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मिर्जापुर: रवि सिंह की शहादत के बाद जागी सरकार, दो दशक से खराब सड़क का अब होगा विकास - मिर्जापुर के रवि सिंह कश्मीर के बारामूला में शहीद

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के रहने वाले रवि सिंह कश्मीर के बारामूला में शहीद हो गए थे. रवि सिंह की शहादत के बाद सरकार को उनके गांव की सड़क सही करवाने और गांव का विकास कराने की याद आई है.

रवि सिंह की शहादत के बाद उनके गांव का होगा विकास
रवि सिंह की शहादत के बाद उनके गांव का होगा विकास.
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Published : Aug 23, 2020, 10:53 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: जब जवान बॉर्डर पर देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे देता है, तब जाकर सरकार को जवान के परिवार से लेकर गांव तक के विकास कराने की याद आती है. जिले में शहीद रवि सिंह के गांव गौरा जाने वाली सड़क दो दशकों से खराब पड़ी हुई है. इसमें कहीं गड्ढे तो कहीं गड्ढे में पानी लगा हुआ है. गाड़ियां हिचखोले खाकर गुजर रही हैं और लोग गड्ढे में गिर भी जा रहे हैं. खास बात ये है कि कश्मीर के बारामुला में 17 अगस्त को रवि सिंह की शहादत के बाद अब इस सड़क का नाम शहीद रवि सिंह किया जाएगा. साथ ही सड़क का चौड़ीकरण और विकास भी किया जाएगा. क्षेत्र के लोगों का कहना है कि रवि देश के लिए कुर्बान हो गए, तो अब सरकार को गांव के विकास करने की याद आई है. इसके पहले कभी इस गांव के विकास के लिए किसी ने नहीं सोचा था.

रवि सिंह की शहादत के बाद उनके गांव का होगा विकास.


कश्मीर के बारामूला में 17 अगस्त को आतंकवादियों से मुठभेड़ में जिगना थाना क्षेत्र के गौरा गांव के रहने वाले रवि सिंह शहीद हो गए थे. रवि सिंह की शहादत के बाद अधिकारियों और मंत्रियों का गांव में आना-जाना शुरू हो गया. रवि सिंह की शहादत के बाद अब इस गांव की पहचान के लिए जिगना से मिश्रपुर तक जाने वाली 16 किलोमीटर सड़क मार्ग पर शहीद का गांव गौरा भी पड़ता है. इस सड़क का नामकरण शहीद रवि सिंह के नाम से होने जा रहा है. इसके अलावा सड़क का चौड़ीकरण भी किया जाएगा. यह कार्य जल्द शुरू कराने की बात कही जा रही है.

शहीद रवि सिंह का पार्थिव शरीर इसी सड़क मार्ग से उनके गांव गौरा पहुंचा था. उनके पीछे हजारों की संख्या में लोग और गाड़ियां इसी गड्ढा युक्त सड़क से उनके अंतिम दर्शन करने गांव पहुंची थी. दो दशक से खराब सड़क का अब विकास होने जा रहा है, तो इलाके के लोगों को भी अब आस जगी है. लोगों का कहना है कि रवि सिंह देश के लिए ही केवल कुर्बान नहीं हुए हैं, बल्कि उन्होंने अपने इलाके के विकास के लिए भी कुर्बानी दे दी. गांव वालों को रवि सिंह की इस बहादुरी पर गर्व है. हर कोई इनकी शहादत को सलाम कर रहा है.

दरअसल, जम्मू-कश्मीर के बारामूला में 17 अगस्त को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सदर तहसील के जिगना थाना क्षेत्र के गांव गौरा के रहने वाले रवि सिंह शहीद हो गए थे. रवि सिंह राष्ट्रीय राइफल जबलपुर में 2013 में भर्ती हुए थे. वर्तमान में इनकी तैनाती जम्मू कश्मीर में थी. रवि सिंह दो बहनों के बीच इकलौते भाई थे. शहादत के बाद मुख्यमंत्री ने 50 लाख की आर्थिक मदद और एक स्कूल शहीद रवि के नाम पर करने के साथ ही उनके गांव को जोड़ने वाली सड़क मार्ग का भी शहीद रवि सिंह नाम करने और सड़क का विकास करने को कहा है.

