मिर्जापुर: लॉकडाउन के दौरान शादियों में धूम धड़का नहीं होने से डीजे, रोड लाइट और बग्घी वालों का रोजगार छिन गया है. हर साल शादियों के सीजन में इन लोगों की खूब कमाई होती थी. ऐसे में इस बार भी लाखों रुपये लगाकर बग्घी को तैयार कराया था कि शादी के सीजन में अच्छी कमाई होगी, लेकिन कोरोना के चलते लागू लॉकडाउन में शादियां कैंसिल होने से इन सभी के अरमानों पर पानी फिर गया है.
लॉकडाउन से कारोबार पर पड़ा असर
डीजे रोड लाइट कारोबारियों का कहना है कि उन्होंने सोचा था कि इस सीजन में अच्छी कमाई होगी. एक डीजे रोड लाइट में 28 मजदूर रहते हैं. सब परेशान हो रहे हैं. वहीं बग्घी वाले कारोबारी भी परेशान हैं. उनका कहना है कि शादियों में बुकिंग नहीं मिलने से घोड़ों को चारा खिलाना मुश्किल हो रहा है. साथ ही इसी कमाई से साल भर परिवार का खर्च चलता था. सब खत्म हो गया.
लाखों रुपये लगाकर की थी तैयारी
मिर्जापुर में सैकड़ों डीजे रोड लाइट और बग्घी कारोबारी हैं. सभी ने लाखों रुपये लगाकर तैयारियां की थीं कि इस गर्मी सीजन में शादियों से अच्छी कमाई होगी. कुछ व्यापारियों ने तो कर्ज लेकर तैयारी की थी, लेकिन उनके अरमानों पर पानी फिर गया. अप्रैल, मई और जून के महीने में शादियों का सीजन होता है. इस दौरान इन लोगों की अच्छी कमाई होती थी. लेकिन इस बार इन लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है.
कर्ज लेकर घोड़ों को खिला रहे चारा
लॉकडाउन के चलते अब रोड लाइट और डीजे वाले मजदूरों को खर्च नहीं दे पा रहे हैं तो वहीं बग्घी वाले घोड़ों को कर्ज लेकर किसी तरह चारा खिला रहे हैं. उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है, क्योंकि उनके पास इतना बजट नहीं है कि वे मजदूरों को पैसा दें और घोड़ों को चारा खिला पाएं.
कारोबारियों ने बयां किया दर्द
बग्घी वालों का कहना है कि, हर साल शादी के सीजन का इंतजार रहता है, मगर लॉकडाउन की वजह से शादियां कैंसिल हो रही हैं. बुकिंग नहीं मिल पा रही है, जिससे घोड़ों को चारा खिलाना और परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने बताया कि 10 से 12 शादियां मिल जाती थी, जिससे पूरे वर्ष का खर्च चल जाता था.
वहीं डीजे और रोड लाइट वालों का भी कुछ ऐसा ही हाल है. उनका कहना है कि इस सीजन का इंतजार उन्हें साल भर इंतजार रहता है कि शादियां होंगी और अच्छी कमाई होगी मगर लॉकडाउन होने से अब परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. इस सीजन में पूरी तरह से बुकिंग बंद है, लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. किसी तरह जो असहाय लेबर हैं, उनको तो हम खाने की व्यवस्था कर दे रहे हैं, मगर सबके लिए नहीं हो पा रहा है.
मिर्जापुर: लॉकडाउन से कालीन कारोबारियों को करोड़ों का नुकसान
उन्होंने कहा कि हम लोग सरकार से मांग करते हैं कि हम लोगों की भी कुछ सहायता की जाए, जिससे हम लोगों का भी जीविकोपार्जन चल सके.