मेरठ: 'सखी सैयां तो खूब ही कमात हैं, महंगाई डायन खाए जात है'. ये हिंदी फिल्म का एक गीत है जो आजकल खूब गुनगुनाया जा रहा है क्योंकि महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है. इसके चलते आमआदमी बेहद परेशान है. आलम ये है कि जहां सब्जियों की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है तो वहीं गर्मियों में सर्वाधिक उपयोग में आने वाला नींबू लोगों की पहुंच से दूर होता जा रहा है. जी हां! जनपद मेरठ में इन दिनों नींबू कुछ ऐसा हो गया है कि जनता इसे खरीदने की बजाए सिर्फ देखना बेहतर समझ रही है.
मेरठ में नींबू 300 रुपये प्रति किलोग्राम या इससे भी अधिक में मिल रहा है. इसके चलते अब लोगों ने अपने प्रतिष्ठान पर नींबू-मिर्ची का भी विकल्प खोजना शुरू कर दिया है. सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि महंगाई दिनों-दिन बढ़ रही है जिसके चलते नींबू के दामों में उछाल आ रहा है. एक नींबू 10 रुपये का मिल रहा है जबकि ग्राहकों का कहना है कि महंगाई की मार अब सीधे उनके जेबों पर पड़ रही है. एक तरफ गर्मी है तो दूसरी ओर नींबू की कीमतों में बढ़ोतरी. ऐसे में वह कैसे इस गर्मी से निजात पाएंगे.
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गौरतलब है कि महंगाई की तस्वीर भी कुछ यूं है कि दुकानों या घरों के बाहर बुरी नजर से बचने के लिए लोग असली नींबू मिर्च की जगह अब प्लास्टिक के नींबू व मिर्च का इस्तेमाल करना शुरू कर चुके हैं.
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