मिर्जापुर: जब जवान बॉर्डर पर देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे देता है, तब जाकर सरकार को जवान के परिवार से लेकर गांव तक के विकास कराने की याद आती है. जिले में शहीद रवि सिंह के गांव गौरा जाने वाली सड़क दो दशकों से खराब पड़ी हुई है. इसमें कहीं गड्ढे तो कहीं गड्ढे में पानी लगा हुआ है. गाड़ियां हिचखोले खाकर गुजर रही हैं और लोग गड्ढे में गिर भी जा रहे हैं. खास बात ये है कि कश्मीर के बारामुला में 17 अगस्त को रवि सिंह की शहादत के बाद अब इस सड़क का नाम शहीद रवि सिंह किया जाएगा. साथ ही सड़क का चौड़ीकरण और विकास भी किया जाएगा. क्षेत्र के लोगों का कहना है कि रवि देश के लिए कुर्बान हो गए, तो अब सरकार को गांव के विकास करने की याद आई है. इसके पहले कभी इस गांव के विकास के लिए किसी ने नहीं सोचा था.

रवि सिंह की शहादत के बाद उनके गांव का होगा विकास.


कश्मीर के बारामूला में 17 अगस्त को आतंकवादियों से मुठभेड़ में जिगना थाना क्षेत्र के गौरा गांव के रहने वाले रवि सिंह शहीद हो गए थे. रवि सिंह की शहादत के बाद अधिकारियों और मंत्रियों का गांव में आना-जाना शुरू हो गया. रवि सिंह की शहादत के बाद अब इस गांव की पहचान के लिए जिगना से मिश्रपुर तक जाने वाली 16 किलोमीटर सड़क मार्ग पर शहीद का गांव गौरा भी पड़ता है. इस सड़क का नामकरण शहीद रवि सिंह के नाम से होने जा रहा है. इसके अलावा सड़क का चौड़ीकरण भी किया जाएगा. यह कार्य जल्द शुरू कराने की बात कही जा रही है.

शहीद रवि सिंह का पार्थिव शरीर इसी सड़क मार्ग से उनके गांव गौरा पहुंचा था. उनके पीछे हजारों की संख्या में लोग और गाड़ियां इसी गड्ढा युक्त सड़क से उनके अंतिम दर्शन करने गांव पहुंची थी. दो दशक से खराब सड़क का अब विकास होने जा रहा है, तो इलाके के लोगों को भी अब आस जगी है. लोगों का कहना है कि रवि सिंह देश के लिए ही केवल कुर्बान नहीं हुए हैं, बल्कि उन्होंने अपने इलाके के विकास के लिए भी कुर्बानी दे दी. गांव वालों को रवि सिंह की इस बहादुरी पर गर्व है. हर कोई इनकी शहादत को सलाम कर रहा है.

दरअसल, जम्मू-कश्मीर के बारामूला में 17 अगस्त को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सदर तहसील के जिगना थाना क्षेत्र के गांव गौरा के रहने वाले रवि सिंह शहीद हो गए थे. रवि सिंह राष्ट्रीय राइफल जबलपुर में 2013 में भर्ती हुए थे. वर्तमान में इनकी तैनाती जम्मू कश्मीर में थी. रवि सिंह दो बहनों के बीच इकलौते भाई थे. शहादत के बाद मुख्यमंत्री ने 50 लाख की आर्थिक मदद और एक स्कूल शहीद रवि के नाम पर करने के साथ ही उनके गांव को जोड़ने वाली सड़क मार्ग का भी शहीद रवि सिंह नाम करने और सड़क का विकास करने को कहा है.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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