मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश में पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है. जिले में भी 17 घटनाएं हुई हैं, जिसमें 10 घटनाओं पर मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले में मड़िहान लालगंज तहसील के 18 किसानों पर मुकदमा दर्ज है. इन किसानों से एक लाख 7 हजार रुपये का राजस्व कार्रवाई के दौरान वसूल भी किया गया है. इस कड़ी में जिलाधिकारी ने अपील किया है कि पराली न जलाएं. हमें दे उसे हम गौशाला में यूज कर लेंगे. पराली जलाने से प्रदूषण और जमीन की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है. शासन से भी निर्देश है कि पराली जलाने की घटनाएं शून्य की जाए. उसी के क्रम मे लोग कार्य कर रहे हैं.
पराली जलाने वालों को लेकर प्रशासन हुआ सख्त
- पत्रकार वार्ता में जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल और पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने किसानों से पराली न जलाने की अपील की.
- उन्होंने कहा कि पराली जलाने से वातावरण प्रदूषित होगा, जिससे जनमानस को भी उसका खामियाजा भुगतना पड़ता है.
- जिलाधिकारी ने कहा कि अपने अपने संचार माध्यम से इसका प्रचार-प्रसार करें ताकि जागरूकता बढ़े.
- सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में पराली न जलाने के प्रति काफी गंभीरता बरती जा रही है.
- जिलाधिकारी का कहना है कि पराली किसान न जलाएं.
- पराली को किसान जिलाधिकारी को दे वे पराली को गौशाला के कामों में उपयोग करेंगे.
- शासन का निर्देश है कि पराली की घटनाओं को शून्य किया जाए.
- इसी के क्रम में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन मिलकर कार्य कर रही है.
- मिर्जापुर में कुल 17 घटनाएं हुई हैं, जिसमें में 10 पर एफआईआर दर्ज किया गया है.
- इस एफआईआर में कुल 18 किसान शामिल हैं, जिनसे 1 लाख 7 हजार की वसूली भी की गई है.
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