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मिर्जापुर: घर-घर खोजे जा रहे हैं टीबी के मरीज, क्षय रोग से मुक्त करने का है लक्ष्य - tb patients searching home

उत्तर प्रदेश के मर्जापुर जिले में क्षय रोग को जड़ से खत्म करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत 136 टीमों का गठन किया गया है, जो कि घर-घर जाकर टीबी से पीड़ित व्यक्तियों को खोजकर 24 घंटे के अंदर उनका इलाज शुरू कर देंगे.

क्षय रोग के लिए चलाया जा रहा है अभियान.
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Published : Oct 11, 2019, 12:42 PM IST

मिर्जापुर: राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत घर-घर जाकर टीबी रोगियों की खोज की जा रही है. टीबी रोगियों को खोजने के लिए चलाए जा रहे अभियान को सफल बनाने के लिए 136 टीम बनाई गई हैं. इस टीम में कुल 403 सदस्य शामिल किए गए हैं. यह टीमें सुपरवाइजरों की देख-रेख में घर-घर जाकर लोगों की जांच करेंगी. जांच के बाद जो भी टीबी के मरीज मिलेंगे 24 घंटे के अंदर उनका नि:शुल्क उपचार शुरू कराया जाएगा.

क्षय रोग के लिए चलाया जा रहा है अभियान.

2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य
जिले में टीबी रोग से मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. WHO (World Health Organization) द्वारा 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का ऐलान किया जा रहा है. वहीं मिर्जापुर जिले में क्षय रोग के विभाग के अधिकारियों का मानना है कि हम 2024 तक जनपद को टीबी रोग से मुक्त करने में सक्षम होंगे, जिसके तहत यह प्रोग्राम चलाया जा रहा है. जनपद में यह चौथा चरण चलाया जा रहा है और हर चरण में 10% आबादी का क्षेत्र लेते हैं. हमारी टीम घर-घर जाकर टीबी रोगियों को चिन्हित करती है और इसके बाद उनका सैंपल लेकर जांच की जाती है. यह जांच नि:शुल्क की जाती है. साथ ही 500 रुपये प्रति महीने की दर से उनको भरण-पोषण के लिए दिया जाता है. यह अभियान जिले में 10 से 23 अक्टूबर तक चलाया जाएगा.

इसे भी पढ़ें:- उन्नाव: एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान की शुरुआत, टीबी के मरीजों को घर-घर तलाशेंगी टीमे

136 टीमों का किया गया है गठन
जनपद में चौथा चरण में टीबी रोगियों की खोज की जा रही है. इस बार टीम 2,77,500 लोगों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें संदिग्ध क्षय मरीजों की संख्या 13,875 मिलने की संभावना है. कुल 136 टीमें लगाई गई हैं, जिसमें कुल 403 सदस्य हैं, जो सुपरवाइजरों की निगरानी में घर-घर जाकर सैंपल लेंगे. पॉजिटिव पाने पर मरीजों का 24 घंटे के अंदर इलाज शुरू किया जाएगा, जो इनफॉर्म करेगा या बताएगा उसे पहली बार 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी.

जो टीमें या सदस्य लगाए गए हैं, उनको सरकार की तरफ से भत्ता दिया जाता है. जिले के 12 ब्लॉक में जांच करने के लिए कुल 25 मशीनें लगाई गई हैं. सभी मशीनों पर एलटी रखे गए हैं, जो जांच करते हैं. सरकार की तरफ से एक ब्लॉक टीबी मुक्त करने को चयनित किया गया है, जबकि टीम दो ब्लॉक को लेकर चल रही है. हर चार महीनें पर एक-एक ब्लाक इसी तरह टीबी मुक्त करते रहेंगे, जिससे की टीबी से पीड़ित व्यक्तियों का पता जल्द से जल्द लगाया जा सके.



मिर्जापुर: राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत घर-घर जाकर टीबी रोगियों की खोज की जा रही है. टीबी रोगियों को खोजने के लिए चलाए जा रहे अभियान को सफल बनाने के लिए 136 टीम बनाई गई हैं. इस टीम में कुल 403 सदस्य शामिल किए गए हैं. यह टीमें सुपरवाइजरों की देख-रेख में घर-घर जाकर लोगों की जांच करेंगी. जांच के बाद जो भी टीबी के मरीज मिलेंगे 24 घंटे के अंदर उनका नि:शुल्क उपचार शुरू कराया जाएगा.

क्षय रोग के लिए चलाया जा रहा है अभियान.

2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य
जिले में टीबी रोग से मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. WHO (World Health Organization) द्वारा 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का ऐलान किया जा रहा है. वहीं मिर्जापुर जिले में क्षय रोग के विभाग के अधिकारियों का मानना है कि हम 2024 तक जनपद को टीबी रोग से मुक्त करने में सक्षम होंगे, जिसके तहत यह प्रोग्राम चलाया जा रहा है. जनपद में यह चौथा चरण चलाया जा रहा है और हर चरण में 10% आबादी का क्षेत्र लेते हैं. हमारी टीम घर-घर जाकर टीबी रोगियों को चिन्हित करती है और इसके बाद उनका सैंपल लेकर जांच की जाती है. यह जांच नि:शुल्क की जाती है. साथ ही 500 रुपये प्रति महीने की दर से उनको भरण-पोषण के लिए दिया जाता है. यह अभियान जिले में 10 से 23 अक्टूबर तक चलाया जाएगा.

