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किसान बोले, बजट में बिजली, डीजल और बीज सस्ते होने चाहिए

सोमवार को पेश होने वाले बजट से देश के किसानों को बहुत उम्मीदें हैं. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में भी किसानों को उम्मीद है कि आर्थिक मंदी के दौर में सरकार उनकी राहत के लिए तमाम कदम उठाएगी.

बजट से उम्मीदें
बजट से उम्मीदें
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Published : Jan 31, 2021, 10:36 AM IST

Updated : Feb 1, 2021, 6:29 AM IST

मिर्जापुर : एक फरवरी को आम बजट पेश हो रहा है. सरकार अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर बजट का आवंटन करेगी. ऐसे में मिर्जापुर के किसानों को इस बजट से क्या है उम्मीदें. बजट पेश होने के एक दिन पहले ईटीवी भारत ने किसानों से बात की. किसानों ने कहा कि बिजली, डीजल, बीज सस्ते होने चाहिए. फसलों के उचित दाम मिलें.

बजट से किसानों को उम्मीद

बजट पेश होने के एक दिन पहले क्या कहा किसानों ने
केंद्र सरकार एक फरवरी को आम बजट पेश करने जा रही है. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट को पेश करेंगी. इस बार कोरोना वायरस की वजह से देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है. इसकी वजह से आम बजट से देशवासियों को इस बार बहुत उम्मीदें हैं. इनके साथ ही रात दिन काम करने वाले खेतों में किसानों की भी इस बजट पर निगाहें टिकी हुई हैं. बजट को लेकर मिर्जापुर के किसानों को बहुत उम्मीदें हैं. किसानों ने कहा कि मोदी सरकार से हम लोगों को बहुत उम्मीदें रहती हैं पर वह उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती. हर साल बजट पेश किए जाते हैं लेकिन किसानों के जो मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाता है.

खाद, बीज, डीजल के दाम होने चाहिए कम
रात दिन खेत में पसीना बहाकर अन्न पैदा करके लोगों का पेट भरने वाले किसानों ने इस बजट में मांग की है कि कृषि के काम में आने वाले उपकरण खाद, बीज, पेस्टिसाइड, डीजल, पेट्रोल व बिजली के दाम बढ़ते जा रहे हैं. इससे किसानों का बजट बिगड़ता जा रहा है और फसलों के दाम वही बने हुए हैं. अगर सरकार कृषि में इस्तेमाल किए जाने वाले सामान के दाम बढ़ाती है तो किसानों की फसलों के दाम बढ़ने चाहिए. खाद, बीज और डीजल पेट्रोल के दाम आसमान छू रहा है. पैदा की गई फसलों का अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित नहीं किया गया है. इसलिए सरकार बजट में खाद बीज के दाम कम करें और सस्ती बिजली दी.

आंदोलनरत किसानों का समर्थन
दो महीने से अधिक दिल्ली के बॉर्डर पर अपने हक की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों पर कहा कि एक फरवरी को जो बजट पेश होने वाला है उस बजट से हम लोगों को बहुत उम्मीदें हैं. आशा है कि सरकार कृषि कानून को वापस लेकर एमएसपी निर्धारित कर नया कानून लागू करेगी. लगातार बढ़ रही महंगाई पर अंकुश लगेगा. किसानों का ऋण माफ किया जाएगा. अब देखना होगा इन किसानों की उम्मीदों पर सरकार कितनी खरी उतरती है.

किसान बोले...
किसान भोला ने इस बजट में मांग की कि खाद, बीज और बिजली के दाम कम होने चाहिए. फसलों का उचित दाम मिलना चाहिए. इससे हम लोग भी अपने बच्चों को पढ़ा सकें और परिवार को खिला सकें. किसान रमेश ने कहा कि हम लोग खेती में गाड़ी का प्रयोग करते हैं. डीजल सस्ता होना चाहिए. सरकार को बिजली का बिल माफ करना चाहिए. ओलावृष्टि में भी सरकार हम लोगों को मुआवजा नहीं पहुंचा पाती है. कोई फायदा नहीं मिलता है. ऐसा बजट होना चाहिए जो किसानों के हित में हो. किसान संतलाल ने मांग की कि सरकार को बिजली माफ करनी चाहिए. पानी की समस्या है. पानी की व्यवस्था करनी चाहिए. सरकारी योजनाओं को किसानों तक पहुंचाना चाहिए, जिससे हम लोग भी अपने बाल-बच्चों को खिला और पढ़ा सकें.

