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मिर्जापुर: सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ाई जा रही धज्जियां, डर के साए में काम कर रहे रेलवे कर्मचारी - railways not following social distancing

यूपी के मिर्जापुर जिले में रेलवे कर्मचारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन का सनसनीखेज आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि वे 30 से 35 लोगों के साथ काम करने को मजबूर हैं, जिसकी शिकायत अधिकारियों से करने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.

रेलवे कर्मचारी.
रेलवे कर्मचारी.
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Published : Apr 29, 2020, 1:09 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: कोरोना वायरस ने पूरे देश में हाहाकार मचा रखा है. इसके रोकथाम के लिए सरकार ने देश में 3 मई तक लॉकडाउन का एलान किया है. कई क्षेत्रों में शर्तों के साथ काम करने के निर्देश भी दिए गए हैं. इस बीच मिर्जापुर रेलवे शिरोपरि उपस्कर अनुसरण केंद्र में लापरवाही का मामला सामने आया है. हेल्पर और टेक्नीशियन का आरोप है कि ओएचई पार्टी लाइन दुरुस्त करने के साथ-साथ ट्रैकों की मरम्मत करने को लेकर कहीं भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि एक ही टावर वैगन में 20 से 25 लोग काम कर रहे हैं. इससे लॉकडाउन का उल्लंघन हो रहा है.

मामले की जानकारी देते रेलवे कर्मचारी.

सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन से रेलवे कर्मचारी परेशान
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए सरकार ने देश में लॉकडाउन लागू किया है. इस लॉकडाउन के बीच कई क्षेत्रों के कामकाज में छूट दी गई है. वहीं रेलवे कर्मचारियों का आरोप है कि उनके कामकाज में किसी प्रकार के सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है. वे लॉकडाउन का उल्लंघन करने को मजबूर हैं. कई बार उन्होंने इसकी शिकायत अधिकारियों से की, लेकिन अधिकारियों की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है. कर्मचारियों का कहना है कि परिवार चलाने की जद्दोजहद के कारण वे नौकरी करने को मजबूर हैं.

अधिकारियों के दबाव में कर्मचारी
कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से देश में लॉकडाउन के बीच माल गाड़ियों और पार्सल ट्रेनों का संचालन हो रहा है. इन ट्रेनों के संचालन में किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो. इसके लिए ट्रैक की मरम्मत और दुरुस्तीकरण का काम किया जा रहा है. इस बीच रेलवे कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उनसे मजबूरन सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हो रहा है. कर्मचारियों के मुताबिक एक साथ 30 से 35 कर्मचारी काम करते हैं, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पाता. उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत कई बार उच्च अधिकारियों से की गई, लेकिन वे (अधिकारी) कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं.

अधिकारियों ने आरोपों को बताया गलत
कर्मचारियों के दबाव में काम करने के आरोप को सेक्शन इंचार्ज एनके दास ने सिरे से खारिज किया. उन्होंने बताया कि उनके यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है. सिर्फ 40 से 50 फीसदी स्टाफ ही काम पर आ रहे हैं. उनका पूरी तरह से ख्याल रखा जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग का किसी प्रकार से उल्लंघन नहीं किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- मिर्जापुर: वाट्सएप के जरिए ऑनलाइन हो रही बच्चों की पढ़ाई

मिर्जापुर: कोरोना वायरस ने पूरे देश में हाहाकार मचा रखा है. इसके रोकथाम के लिए सरकार ने देश में 3 मई तक लॉकडाउन का एलान किया है. कई क्षेत्रों में शर्तों के साथ काम करने के निर्देश भी दिए गए हैं. इस बीच मिर्जापुर रेलवे शिरोपरि उपस्कर अनुसरण केंद्र में लापरवाही का मामला सामने आया है. हेल्पर और टेक्नीशियन का आरोप है कि ओएचई पार्टी लाइन दुरुस्त करने के साथ-साथ ट्रैकों की मरम्मत करने को लेकर कहीं भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि एक ही टावर वैगन में 20 से 25 लोग काम कर रहे हैं. इससे लॉकडाउन का उल्लंघन हो रहा है.

मामले की जानकारी देते रेलवे कर्मचारी.

सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन से रेलवे कर्मचारी परेशान
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए सरकार ने देश में लॉकडाउन लागू किया है. इस लॉकडाउन के बीच कई क्षेत्रों के कामकाज में छूट दी गई है. वहीं रेलवे कर्मचारियों का आरोप है कि उनके कामकाज में किसी प्रकार के सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है. वे लॉकडाउन का उल्लंघन करने को मजबूर हैं. कई बार उन्होंने इसकी शिकायत अधिकारियों से की, लेकिन अधिकारियों की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है. कर्मचारियों का कहना है कि परिवार चलाने की जद्दोजहद के कारण वे नौकरी करने को मजबूर हैं.

अधिकारियों के दबाव में कर्मचारी
कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से देश में लॉकडाउन के बीच माल गाड़ियों और पार्सल ट्रेनों का संचालन हो रहा है. इन ट्रेनों के संचालन में किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो. इसके लिए ट्रैक की मरम्मत और दुरुस्तीकरण का काम किया जा रहा है. इस बीच रेलवे कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उनसे मजबूरन सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हो रहा है. कर्मचारियों के मुताबिक एक साथ 30 से 35 कर्मचारी काम करते हैं, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पाता. उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत कई बार उच्च अधिकारियों से की गई, लेकिन वे (अधिकारी) कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं.

अधिकारियों ने आरोपों को बताया गलत
कर्मचारियों के दबाव में काम करने के आरोप को सेक्शन इंचार्ज एनके दास ने सिरे से खारिज किया. उन्होंने बताया कि उनके यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है. सिर्फ 40 से 50 फीसदी स्टाफ ही काम पर आ रहे हैं. उनका पूरी तरह से ख्याल रखा जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग का किसी प्रकार से उल्लंघन नहीं किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- मिर्जापुर: वाट्सएप के जरिए ऑनलाइन हो रही बच्चों की पढ़ाई

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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