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मेरठ का इकलौता महिला पार्क बदहाल

मेरठ में बच्चा पार्क चौराहे के पास मौजूद पश्चमी उत्तर प्रदेश का एक मात्र महिला पार्क है. जहां रोजना बड़ी संख्या में महिलाएं और लड़कियां घूमने आती हैं. महिलाएं इस पार्क में बैठकर सुकून महसूस करती हैं. लेकिन, पार्क की टूटी दीवार और यहां के टूटे हुए झूले कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं.

पार्क का हाल बेहाल.
पार्क का हाल बेहाल.
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Published : Jan 10, 2021, 1:19 PM IST

मेरठ: एक ओर जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पार्कों का सौंदर्यीकरण करने के दावे कर रही है. वहीं नगर निगम की अनदेखी के चलते मेरठ का इकलौता महिला पार्क न सिर्फ बदहाली के आंसू बहा रहा है, बल्कि सरकार के दावों की भी पोल खोल रहा है.

महिला पार्क का हाल बेहाल.

अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा पार्क

मेरठ के महिला पार्क में जंग खा रहे झूले हादसों को दावत दे रहें हैं, तो टूटी हुई दीवारें पार्क में आने वाली महिलाओं और लड़कियों के लिए खतरा बनी हुई हैं. जिसके चलते महिला पार्क में भी वे अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रही हैं. इतना ही नहीं ज्यादातर झूले और बच्चों के खेलने के सामान टूटे पड़े हैं. प्रतिदिन बड़ी संख्या में छात्राएं इस पार्क में न सिर्फ खाली समय बिताती है, बल्कि यहां बैठकर पढ़ाई भी करती हैं. बावजूद इसके पार्क की कोई सुधि लेने वाला नहीं है.

मेरठ का इकलौता महिला पार्क.
मेरठ का इकलौता महिला पार्क.

महिला पार्क में पुरुषों का प्रवेश वर्जित

आपको बता दें कि, मेरठ के इस पार्क में पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है. इस महिला पार्क में सिर्फ महिलाओं और लड़कियों को ही एंट्री दी जाती है. अगर कोई पुरुष या लड़का अंदर आने की कोशिश भी करता है तो उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है.

पार्क में खेलती छात्राएं.
पार्क में खेलती छात्राएं.

अंग्रेजों के जमाने से है पार्क

मेरठ महानगर के बीचों बीच यह महिला पार्क अंग्रेजों के जमाने का है. सन् 1935 में अंग्रेजों द्वारा बनाये गए इस पार्क के बाहर स्पष्ट लिखा है कि यह पार्क केवल महिलाओं के लिए है. यहां पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह वर्जित है. पार्क में लगे पौधों की हरियाली और हरी घास हर यहां आने वाली महिलाओं को आकर्षित करती है. महिलाएं और बेटियां यहां आकर बेफिक्र होकर एन्जॉय करती हैं. महिलाओं और लड़कियों की यहां लगने वाली भीड़ से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस पार्क को कितना पसंद किया जाता है. पार्क में आकर कोई सर्दी के मौसम में धूप सेंकता है, तो कोई झूला झूलते दिखाई देता है.

इस पार्क में पुरुषों की नहीं हो सकती एंट्री.
इस पार्क में पुरुषों की नहीं हो सकती एंट्री.

टूटे झूले दे रहे हादसों को दावत

ईटीवी भारत की टीम ने जब अंग्रेजों के जमाने में बने इस महिला पार्क का जायजा लिया तो, यहां की बदहाली की तस्वीरें हमारे कैमरे में कैद हो गईं. पार्क में आईं महिलाओं और लड़कियों ने बताया कि झूलों में जंग लगा हुआ है, जो कभी भी टूट सकते है. साथ ही उन्होंने बताया कि कई बार पार्क की टूटी हुई दीवारों के रास्ते शरारती तत्व भी अंदर घुस जाते हैं, जिसकी वजह से महिलाएं और लड़कियां असुरक्षित महसूस करती हैं. साथ ही पार्क में साफ-सफाई भी नहीं है, जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहा है.

पार्क की हालत खराब.
पार्क की हालत खराब.

जीर्णोद्धार के लिए एक करोड़ प्रस्तावित

नगर आयुक्त मनीष बंसल ने बताया कि शहर के एक मात्र महिला पार्क के जीर्णोद्धार के लिए अमृत योजना के तहत एक करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं. महिला पार्क के झूले और दीवारों को सही कराया जाएगा. साफ-सफाई के लिए पहले ही निर्देशित किया है. टूटे हुए झूलों की जगह नए झूले लगाए जाएंगे. इसके अलावा पार्क में ओपन जिम की भी व्यवस्था की जाएगी. जल्द ही इकलौते महिला पार्क का जीर्णोद्धार कर कायाकल्प कर दिया जाएगा.

