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मिर्जापुर: प्रसिद्ध कजली गायिका अजीता श्रीवास्तव को मिलेगा अकादमी पुरस्कार

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Published : Sep 14, 2019, 9:41 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर को पहली बार प्रदेश संगीत नाटक अकादमी द्वारा लोक गायन के क्षेत्र में पुरस्कार मिला है. प्रदेश अकादमी पुरस्कार द्वारा जारी किए गये 2017 के नामों में मिर्जापुर की प्रसिध्द कजली गायिका अजीता श्रीवास्तव को इस पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. अजीता श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत से बात-चीत कर अपनी खुशी जाहिर की.

मिर्जापुर की प्रसिद्ध कजली गायिका अजीता श्रीवास्तव से बातचीत करते ईटीवी भारत संवाददाता.

मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी द्वारा लोक गायन के क्षेत्र में मिलने वाले अकादमी पुरस्कार की घोषणा हो गयी है. मिर्जापुर की प्रसिद्ध कजली गायिका अजीता श्रीवास्तव को भी 2017 के अकादमी पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. इस क्षेत्र में मिलने वाला जिले का यह पहला पुरस्कार है. पुरस्कार चयनित होने के बाद से ही अजीता श्रीवास्तव बहुत खुश हैं. उनका कहना है कि 35 सालों से इस क्षेत्र में लगी हूं अब जाकर सफलता मिली है.

मिर्जापुर की प्रसिद्ध कजली गायिका अजीता श्रीवास्तव से बातचीत करते ईटीवी भारत संवाददाता.
आज भी देतीं हैं बच्चों को प्रशिक्षणदेशभर में कजली गायन के क्षेत्र में नाम रोशन करने वाली मिर्जापुर की सुविख्यात कजली गायिका अजीता श्रीवास्तव को लोक गायन और कजली के क्षेत्र में वर्ष 2017 का अकादमी पुरस्कार मिलेगा. विगत 35 वर्षों से लोक संगीत के क्षेत्र में लंबी साधना के बाद अजीता श्रीवास्तव ने एक अलग पहचान बनायी है. ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होने कहा कि हमें उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के द्वारा लोक गायन और कजली के क्षेत्र में अकादमी पुरस्कार 2017 के लिए चुना गया है. मुझे बिल्कुल उम्मीद नहीं थी, जब सूचना मिली तो मैं बहुत खुशी हुई.

सन 80 से मुख्य रूप से रेडियो टेलीविजन मंच से गायन शुरू किया था. मैं एक शिक्षिका हूं, इस नाते मेरा क्षेत्र व्यापक हैं और हमारे लगभग तीन हजार स्टूडेंट हैं. हमें संगीत क्लास लेने का भी मौका मिलता था और लोक विधा के बारे में बच्चों को बताती थी. कॉलेज में जितने कल्चरल प्रोग्राम होते थे, मुझे उसमें भागीदारी मिलती थी. मिर्जापुर में इससे पहले संस्कृत वादन से लेकर लोग विधा गायन के लिए आज तक संगीत नाटक अकादमी का पुरस्कार किसी को नहीं मिला था, ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे मिला. मैं सरकार को मैं धन्यवाद दूंगी और कहूंगी कि इस तरह की और लोके विधा हैं उनको भी चयनित किया जाए. आज भी मैं लोग गायन के क्षेत्र में स्टूडेंट्स को प्रशिक्षण दे रही हूं. कई वर्षों से उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी का पुरस्कार की घोषणा नहीं हो रही थी. इस वर्ष घोषणा की गई है, जल्द ही लखनऊ बुलाकर सबको पुरस्कृत किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- बेसिक शिक्षा मंत्री की मीडिया को नसीहत, बोले- जैसे सब के लिए मर्यादा है, वैसे मीडिया के लिए भी

कैसा रहा 35 वर्षों का सफर
प्रसिद्ध कजली गायिका का जन्म वाराणसी जनपद में हुआ था. काशी हिंदू विश्वविद्यालय से परास्नातक, गोरखपुर विश्वविद्यालय से B.Ed, प्रयाग संगीत समिति से संगीत प्रभाकर कर संगीत में महारत हासिल की है. वर्तमान समय में आर्य कन्या इंटर कॉलेज में प्रवक्ता पद पर कार्यरत हैं. अजीता श्रीवास्तव आकाशवाणी वाराणसी के भोजपुरी लोक संगीत की उच्च श्रेणी की गायिका हैं. लखनऊ दूरदर्शन, संस्कृत विभाग, संगीत नाटक अकादमी उत्तर प्रदेश, मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, सूचना विभाग, पर्यटन विभाग, भारतीय संस्कृति संबंध परिषद तथा टी-सीरीज कंपनी में अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं.

मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी द्वारा लोक गायन के क्षेत्र में मिलने वाले अकादमी पुरस्कार की घोषणा हो गयी है. मिर्जापुर की प्रसिद्ध कजली गायिका अजीता श्रीवास्तव को भी 2017 के अकादमी पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. इस क्षेत्र में मिलने वाला जिले का यह पहला पुरस्कार है. पुरस्कार चयनित होने के बाद से ही अजीता श्रीवास्तव बहुत खुश हैं. उनका कहना है कि 35 सालों से इस क्षेत्र में लगी हूं अब जाकर सफलता मिली है.

मिर्जापुर की प्रसिद्ध कजली गायिका अजीता श्रीवास्तव से बातचीत करते ईटीवी भारत संवाददाता.
आज भी देतीं हैं बच्चों को प्रशिक्षणदेशभर में कजली गायन के क्षेत्र में नाम रोशन करने वाली मिर्जापुर की सुविख्यात कजली गायिका अजीता श्रीवास्तव को लोक गायन और कजली के क्षेत्र में वर्ष 2017 का अकादमी पुरस्कार मिलेगा. विगत 35 वर्षों से लोक संगीत के क्षेत्र में लंबी साधना के बाद अजीता श्रीवास्तव ने एक अलग पहचान बनायी है. ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होने कहा कि हमें उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के द्वारा लोक गायन और कजली के क्षेत्र में अकादमी पुरस्कार 2017 के लिए चुना गया है. मुझे बिल्कुल उम्मीद नहीं थी, जब सूचना मिली तो मैं बहुत खुशी हुई.

सन 80 से मुख्य रूप से रेडियो टेलीविजन मंच से गायन शुरू किया था. मैं एक शिक्षिका हूं, इस नाते मेरा क्षेत्र व्यापक हैं और हमारे लगभग तीन हजार स्टूडेंट हैं. हमें संगीत क्लास लेने का भी मौका मिलता था और लोक विधा के बारे में बच्चों को बताती थी. कॉलेज में जितने कल्चरल प्रोग्राम होते थे, मुझे उसमें भागीदारी मिलती थी. मिर्जापुर में इससे पहले संस्कृत वादन से लेकर लोग विधा गायन के लिए आज तक संगीत नाटक अकादमी का पुरस्कार किसी को नहीं मिला था, ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे मिला. मैं सरकार को मैं धन्यवाद दूंगी और कहूंगी कि इस तरह की और लोके विधा हैं उनको भी चयनित किया जाए. आज भी मैं लोग गायन के क्षेत्र में स्टूडेंट्स को प्रशिक्षण दे रही हूं. कई वर्षों से उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी का पुरस्कार की घोषणा नहीं हो रही थी. इस वर्ष घोषणा की गई है, जल्द ही लखनऊ बुलाकर सबको पुरस्कृत किया जाएगा.

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कैसा रहा 35 वर्षों का सफर
प्रसिद्ध कजली गायिका का जन्म वाराणसी जनपद में हुआ था. काशी हिंदू विश्वविद्यालय से परास्नातक, गोरखपुर विश्वविद्यालय से B.Ed, प्रयाग संगीत समिति से संगीत प्रभाकर कर संगीत में महारत हासिल की है. वर्तमान समय में आर्य कन्या इंटर कॉलेज में प्रवक्ता पद पर कार्यरत हैं. अजीता श्रीवास्तव आकाशवाणी वाराणसी के भोजपुरी लोक संगीत की उच्च श्रेणी की गायिका हैं. लखनऊ दूरदर्शन, संस्कृत विभाग, संगीत नाटक अकादमी उत्तर प्रदेश, मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, सूचना विभाग, पर्यटन विभाग, भारतीय संस्कृति संबंध परिषद तथा टी-सीरीज कंपनी में अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं.

