आगरा : जिले की एमपी-एमएलए कोर्ट में आज अभिनेत्री और हिमाचल की मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत मामले में सुनवाई हुई. हालांकि अभिनेत्री कोर्ट में पेश नहीं हुईं. उनके वकील भी नहीं पहुंचे. कोर्ट ने अगली सुनवाई 12 दिसंबर नियत की है. इससे पूर्व कोर्ट में 12 नवंबर को भी सुनवाई की थी. उस दौरान राष्ट्रद्रोह के आरोप से घिरी अभिनेत्री को नोटिस जारी करके जबाव तलब किया था. नोटिस तामील हो चुकी है. नोटिस के मुताबिक, 28 नवंबर यानी गुरुवार को भाजपा सांसद को व्यक्तिगत रूप से या अधिवक्ता के माध्यम से एमपी-एमएलए कोर्ट में अपना पक्ष रखना था.
वरिष्ठ अधिवक्ता दुर्गविजय सिंह भैया ने बताया कि, स्पेशल कोर्ट एमपी-एमएलए के न्यायधीश अनुज कुमार सिंह ने गुरुवार दोपहर इस मामले की सुनवाई की. नोटिस तामील होने के बाद भी अभिनेत्री कंगना राणावत ना तो सुनवाई में आईं और ना ही उनकी ओर से कोई अधिवक्ता कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ. इस पर कोर्ट ने अब इस मामले में अगली तारीख 12 दिसंबर दी है. कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना जो आदेश जारी करेगा. उसका इंतजार है. कंगना देश की बेटी हैं. वो हमारी भी बेटी हैं. हम भी उनका सम्मान करते हैं. मगर, यदि बेटी ही इस तरह के बयान देगी तो उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा. हमें कोर्ट से न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है.
किसानों के खिलाफ की थी आपत्तिजनक टिप्पणी : अभिनेत्री आजकोर्ट में हाजिर नहीं होती है तो मामले को कोर्ट आगे बढ़ाएगा. इस बारे में आगरा के वरिष्ठ कांग्रेस नेता व अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट में कंगना रनौत के विरुद्ध देशद्रोह व राष्ट्र अपमान की धाराओं में 11 सितंबर 2024 को वाद दायर किया था. इसमें आरोप था कि भाजपा सांसद व अभिनेत्री कंगना रनौत ने 26 अगस्त 2024 को एक साक्षात्कार में केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करने वाले किसानों को हत्यारा बताने के साथ ही विरुद्ध आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया था.
ये है पूरा मामला : आगरा में राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने 31 अगस्त 2024 को आगरा पुलिस कमिश्नर और न्यू आगरा थाना प्रभारी को शिकायत भेजी थी. इसमें भाजपा सांसद व अभिनेत्री कंगना के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. अभिनेत्री ने 26 अगस्त 2024 को एक इंटरव्यू में एमएसपी एवं अन्य मांगों को लेकर आंदोलन करने वालों किसानों को लेकर टिप्पणी की थी. कहा था कि सन 2020 और 2021 में दिल्ली के बार्डर पर धरने पर बैठे लाखों किसानों के प्रति अभिनेत्री ने अभद्र टिप्पणी की. इतना ही नहीं, भाजपा सांसद अभिनेत्री ने किसानों को हत्यारा और बलात्कारी होने का आरोप लगाने के साथ ही 16 नवंबर 2021 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसात्मक सिद्धांत का भी मजाक उड़ाया था.
पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने जारी किया था नोटिस : वरिष्ठ अधिवक्ता दुर्गविजय सिंह भैया ने बताया कि, न्यायालय में 12 नवंबर को इस मामले की सुनवाई हुई थी. जिसमें पिछली तारीख पर गवाह के बयान दर्ज होने पर स्पेशल कोर्ट एमपी-एमएलए के न्यायधीश अनुज कुमार सिंह से अभिनेत्री कंगना को नोटिस जारी करने की मांग की. इस पर कोर्ट ने अभिनेत्री को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं. इस मामले की अब अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होनी है.
देश, किसान और महात्मा गांधी का सम्मान जरूरी : वादी व राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा का कहना है कि अभिनेत्री के विवादित बयान से मैं खुद आहत हूं. मैं एक किसान परिवार से हूं. मैंने पिता के साथ खेतों में काम किया. वकालत से पूर्व करीब 30 वर्ष तक कृषि कार्य किया है. देश, किसानों के प्रति और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति पूर्ण रूप से श्रद्धा भाव व सम्मान रखता हूं. देश के किसानों के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने तथा महात्मा गांधी के अहिंसात्मक सिद्धांत का अपमान की किसी को अनुमति नहीं है. अभिनेत्री की टिप्पणी बर्दाश्त नहीं है. ये राष्ट्रद्रोह और राष्ट्र के अपमान जैसा गंभीर अपराध है. लिहाजा कंगना के खिलाफ राष्ट्रदोह और राष्ट्र अपमान का मुकदमा दर्ज कराने की मांग कर रहा हूं.
कंगना जारी कर चुकी हैं वीडियो : बता दें कि अभिनेत्री व भाजपा सांसद कंगना रनौत ने 25 सितंबर को सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर एक वीडियो पोस्ट करके अपने शब्द वापस लेने की बात कही थी. कहा था कि मेरी बात से यदि यदि किसी को निराशा हुई है तो मुझे इसका खेद रहेगा. वीडियो में अभिनेत्री कंगना राणावत कह रही हैं कि, मैं केवल अभिनेत्री ही नहीं भाजपा की सांसद भी हूं. मेरे बयान से जिसे भी ठेंस पहुंची है है. उसके लिए मुझे खेद है.
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