मिर्जापुर: राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत घर-घर जाकर टीबी रोगियों की खोज की जा रही है. टीबी रोगियों को खोजने के लिए चलाए जा रहे अभियान को सफल बनाने के लिए 136 टीम बनाई गई हैं. इस टीम में कुल 403 सदस्य शामिल किए गए हैं. यह टीमें सुपरवाइजरों की देख-रेख में घर-घर जाकर लोगों की जांच करेंगी. जांच के बाद जो भी टीबी के मरीज मिलेंगे 24 घंटे के अंदर उनका नि:शुल्क उपचार शुरू कराया जाएगा.
2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य
जिले में टीबी रोग से मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. WHO (World Health Organization) द्वारा 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का ऐलान किया जा रहा है. वहीं मिर्जापुर जिले में क्षय रोग के विभाग के अधिकारियों का मानना है कि हम 2024 तक जनपद को टीबी रोग से मुक्त करने में सक्षम होंगे, जिसके तहत यह प्रोग्राम चलाया जा रहा है. जनपद में यह चौथा चरण चलाया जा रहा है और हर चरण में 10% आबादी का क्षेत्र लेते हैं. हमारी टीम घर-घर जाकर टीबी रोगियों को चिन्हित करती है और इसके बाद उनका सैंपल लेकर जांच की जाती है. यह जांच नि:शुल्क की जाती है. साथ ही 500 रुपये प्रति महीने की दर से उनको भरण-पोषण के लिए दिया जाता है. यह अभियान जिले में 10 से 23 अक्टूबर तक चलाया जाएगा.
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136 टीमों का किया गया है गठन
जनपद में चौथा चरण में टीबी रोगियों की खोज की जा रही है. इस बार टीम 2,77,500 लोगों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें संदिग्ध क्षय मरीजों की संख्या 13,875 मिलने की संभावना है. कुल 136 टीमें लगाई गई हैं, जिसमें कुल 403 सदस्य हैं, जो सुपरवाइजरों की निगरानी में घर-घर जाकर सैंपल लेंगे. पॉजिटिव पाने पर मरीजों का 24 घंटे के अंदर इलाज शुरू किया जाएगा, जो इनफॉर्म करेगा या बताएगा उसे पहली बार 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी.
जो टीमें या सदस्य लगाए गए हैं, उनको सरकार की तरफ से भत्ता दिया जाता है. जिले के 12 ब्लॉक में जांच करने के लिए कुल 25 मशीनें लगाई गई हैं. सभी मशीनों पर एलटी रखे गए हैं, जो जांच करते हैं. सरकार की तरफ से एक ब्लॉक टीबी मुक्त करने को चयनित किया गया है, जबकि टीम दो ब्लॉक को लेकर चल रही है. हर चार महीनें पर एक-एक ब्लाक इसी तरह टीबी मुक्त करते रहेंगे, जिससे की टीबी से पीड़ित व्यक्तियों का पता जल्द से जल्द लगाया जा सके.