मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव की तारीख के ऐलान के बाद प्रदेश में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है. दल बदल का खेल लगातार चल रहा है. इसी कड़ी में शुक्रवार को मिर्जापुर के जिला सहकारी बैंक मिर्पुजार-सोनभद्र के चेयरमैन राजेन्द्र सिंह पटेल ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर सपा को ज्वाइन कर लिया है. जिससे जिले में राजनीतिक माहौल और गर्म हो गया है. राजेंद्र सिंह पटेल कुर्मी बिरादरी से आते हैं कुर्मी बिरादरी में अच्छी खासी पकड़ माना
राजेंद्र सिंह पटेल का सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली जनपद के विधानसभा की सीटों पर अच्छी पकड़ है. खासकर मिर्जापुर के मड़िहान विधानसभा, चुनार विधानसभा के साथ चंदौली के चकिया विधानसभा पर अच्छा-खासा राजेंद्र सिंह का प्रभाव है. राजेंद्र सिंह पटेल 1991 राजगढ़ विधानसभा से विधायक भी जनता दल से रह चुके हैं लेकिन 1992 में मस्जिद ढांचा गिराए जाने के वजह से एक साल तक ही विधायक रहे. 1982 से 1991 तक रॉबर्टसगंज सदर से ब्लाक प्रमुख, 1989 से 1993 तक डायरेक्टर जिला सहकारी बैंक मिर्जापुर-सोनभद्र, 1991 से 1992 तक उत्तर प्रदेश सरकार के स्टीमेट कमेटी के सदस्य रह चुके हैं. 1990 में लोकल बॉडी एमएलसी का चुनाव लड़े थे लेकिन 26 वोट से हार गए थे. 2009 से 2013 तक जिला सहकारी बैंक मिर्ज़ापुर-सोनभद्र के चेयरमैन थे. वर्तमान में भी 2018 से अब तक जिला सहकारी बैंक मिर्ज़ापुर-सोनभद्र के भाजपा से ही चेयरमैन हैं.
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गौरतलब है कि राजेंद्र सिंह पटेल ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर आए स्वामी प्रसाद मौर्य नेतृत्व में लखनऊ में ज्वाइन किया है. राजेंद्र सिंह पटेल के बड़े पिता रामानंदन सिंह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. वह 1948 से 1952 तक चकिया चंदौली से एमएलए,1952 से 1964 तक एमएलसी भी रह चुके हैं. राजेंद्र सिंह के बड़े पिता को चकिया में गांधी कहे जाते थे. राजेंद्र सिंह पटेल ने ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए कहा कि अब हम भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर लिया है. समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने का काम किया जाएगा. पार्टी मौका देती है तो चुनाव भी लड़ेंगे. उल्लेखनीय है कि गौरतलब है कि मिर्जापुर जिले में 2017 विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और सहयोगी ने मिलकर पांचों विधानसभा सीट पर कब्जा कर लिया था.