पार्क में बच्चों के खेलने के सामान टूटा.
टूटा पड़ा है पार्क में बच्चों के खेलने के सामान

मेरठ: एक ओर जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पार्कों का सौंदर्यीकरण करने के दावे कर रही है. वहीं नगर निगम की अनदेखी के चलते मेरठ का इकलौता महिला पार्क न सिर्फ बदहाली के आंसू बहा रहा है, बल्कि सरकार के दावों की भी पोल खोल रहा है.

महिला पार्क का हाल बेहाल.

अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा पार्क

मेरठ के महिला पार्क में जंग खा रहे झूले हादसों को दावत दे रहें हैं, तो टूटी हुई दीवारें पार्क में आने वाली महिलाओं और लड़कियों के लिए खतरा बनी हुई हैं. जिसके चलते महिला पार्क में भी वे अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रही हैं. इतना ही नहीं ज्यादातर झूले और बच्चों के खेलने के सामान टूटे पड़े हैं. प्रतिदिन बड़ी संख्या में छात्राएं इस पार्क में न सिर्फ खाली समय बिताती है, बल्कि यहां बैठकर पढ़ाई भी करती हैं. बावजूद इसके पार्क की कोई सुधि लेने वाला नहीं है.

मेरठ का इकलौता महिला पार्क.
मेरठ का इकलौता महिला पार्क.

महिला पार्क में पुरुषों का प्रवेश वर्जित

आपको बता दें कि, मेरठ के इस पार्क में पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है. इस महिला पार्क में सिर्फ महिलाओं और लड़कियों को ही एंट्री दी जाती है. अगर कोई पुरुष या लड़का अंदर आने की कोशिश भी करता है तो उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है.

पार्क में खेलती छात्राएं.
पार्क में खेलती छात्राएं.

अंग्रेजों के जमाने से है पार्क

मेरठ महानगर के बीचों बीच यह महिला पार्क अंग्रेजों के जमाने का है. सन् 1935 में अंग्रेजों द्वारा बनाये गए इस पार्क के बाहर स्पष्ट लिखा है कि यह पार्क केवल महिलाओं के लिए है. यहां पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह वर्जित है. पार्क में लगे पौधों की हरियाली और हरी घास हर यहां आने वाली महिलाओं को आकर्षित करती है. महिलाएं और बेटियां यहां आकर बेफिक्र होकर एन्जॉय करती हैं. महिलाओं और लड़कियों की यहां लगने वाली भीड़ से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस पार्क को कितना पसंद किया जाता है. पार्क में आकर कोई सर्दी के मौसम में धूप सेंकता है, तो कोई झूला झूलते दिखाई देता है.

इस पार्क में पुरुषों की नहीं हो सकती एंट्री.
इस पार्क में पुरुषों की नहीं हो सकती एंट्री.

टूटे झूले दे रहे हादसों को दावत

ईटीवी भारत की टीम ने जब अंग्रेजों के जमाने में बने इस महिला पार्क का जायजा लिया तो, यहां की बदहाली की तस्वीरें हमारे कैमरे में कैद हो गईं. पार्क में आईं महिलाओं और लड़कियों ने बताया कि झूलों में जंग लगा हुआ है, जो कभी भी टूट सकते है. साथ ही उन्होंने बताया कि कई बार पार्क की टूटी हुई दीवारों के रास्ते शरारती तत्व भी अंदर घुस जाते हैं, जिसकी वजह से महिलाएं और लड़कियां असुरक्षित महसूस करती हैं. साथ ही पार्क में साफ-सफाई भी नहीं है, जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहा है.

पार्क की हालत खराब.
पार्क की हालत खराब.

जीर्णोद्धार के लिए एक करोड़ प्रस्तावित

नगर आयुक्त मनीष बंसल ने बताया कि शहर के एक मात्र महिला पार्क के जीर्णोद्धार के लिए अमृत योजना के तहत एक करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं. महिला पार्क के झूले और दीवारों को सही कराया जाएगा. साफ-सफाई के लिए पहले ही निर्देशित किया है. टूटे हुए झूलों की जगह नए झूले लगाए जाएंगे. इसके अलावा पार्क में ओपन जिम की भी व्यवस्था की जाएगी. जल्द ही इकलौते महिला पार्क का जीर्णोद्धार कर कायाकल्प कर दिया जाएगा.

पार्क में बच्चों के खेलने के सामान टूटा.
टूटा पड़ा है पार्क में बच्चों के खेलने के सामान
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