इसे भी पढ़ें:- उन्नाव: एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान की शुरुआत, टीबी के मरीजों को घर-घर तलाशेंगी टीमे

136 टीमों का किया गया है गठन
जनपद में चौथा चरण में टीबी रोगियों की खोज की जा रही है. इस बार टीम 2,77,500 लोगों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें संदिग्ध क्षय मरीजों की संख्या 13,875 मिलने की संभावना है. कुल 136 टीमें लगाई गई हैं, जिसमें कुल 403 सदस्य हैं, जो सुपरवाइजरों की निगरानी में घर-घर जाकर सैंपल लेंगे. पॉजिटिव पाने पर मरीजों का 24 घंटे के अंदर इलाज शुरू किया जाएगा, जो इनफॉर्म करेगा या बताएगा उसे पहली बार 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी.

जो टीमें या सदस्य लगाए गए हैं, उनको सरकार की तरफ से भत्ता दिया जाता है. जिले के 12 ब्लॉक में जांच करने के लिए कुल 25 मशीनें लगाई गई हैं. सभी मशीनों पर एलटी रखे गए हैं, जो जांच करते हैं. सरकार की तरफ से एक ब्लॉक टीबी मुक्त करने को चयनित किया गया है, जबकि टीम दो ब्लॉक को लेकर चल रही है. हर चार महीनें पर एक-एक ब्लाक इसी तरह टीबी मुक्त करते रहेंगे, जिससे की टीबी से पीड़ित व्यक्तियों का पता जल्द से जल्द लगाया जा सके.



Intro:मिर्जापुर राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत घर-घर जाकर टीबी रोगियों की खोज की जा रही है। टीबी रोगियों को खोजने के लिए चलाए जा रहे अभियान को सफल बनाने के लिए 136 टीम बनाई गई है कुल 403 सदस्य शामिल किए गए हैं सुपरवाइजरों की देखरेख में घर-घर जाकर लोगों की जांच करेगी और जांच के बाद जो भी टीबी के मरीज मिलेंगे 24 घंटे के अंदर उनका निशुल्क उपचार शुरू कराया जाएगा 277500 आबादी की जांच करने का इस बार लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 10 से 23 अक्टूबर तक यह अभियान जनपद में चलेगा इस दौरान लोगों को टीबी रोग के प्रति जागरूक भी किया जाएगा ताकि जनपद को टीबी रोग से मुक्त किया जा सके।


Body:मिर्जापुर टीबी रोग से मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है डब्ल्यूएचओ 2030 तक भारत को टीबी मुक्त करने का जहां ऐलान किया है तो वहीं मिर्जापुर क्षय रोग के विभाग के अधिकारियों का मानना है कि हम 2024 तक जनपद को टीबी रोग से मुक्त करने का लक्ष्य रखे हैं। इसी के तहत यह प्रोग्राम चलाया जा रहा है जनपद में यह चौथा चरण चलाया जा रहा है हम हर चरण में 10 परसेंट आबादी का लेते हैं। हमारी टीम घर-घर जाकर टीवी रोगियों को चिन्हित करती है इसके बाद उनका सैंपल लेकर जांच किया जाता है जांच में आने पर उनका निशुल्क इलाज किया जाता है साथ ही 500 प्रति महीने के दर से उन्हें भरण-पोषण के लिए दिया जाता है। मिर्जापुर जनपद में चौथा चरण टीबी रोगियों की खोज की जा रही है इस बार 277500 कवर कर रहे हैं जिसमें संदिग्ध क्षय मरीजों की संख्या 13875 मिलने की संभावना है। 136 टीमें लगाए गए हैं जिसमें कुल 403 सदस्य हैं जो सुपरवाइजर रो के निगरानी में घर-घर जाकर सैंपल लेंगे पॉजिटिव पाने पर मरीजों को 24 घंटे के अंदर इलाज शुरू किया जाएगा साथ ही उनको भरण-पोषण के लिए 500 प्रति महीने दिया जाएगा और जो इनफॉर्म करेगा या बताएगा उसे पहली बार 500 प्रोत्साहन राशि दी जाएगी जो टीमें या सदस्य लगाए गए हैं उनको सरकार की तरफ से भत्ता दिया जाता है। मिर्जापुर के 12 ब्लॉक में जांच करने के लिए कुल 25 मशीनें लगाई गई हैं सभी मशीनों पर एलटी रखे गए हैं जो जांच करते हैं। सरकार की तरफ से एक ब्लॉक टीबी मुक्त करने को चयनित किया गया है जबकि हम दो ब्लॉक लेकर चल रहे मुक्त करने के लिए हर 4 महीने पर एक एक ब्लाक इसी तरह मुक्त करते रहेंगे। यह 10 दिवसीय प्रोग्राम है।

Bite-धर्मेंद्र-तीमारदार
Bite-एल एस मिश्रा-जिला क्षय रोग अधिकारी

जय प्रकाश सिंह
मिर्ज़ापुर
9453881630


Conclusion:
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