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नवरात्रि के आखिरी दिन विंध्याचल में लगा भक्तों का तांता

मिर्जापुर के विंध्याचल मंदिर में नवरात्र के आखिरी दिन भक्तों का तांता लगा है. नवमी तिथि के दिन भक्त मां विंध्यवासिनी के सिद्धिदात्री स्वरूप के दर्शन कर रहे हैं. मां की एक झलक पाने के लिए भक्त लाइन में खड़े हैं.

विंध्याचल में लगा भक्तों का तांता
विंध्याचल में लगा भक्तों का तांता
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Published : Oct 25, 2020, 1:26 PM IST

मिर्जापुर : शारदीय नवरात्र के आखरी दिन विंध्याचल धाम में भक्तों का तांता लगा हुआ है. नवमी तिथि के दिन भक्त मां विंध्यवासिनी के सिद्धिदात्री स्वरूप के दर्शन कर रहे हैं. मां की एक झलक पाने के लिए भक्त लाइन में खड़े हैं. हाथों में नारियल चुनरी लेकर जयकारा लगाते हुए आगे बढ़ रहे हैं. मां के मंगला आरती के बाद से ही श्रद्धालु दर्शन को उमड़ पड़े. मां विंध्यवासिनी का यह स्वरूप सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाला होता है.

विंध्याचल में लगा भक्तों का तांता
मां के दर्शन के लिए लगा तांता
बता दें, कोरोना काल में शारदीय नवरात्र के आखिरी दिन रविवार को मंदिरों में मां दुर्गा के स्वरूप के दर्शन के लिए सुबह से तांता लगा हुआ है. मिर्जापुर के विंध्याचल धाम में भी मां विंध्यवासिनी के मंदिर में भक्त आज मां सिद्धिदात्री स्वरूप का दर्शन कर रहे हैं. श्रद्धालुओं ने सुख समृद्धि और शांति की प्रार्थना की है साथ ही जल्द से जल्द कोरोना महामारी से मुक्ति की मुराद भी मांगी है.
कमल में विराजमान मां सिद्धिदात्री
कमल के आसन पर विराजमान मां सिद्धिदात्री के हाथों में कमल, शंख, गदा ,सुदर्शन चक्र है जो हमें बुरा आचरण छोड़ सब सदकर्म का मार्ग दिखाता है. आज के दिन मां की आराधना करने से भक्तों को यश बल और धन की प्राप्ति होती है. मां सिद्धिदात्री का नवा स्वरूप हमारे अंतरात्मा को दिव्य पवित्रता से परिपूर्ण करती है. नवरात्रि का नौवां दिन मां सिद्धिदात्री का है. जिनकी आराधना से व्यक्ति को सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं. मां सिद्धिदात्री की आराधना से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. आज के दिन मां को 56 प्रकार का भोग चढ़ाया जाता है.
नवरात्रि के आखिरी दिन जनपद के सभी देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है. हवन पूजन के साथ लोग कन्या पूजन भी कर रहे हैं साथ ही भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है. विंध्याचल धाम में मां विंध्यवासिनी का दर्शन महालक्ष्मी के स्वरूप में, महाकाली के स्वरूप में कालीखोह की देवी और महासरस्वती स्वरूप में मां अष्टभुजा के श्रद्धालु दर्शन करते हैं. तीनों मंदिरों में दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है. नवमी और दशमी तिथि एक साथ पड़ने से आज के दिन ही पारण का भी करने का है. 11:15 बजे के बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी. मां दुर्गा के नवरात्रि में व्रत रखने वाले 11:15 बजे के बाद पारण कर सकते हैं.

मिर्जापुर : शारदीय नवरात्र के आखरी दिन विंध्याचल धाम में भक्तों का तांता लगा हुआ है. नवमी तिथि के दिन भक्त मां विंध्यवासिनी के सिद्धिदात्री स्वरूप के दर्शन कर रहे हैं. मां की एक झलक पाने के लिए भक्त लाइन में खड़े हैं. हाथों में नारियल चुनरी लेकर जयकारा लगाते हुए आगे बढ़ रहे हैं. मां के मंगला आरती के बाद से ही श्रद्धालु दर्शन को उमड़ पड़े. मां विंध्यवासिनी का यह स्वरूप सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाला होता है.

विंध्याचल में लगा भक्तों का तांता
मां के दर्शन के लिए लगा तांता
बता दें, कोरोना काल में शारदीय नवरात्र के आखिरी दिन रविवार को मंदिरों में मां दुर्गा के स्वरूप के दर्शन के लिए सुबह से तांता लगा हुआ है. मिर्जापुर के विंध्याचल धाम में भी मां विंध्यवासिनी के मंदिर में भक्त आज मां सिद्धिदात्री स्वरूप का दर्शन कर रहे हैं. श्रद्धालुओं ने सुख समृद्धि और शांति की प्रार्थना की है साथ ही जल्द से जल्द कोरोना महामारी से मुक्ति की मुराद भी मांगी है.
कमल में विराजमान मां सिद्धिदात्री
कमल के आसन पर विराजमान मां सिद्धिदात्री के हाथों में कमल, शंख, गदा ,सुदर्शन चक्र है जो हमें बुरा आचरण छोड़ सब सदकर्म का मार्ग दिखाता है. आज के दिन मां की आराधना करने से भक्तों को यश बल और धन की प्राप्ति होती है. मां सिद्धिदात्री का नवा स्वरूप हमारे अंतरात्मा को दिव्य पवित्रता से परिपूर्ण करती है. नवरात्रि का नौवां दिन मां सिद्धिदात्री का है. जिनकी आराधना से व्यक्ति को सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं. मां सिद्धिदात्री की आराधना से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. आज के दिन मां को 56 प्रकार का भोग चढ़ाया जाता है.
नवरात्रि के आखिरी दिन जनपद के सभी देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है. हवन पूजन के साथ लोग कन्या पूजन भी कर रहे हैं साथ ही भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है. विंध्याचल धाम में मां विंध्यवासिनी का दर्शन महालक्ष्मी के स्वरूप में, महाकाली के स्वरूप में कालीखोह की देवी और महासरस्वती स्वरूप में मां अष्टभुजा के श्रद्धालु दर्शन करते हैं. तीनों मंदिरों में दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है. नवमी और दशमी तिथि एक साथ पड़ने से आज के दिन ही पारण का भी करने का है. 11:15 बजे के बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी. मां दुर्गा के नवरात्रि में व्रत रखने वाले 11:15 बजे के बाद पारण कर सकते हैं.
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