन कर रहे हैं, वहीं किसानों को पुलिस ने भी अपनी प्राथमिकता में शामिल कर लिया है. अब थानों में किसानों की समस्याओं का निपटारा त्वरित और गंभीरता से किया जाएगा. महिला हेल्प डेस्क की तर्ज पर किसान हेल्प डेस्क भी काम करेगा.
अपर पुलिस अधीक्षक नक्सल महेश सिंह अत्री ने बताया कि किसानों की समस्याओं के निपटारे के लिए शासन से गाइड लाइन जारी की गई है. किसानों से संवाद स्थापित करने के लिए सभी थानों में एक साथ किसान हेल्प डेस्क खोला गया है. सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक एक कांस्टेबल एक उपनिरीक्षक किसानों की समस्याओं को सुनेंगे और उसे रजिस्टर में दर्ज भी करेंगे. जो भी समस्या होगी, उसका तत्काल निस्तारण करने का प्रयास किया जाएगा और जो दूसरे विभाग की होंगे उसे भेज कर पैरवी कराकर जल्द समय पर निस्तारण कराने का प्रयास किया जायेगा.