Intro:उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी द्वारा लोक गायन क्षेत्र में मिलने वाला अकादमी पुरस्कार की घोषणा हो गया है। मिर्जापुर की प्रसिद्ध कजली गायिका अजिता श्रीवास्तव को भी 2017 के अकादमी पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। यह मिर्जापुर के लिए गर्व की बात है। इस क्षेत्र में मिलने वाला मिर्जापुर के लिए यह पहला पुरस्कार है। पुरस्कार चयनित होने के बाद से ही अजीता श्रीवास्तव बहुत खुश हैं उनका कहना है कि 35 सालों से क्षेत्र में लगी हूं अब जाकर सफलता मिली है।


Body:देशभर में कजली गायन के क्षेत्र में नाम रोशन करने वाली मिर्ज़ापुर की सुविख्यात कजली गायिका अजिता श्रीवास्तव को लोक गायन व कजली के क्षेत्र में वर्ष 2017 का अकादमी पुरस्कार मिलेगा। विगत 35 वर्षों से लोक संगीत के क्षेत्र में लंबी साधना के बाद एक अलग पहचान बनाए हुए हैं। अजीता श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि हमें उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के द्वारा लोक गायन कजली के के क्षेत्र अकादमी पुरस्कार 2017 के लिए चुना गया है। मुझे बिल्कुल उम्मीद नहीं थी जब सूचना मिली तो मैं बहुत खुशी हुई। सन 80 से मुख्य रूप से रेडियो टेलीविजन मंच से गायन शुरू किया था। हम एक शिक्षिका हैं इस नाते हमारे जो क्षेत्र हैं वह व्यापक है 3000 हमारे लगभग स्टूडेंट हैं हमें संगीत क्लास लेने का भी मौका मिलता था और लोक विधा के बारे में में बच्चों को बताती थी जितने कल्चरल प्रोग्राम होते थे कालेज में उसने मुझे भागीदारी मिलती थी। मिर्जापुर में संस्कृत वादन में से लेकर लोग विधायक गायन तक के लिए आज तक संगीत नाटक अकादमी का पुरस्कार इसके पहले किसी को नहीं मिला था मुझे मिला है यह मेरा सौभाग्य है सरकार को मैं धन्यवाद दूंगी इस तरह और लोके विधा है उनको भी चयनित किया जाए। आज भी लोग गायन के क्षेत्र में मैं स्टूडेंट को प्रशिक्षण दे रही हूं। कई वर्षों से उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी का पुरस्कार की घोषणा नहीं हो रही थी इस वर्ष घोषणा हुई है जो पिछले साल नहीं हो पाए थे वह भी इस वर्ष घोषणा की गई है जल्द ही लखनऊ बुलाकर पुरस्कृत किया जाएगा।

one to one अजिता श्रीवास्तव-कजली गायिका


Conclusion:प्रसिद्ध कजली गायिका का जन्म वाराणसी जनपद में हुआ था। काशी हिंदू विश्वविद्यालय से परास्नातक गोरखपुर विश्वविद्यालय से B.Ed प्रयाग संगीत समिति से संगीत प्रभाकर कर संगीत में महारत हासिल की हैं ।वर्तमान समय में आर्य कन्या इंटर कॉलेज में प्रवक्ता पद पर कार्यरत हैं। आकाशवाणी वाराणसी की भोजपुरी लोक संगीत के उच्च श्रेणी की गायिका की है। लखनऊ दूरदर्शन ,संस्कृत विभाग, संगीत नाटक अकादमी उत्तर प्रदेश मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र सूचना विभाग पर्यटन विभाग भारतीय संस्कृति संबंध परिषद तथा टी सीरीज कंपनी में अपना प्रस्तुति दी है ।उन्होंने कजली गायन के क्षेत्र में ऊंचाइयों को नया आयाम दिया है अब लोक गायन कजली में वर्ष 2017 का अकादमी पुरस्कार दिए जाने की जानकारी पाकर बहुत खुश हैं।

जय प्रकाश सिंह
मिर्ज़ापुर
9453881630
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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