मिर्जापुर : मैदानी और पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के चलते गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा हैं. गंगा का जल स्तर बढ़ने से गंगा किनारे बसे लोगों की मुसीबत बढ़ सकती है. जिले में गंगा नदी अभी खतरें के निशान 77.724 मीटर से करीब 4.427 मीटर नीचे है. जिले के दो तहसीलों में बसे 493 गांव बाढ़ से प्रभावित होते हैं. बाढ़ की आशंका को देखते हुए बाढ़ चौकियों को सतर्क रहने की हिदायत देते हुए निपटने की तैयारी जिला प्रशासन की तरफ से कर ली गई है.
गंगा नदी के जल स्तर में उफान आने पर सदर और चुनार तहसील क्षेत्र के 493 गांव प्रभावित होते हैं. बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने 37 बाढ़ चौकियों को अलर्ट करते हुए बाढ़ में फंसे लोगों और पशुओं के चारे की व्यवस्था कर लिया है. गांव में पानी पहुंचने की आशंका को लेकर ग्रामीण सतर्क हैं. जिला प्रशासन ने दोनों तहसील क्षेत्रों में भ्रमण कर बाढ़ को लेकर लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी है. बाढ़ में फंसे लोगों को राहत सामग्री देने के लिए टेंडर कराया गया है, जबकि पशुओं के चारे के लिए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया है. 2019 में आए बाढ़ से किसानों को भारी क्षति का सामना करना पड़ा था. जिसका मुआवजा भी दिया गया था .इस वर्ष जिला प्रशासन ने बाढ़ की संभावना को देखते हुए राहत देने के लिए सारी तैयारी कर ली है.
मिर्ज़ापुर में गंगा नदी खतरे के निशान से 4.427 मीटर नीचे बह रही है. खतरे के निशान से अभी जनपद में काफी नीचे पानी है, फिर भी जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. जनपद के निचले इलाके में रहने वाले लोगों के गांव में पानी पहुंच जाता है. सबसे पहले कोन ब्लॉक के हरसिगपुर और नएपुर में पानी पहुंचता है. यह दोनों गांव गंगा घाट के पास और नीचे है. इससे इन पर जल्दी खतरा मंडराता है. ऐसे में इनको अलर्ट कर दिया गया है. बताया गया कि गंगा का जलस्तर बढ़ने का मुख्य वजह पिछले पांच दिनों तक लगातार हो रही बारिश है. अगले कुछ दिनों तक बारिश नहीं हुई तो पानी में घटाव हो सकता है.