मिर्जापुर : एक फरवरी को आम बजट पेश हो रहा है. सरकार अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर बजट का आवंटन करेगी. ऐसे में मिर्जापुर के किसानों को इस बजट से क्या है उम्मीदें. बजट पेश होने के एक दिन पहले ईटीवी भारत ने किसानों से बात की. किसानों ने कहा कि बिजली, डीजल, बीज सस्ते होने चाहिए. फसलों के उचित दाम मिलें.

बजट से किसानों को उम्मीद

बजट पेश होने के एक दिन पहले क्या कहा किसानों ने
केंद्र सरकार एक फरवरी को आम बजट पेश करने जा रही है. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट को पेश करेंगी. इस बार कोरोना वायरस की वजह से देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है. इसकी वजह से आम बजट से देशवासियों को इस बार बहुत उम्मीदें हैं. इनके साथ ही रात दिन काम करने वाले खेतों में किसानों की भी इस बजट पर निगाहें टिकी हुई हैं. बजट को लेकर मिर्जापुर के किसानों को बहुत उम्मीदें हैं. किसानों ने कहा कि मोदी सरकार से हम लोगों को बहुत उम्मीदें रहती हैं पर वह उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती. हर साल बजट पेश किए जाते हैं लेकिन किसानों के जो मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाता है.

खाद, बीज, डीजल के दाम होने चाहिए कम
रात दिन खेत में पसीना बहाकर अन्न पैदा करके लोगों का पेट भरने वाले किसानों ने इस बजट में मांग की है कि कृषि के काम में आने वाले उपकरण खाद, बीज, पेस्टिसाइड, डीजल, पेट्रोल व बिजली के दाम बढ़ते जा रहे हैं. इससे किसानों का बजट बिगड़ता जा रहा है और फसलों के दाम वही बने हुए हैं. अगर सरकार कृषि में इस्तेमाल किए जाने वाले सामान के दाम बढ़ाती है तो किसानों की फसलों के दाम बढ़ने चाहिए. खाद, बीज और डीजल पेट्रोल के दाम आसमान छू रहा है. पैदा की गई फसलों का अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित नहीं किया गया है. इसलिए सरकार बजट में खाद बीज के दाम कम करें और सस्ती बिजली दी.

आंदोलनरत किसानों का समर्थन
दो महीने से अधिक दिल्ली के बॉर्डर पर अपने हक की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों पर कहा कि एक फरवरी को जो बजट पेश होने वाला है उस बजट से हम लोगों को बहुत उम्मीदें हैं. आशा है कि सरकार कृषि कानून को वापस लेकर एमएसपी निर्धारित कर नया कानून लागू करेगी. लगातार बढ़ रही महंगाई पर अंकुश लगेगा. किसानों का ऋण माफ किया जाएगा. अब देखना होगा इन किसानों की उम्मीदों पर सरकार कितनी खरी उतरती है.

किसान बोले...
किसान भोला ने इस बजट में मांग की कि खाद, बीज और बिजली के दाम कम होने चाहिए. फसलों का उचित दाम मिलना चाहिए. इससे हम लोग भी अपने बच्चों को पढ़ा सकें और परिवार को खिला सकें. किसान रमेश ने कहा कि हम लोग खेती में गाड़ी का प्रयोग करते हैं. डीजल सस्ता होना चाहिए. सरकार को बिजली का बिल माफ करना चाहिए. ओलावृष्टि में भी सरकार हम लोगों को मुआवजा नहीं पहुंचा पाती है. कोई फायदा नहीं मिलता है. ऐसा बजट होना चाहिए जो किसानों के हित में हो. किसान संतलाल ने मांग की कि सरकार को बिजली माफ करनी चाहिए. पानी की समस्या है. पानी की व्यवस्था करनी चाहिए. सरकारी योजनाओं को किसानों तक पहुंचाना चाहिए, जिससे हम लोग भी अपने बाल-बच्चों को खिला और पढ़ा सकें.

Last Updated : Feb 1, 2021, 6:29 AM IST
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